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किताबें KITABE
किताबें Kitabe
गुजरात के बहाने हर सांप्रदायिक दंगे का सच दिखाती किताब, जिसे हर ‘भक्त’ को जरूर पढ़ना चाहिए
दिवाकर
साझी संस्कृति और विरासत का खूबसूरत उदाहरण हैं भाषाएं, फर्क मिटाने के लिए अनुवाद को मिले बढ़ावा: किरन मनराल
विश्व पुस्तक दिवस: सफदर हाशमी की कविता ‘किताबें’
पुस्तक समीक्षा: उपन्यास के रूप में निराश करती है ‘एक सच्ची झूठी गाथा’
‘कमजोर आत्मा वाले समर्पण कर देते हैं, लेकिन बाकी लोग मशाल को आगे ले चलते हैं’
चंपारण सत्याग्रह पर विशेष: ‘वह गांव-गांव, गली-गली किसानों के पास जाकर उनका दर्द सुनता है’
‘जेठ के दिन हैं, अभी तक खलिहानों में अनाज मौजूद है, मगर किसी के चेहरे पर खुशी नहीं है’
किताबें Kitabe
‘हम कितनी जल्दी पहले विश्व युद्ध की विभीषिका और चार वर्ष के मृत्यु के तांडव को भूल गए?’
23 Aug 2017, 2:00 PM
किताबें Kitabe
‘मैं न हिंदुस्तान में रहना चाहता हूं न पाकिस्तान में’, मैं इस पेड़ पर रहूंगा’
18 Aug 2017, 4:40 PM
किताबें Kitabe
‘मैं उसके छोड़े हुए सिगरेटों के टुकड़ों को संभालकर अलमारी में रख लेती थी’
18 Aug 2017, 4:31 PM
किताबें Kitabe
‘मुझे लोगों को सत्याग्रह का रहस्य समझाने का उत्साह था’
18 Aug 2017, 4:24 PM
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