जैक डॉर्सी के खुलासे के बाद मचा सियासी घमासान, केंद्र पर हमलावर हुई कांग्रेस, पूछा- क्या जवाब देगी मोदी सरकार?
ट्विटर के पूर्व सीईओ जैक डॉर्सी के खुलासे पर कांग्रेस ने पूछा कि क्या मोदी सरकार इसका जवाब देगी। बता दें कि जैक डॉर्सी ने दावा किया है कि भारत में किसान आंदोलन के दौरान केंद्र सरकार की तरफ से उन पर काफी दबाव डाले गए थे।
ट्विटर के पूर्व सीईओ जैक डॉर्सी के बयान को लेकर कांग्रेस ने मंगलवार को पूछा कि क्या मोदी सरकार इसका जवाब देगी। कांग्रेस महासचिव रणदीप सिंह सुरजेवाला ने एक ट्वीट में कहा, मोदी सरकार ने किसानों और किसान आंदोलन के दौरान अकाउंट्स को बंद करने के लिए ट्विटर को मजबूर किया, सरकार या ट्विटर की आलोचना करने वाले पत्रकारों के अकाउंट को बंद करने का दवाब बनाया और कंपनी के कर्मचारियों के घरों पर छापेमारी की धमकी दी। यह बात ट्विटर के सह संस्थापक और पूर्व सीईओ जैक डॉर्सी ने एक टीवी इंटरव्यू में मानी है। क्या, जवाब देगी मोदी सरकार?
यूथ कांग्रेस और नेशनल स्टूडेंट्स यूनियन ऑफ इंडिया ने भी ट्विटर पर डॉर्सी के दावे की उस क्लिप को साझा किया, जो उन्होंने सोमवार को यूट्यूब चैनल ब्रेकिंग पॉइंट्स को दिए एक इंटरव्यू के दौरान किए थे।
एनएसयूआई के अध्यक्ष नीरज कुंदन ने एक ट्वीट में कहा, 'बीजेपी लोकतंत्र की हत्यारी है, यह बार-बार साबित हो रहा है। ये हैं ट्विटर के पूर्व सीईओ जैक डॉर्सी। वह कह रहे हैं 'किसान विरोध के दौरान भारत सरकार ने हम पर दबाव बनाया और कहा कि हम ट्विटर बंद कर देंगे। अगर नियमों का पालन नहीं करते, तो आपके कर्मचारियों के घरों पर छापा मारेंगे।'
यूथ कांग्रेस के प्रमुख श्रीनिवास बीवी ने सरकार पर कटाक्ष करते हुए विरोध में जैक डॉर्सी की संबंधित बयान वाली क्लिप साझा की।
दरअसल, इंटरव्यू में यह पूछे जाने पर कि क्या उन्हें विदेशी सरकारों के किसी दबाव का सामना करना पड़ा?, डोर्सी ने भारत का उदाहरण दिया और कहा, उदाहरण के लिए भारत, भारत उन देशों में से एक है, जहां किसान आंदोलन के दौरान हमारे पास बहुत सी मांगें आ रहीं थीं, कुछ खास पत्रकार जो सरकार के आलोचक थे, उनके बारे में। एक तरह से हमसे कहा गया कि हम भारत में ट्विटर को बंद कर देंगे, आपके कर्मचारियों के घरों पर छापे मारेंगे, जो उन्होंने किया। अगर आप हमारी बात नहीं मानेंगे, हम आपके ऑफिस बंद कर देंगे और ये भारत में हो रहा था, जो लोकतांत्रिक देश है।
कई राज्यों के किसानों ने नवंबर 2020 से एक साल से अधिक समय तक दिल्ली की सीमाओं पर विरोध प्रदर्शन किया।
बता दें कि केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने तीन कृषि कानून पारित किए थे जिसके खिलाफ देश भर के किसान सड़कों पर उतर आए थे। करीब साल भर चले आंदोलन के दौरान कम से कम 700 किसानों की मौत हुई थी। इसके अलावा कई बार किसानों पर लाठीचार्ज, आंसूगैस और पानी की बौछारें आदि छोड़ी गई थीं। किसानों ने जब सरकार की हर हठधर्मी के खिलाफ मोर्चा खोला तो आखिरकार सरकार को नवंबर 2021 में इन कानूनों को वापस लेना पड़ा था।
Google न्यूज़, नवजीवन फेसबुक पेज और नवजीवन ट्विटर हैंडल पर जुड़ें
प्रिय पाठकों हमारे टेलीग्राम (Telegram) चैनल से जुड़िए और पल-पल की ताज़ा खबरें पाइए, यहां क्लिक करें @navjivanindia