उत्तराखंड: 'पुरोला लव जिहाद मामला चुनाव से पहले BJP की सोची-समझी रणनीति का हिस्सा', कांग्रेस ने सरकार से पूछे सवाल
कांग्रेस का कहना है कि प्रदेश में सौहार्द बिगाड़ने का प्रयास किया जा रहा है, जिसे बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। कांग्रेस प्रदेश में ऐसा नहीं होने देगी।
पुरोला में कथित लव जिहाद का मामला इन दिनों सुर्खियों में हैं। वहीं, हिंदू संगठनों के 15 जून को प्रस्तावित महापंचायत ने इस विवाद को और तूल दे दिया है। हालांकि मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस-प्रशासन पूरी तरह के अलर्ट हैं। वहीं, अब इस मामले में कांग्रेस ने भी सरकार पर निशाना साधा है। कांग्रेस इस विवाद को 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले की सोची-समझी रणनीति बता रही है। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष करण माहरा ने कहा, "जो घटना का दोषी है, उसको सरकार सजा दे, मगर जो लोग निर्दोष हैं, उनकी दुकानों में बजरंग दल और हिंदू वाहिनी के लोग जब तोड़फोड़ कर रहे हैं, तो सरकार चुप क्यों है? पुलिस-प्रशासन ऐसे लोगों पर कोई कार्रवाई क्यों नहीं कर रहा है? इससे पता चलता है बीजेपी 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले अपनी सोची-समझी रणनीति के तहत ऐसा करवा रही है।"
कांग्रेस का कहना है कि प्रदेश में सौहार्द बिगाड़ने का प्रयास किया जा रहा है, जिसे बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। कांग्रेस प्रदेश में ऐसा नहीं होने देगी। उत्तरकाशी में होने वाली महापंचायत को लेकर करण माहरा ने कहा कि देखना यह है कि बीजेपी के करीबी संगठन महापंचायत में क्या करते हैं, इस पर कांग्रेस की नजर है। उसके बाद ही सरकार से सवाल किया जाएगा।
वहीं, पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा, "यदि कुछ लोग कानून का उल्लंघन कर रहे हैं और सामाजिक व्यवस्थाओं और परम्पराओं को तोड़ रहे हैं। तो सरकार उनके खिलाफ कार्रवाई करे। सरकार को इस बात का खयाल रखना चाहिए कि निर्दोष पीड़ित न हों और दोषी बचे नहीं।" उन्होंने कहा कि चुनाव के वक्त 'जिहाद' का नारा ठीक नहीं है। यदि नारा लगाना ही है तो पिछड़ेपन, गरीबी और अशिक्षा को दूर करने का लगाओ।
वहीं, पुरोला विवाद पर नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने भी सत्ताधारी पार्टी पर सवाल खड़े किए। उन्होंने कहा कि बीजेपी देश की जनता को बांटने का काम कर रही है। कांग्रेस किसी के पक्ष में नहीं है, जो दोषी है, उस पर कार्रवाई हो, क्योंकि एक व्यक्ति के कारनामों की सजा पूरी कौम को नहीं दी जा सकती। उन्होंने कहा कि देश और प्रदेश के अंदर जिस तरह की घटनाएं हो रही हैं, वे अच्छा संकेत नहीं हैं।
आईएएनएस के इनपुट के साथ
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