हल्द्वानी रेलवे अतिक्रमण मामला: RPF और PAC की कंपनियां को बुलाया गया, ऊधमसिंह नगर में जेल बनाने की योजना
पूर्वोत्तर रेलवे ने नोटिस जारी करते हुए कहा है कि 7 दिन के अंदर जगह खाली कर दें, नहीं तो जबरदस्ती अतिक्रमण हटाया जाएगा। अतिक्रमण तोड़ने के दौरान अगर गिरफ्तार करने की नौबत आई, तो इसके लिए ऊधमसिंह नगर में जेल बनाने की योजना बनाई जा रही है।
उत्तराखंड के हल्द्वानी के बनभूलपुरा और गफूर बस्ती में रेलवे की करीब 70 एकड़ जमीन से करीब चार हजार से अवैध घरों को हटाने के लिए रेलवे, पुलिस और प्रशासन ने कमर कस ली है। इसके लिए आरपीएफ समेत पीएसी की कंपनियां को भी बुलाया गया है। आपको बता दें कि मामले में अतिक्रमणकारियों को रेलवे नोटिस जारी कर चुका हैं। पूर्वोत्तर रेलवे ने नोटिस जारी करते हुए कहा है कि 7 दिन के अंदर जगह खाली कर दें, नहीं तो जबरदस्ती अतिक्रमण हटाएगा। उस पर आने वाला खर्च कब्जेदारों से वसूला जाएगा। अतिक्रमण तोड़ने के दौरान अगर गिरफ्तार करने की नौबत आई, तो इसके लिए ऊधमसिंह नगर में जेल बनाने की योजना बनाई जा रही है।
नोटिस जारी होने से एक दिन पहले रेलवे की टीम ने पुलिस-प्रशासन की मौजूदगी में बनभूलपुरा अतिक्रमण क्षेत्र की ड्रोन मैपिंग की। सिटी मजिस्ट्रेट ऋचा सिंह ने बताया कि दो घंटे तक ड्रोन से काम किया गया, जिसके बाद रेलवे ने अपनी भूमि से जुड़े सभी हिस्सों की मैपिंग पूरी कर ली। ड्रोन के माध्यम से भवनों की पूरी फोटो और वीडियोग्राफी हो चुकी है। बता दें कि हाईकोर्ट के आदेश के बाद बनभूलपुरा से अवैध निर्माण हटाने को तैयारी शुरू हो गई है।
बता दें कि डीएम ने 29 दिसंबर को अंतरराष्ट्रीय स्टेडियम का निरीक्षण किया था। इस दौरान उन्होंने नगर निगम को सफाई करने, जलसंस्थान को स्टेडियम में पानी चलाने और लोक निर्माण विभाग को जनरेटर, शौचालय, स्नानघर और किचन बनाने के निर्देश दिए थे। मिनी स्टेडियम हल्द्वानी में भी पानी, शौचालय, स्नानघर बनाने के निर्देश दिए थे। उधर, लोक निर्माण विभाग ने किचन और शौचालय बनाने का काम शुरू कर दिया है। जलसंस्थान ने अंतरराष्ट्रीय स्टेडियम में पानी की व्यवस्था कर दी है। मिनी स्टेडियम में भी स्नानघर बनाए जा रहे हैं।
वहीं यह मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है। मामले की सुनवाई 5 जनवरी 2023 को होगी। अब 5 हजार से अधिक लोगों की नजरें सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर टिकी हैं। दरअसल, सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में हल्द्वानी के शराफत खान समेत 11 लोगों की याचिका वरिष्ठ अधिवक्ता सलमान खुर्शीद की ओर से दाखिल की गई। जिस पर सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार 5 जनवरी 2023 को सुनवाई करने को कहा है।
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