किसान आंदोलन के दौरान केंद्र ने दी थी ट्विटर को बंद करने और छापेमारी की धमकी: जैक डॉर्सी का सनसनीखेज खुलासा
ट्विटर के पूर्व सीईओ और सह संस्थापक जैक डॉर्सी ने आरोप लगाया है कि किसान आंदोलन के दौरान सरकार ने उन पर कई ट्विटर अकाउंट बंद करने का दबाव बनाया था और धमकी दी थी कि ऐसा न करने पर भारत में उनके दफ्तर बंद कर दिए जाएंगे।
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्विटर के पूर्व सीईओ और सह-संस्थापक जैक डॉर्सी ने केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार पर सनसनीखेज आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा है कि भारत में कृषि कानूनों के खिलाफ हुए विरोध प्रदर्शन के समय सरकार की आलोचना करने वाले कई ट्विटर अकाउंट को ब्लॉक करने के निर्देश सरकार की तरफ से उन्हें दिए गए थे। डॉर्सी ने दावा किया कि भारत सरकार की तरफ से उन पर दबाव बनाया गया था और ऐसा न करने पर ट्विटर को भारत में बंद करने की भी धमकी दी गई।
डॉर्सी ने एक यूट्यूब चैनल 'ब्रेकिंग प्वाइंट्स' के साथ बातचीत में भारत सरकार के ट्विटर को लेकर रवैये पर काफी बातें कहीं। इस बातचीत में जब उनसे पूछा गया क्या कभी भारत सरकार ने उन पर दबाव बनाने की कोशिश की? इस पर डॉर्सी ने कहा कि ऐसा कई बार हुआ। उन्होंने कहा कि 'सरकार की तरफ से उनके (ट्विटर के) कर्मचारियों के घरों पर छापेमारी की बात कही गई। साथ ही नियमों का पालन नहीं करने पर ऑफिस बंद करने की भी धमकी दी गई। डोर्सी ने कहा कि यह सब भारत जैसे लोकतांत्रिक देश में हुआ।'
बता दें कि जैक डॉर्सी ट्विटर से इस्तीफा दे चुके हैं। बातचीत के दौरान उन्होंने कई बार भारत का जिक्र किया। उन्होंने दावा किया कि भारत में किसानों के विरोध प्रदर्शन के दौरान सरकार की तरफ से ऐसे तमाम लोगों के हैंडल्स को ब्लॉक करने की कई सिफारिशें की गईं जो सरकार की आलोचना कर रहे थे। उन्होंने कहा कि इनमें वो पत्रकार भी शामिल थे, जो सरकार की आलोचना कर रहे थे। डोर्सी ने दावा किया कि सरकार ने उन्हें धमकी भी दी थी कि अगर ऐसा नहीं किया तो 'आपके अधिकारियों के घरों पर छापेमारी होगी।'
जैक डोर्सी ने भारत के अलावा तुर्किए का भी नाम लिया। उन्होंने कहा कि तुर्किए ने भारत की तरह ही ट्विटर को धमकी दी थी और वहां भी ट्विटर को बंद करने को कहा गया था।
जैक डॉर्सी का यह इंटरव्यू सामने आने के बाद विपक्ष ने सरकार पर निशाना साधा है। शिवसेना (उद्धव ठाकरे) की राज्यसभा सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने इस इंटरव्यू की क्लिप शेयर करते हुए लिखा है कि किसान आंदोलन के दौरान सरकार ने किसानों और आंदोलन को बदनाम करने की हर संभव कोशिश की, लेकिन किसानों के आगे आखिरकार सरकार को झुकना पड़ा था।
वहीं युवा कांग्रेस ने भी इस क्लिप को शेयर किया है। युवा कांग्रेस ने कटाक्ष किया है कि लोकतंत्र की जननी का असली सच यह है।
बता दें कि केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने तीन कृषि कानून पारित किए थे जिसके खिलाफ देश भर के किसान सड़कों पर उतर आए थे। करीब साल भर चले आंदोलन के दौरान कम से कम 700 किसानों की मौत हुई थी। इसके अलावा कई बार किसानों पर लाठीचार्ज, आंसूगैस और पानी की बौछारें आदि छोड़ी गई थीं। किसानों ने जब सरकार की हर हठधर्मी के खिलाफ मोर्चा खोला तो आखिरकार सरकार को नवंबर 2021 में इन कानूनों को वापस लेना पड़ा था।
केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने ट्विटर के पूर्व सीईओ जैक डॉर्सी के बयान पर प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि डॉर्सी जो कुछ कहा है वह सरासर झूठ है। ट्विटर एक ऐसी कंपनी है जो मानती थी कि उसके लिए भारतीय कानूनों का पालन करना जरूरी नहीं है। भारत सरकार शुरू से ही स्पष्ट रही है कि भारत में काम करने वाली सभी कंपनियों को भारतीय कानूनों का पालन करना होगा।
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Published: 13 Jun 2023, 9:31 AM