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चंपारण सत्याग्रह पर विशेष: ‘वह गांव-गांव, गली-गली किसानों के पास जाकर उनका दर्द सुनता है’

मेजर ध्यानचंद/ फोटो: Twitter

शख्सियत Sakhsiyath

अपने वाजिब हक के लिए कब तक इंतजार करना पड़ेगा ध्यानचंद को?



कमल हासन/ फोटो: Getty Images

शख्सियत Sakhsiyath

सिनेमा और राजनीति के कमल हासन

प्रेमचंद/ फोटो: Twitter

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‘जेठ के दिन हैं, अभी तक खलिहानों में अनाज मौजूद है, मगर किसी के चेहरे पर खुशी नहीं है’

चार्ली चैप्लिन/ फोटो: Getty Images

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‘हम कितनी जल्दी पहले विश्व युद्ध की विभीषिका और चार वर्ष के मृत्यु के तांडव को भूल गए?’

एस पॉल की एक पुरानी तस्वीर / फोटो : Pramod Pushkarna

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एस पॉल : बातें करती थीं जिनकी तस्वीरें

सआदत हसन मंटो/ फोटो: Twitter

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‘मैं न हिंदुस्तान में रहना चाहता हूं न पाकिस्तान में’, मैं इस पेड़ पर रहूंगा’

महात्मा गांधी/ फोटो: Getty Images

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‘मुझे लोगों को सत्याग्रह का रहस्य समझाने का उत्साह था’