बुराड़ी कांडः 11 मौतों का रहस्य गहराया, डायरी और घर के बाहर लगे 11 पाइपों से अंधविश्वास की तरफ इशारा
दिल्ली के बुराड़ी इलाके में एक परिवार के 11 लोगों की मौत के पीछे धार्मिक अंधविश्वास की कहानी सामने आ रही है। घर में मिले रजिस्टर में लिखीं बातें और घर की बाहरी दीवार पर निकले 11 पाइप परिवार के धार्मिक अंधविश्वास में डूबे होने की तरफ इशारा करते हैं।
बुराड़ी इलाके के संत नगर में एक ही परिवार के 11 सदस्यों की मौत की गुत्थी और उलझती नजर आ रही है। घर की बाहरी दीवार पर सामने की तरफ निकले 11 पाइप और घर के अंदर से मिले रजिस्टर में लिखी बातें इस बात की तरफ इशारा कर रही हैं कि पूरा परिवार धार्मिक अंधविश्वास के चक्कर में पड़ा हुआ था और इसी के चलते मोक्ष हासिल करने की कामना में पूरे परिवार ने एक साथ खुदकुशी कर ली।
संत नगर स्थित घर के सामने वाले हिस्से में बाहरी दीवार पर निकले 11 पाइप परिवार के मौत के मामले को और रहस्यमयी बना रहे हैं। एक पाइप दीवार के सबसे ऊपर है जिसे घर की मुखिया नारायणा देवी का प्रतीक माना जा रहा है। जबकि, अन्य 6 पाइप मुड़े हुए हैं, माना जा रहा है कि ये घर की महिलाओं के प्रतीक हैं। बाकी 4 पाइप सीधे लगे हैं जो घर के 4 पुरुष सदस्यों की तरफ इशारा करते हैं। घर में मरने वालों का क्रम भी ठीक इसी तरह है। घर के बाहर बिल्कुल अजीब तरीके से एक साथ इतने पाइप क्यों निकले हुए हैं, इस बारे में आस-पड़ोस के लोगों को भी कुछ पता नहीं है। इन पाइपों को एक साथ दिवार पर लगाने का कोई कारण पुलिस को भी समझ में नहीं आ रहा है। इन पाइपों के दीवार में लगे होने के तरीके को अंधविश्वास से जोड़ कर देखा जा रहा है।
इससे पहले मामले की जांच कर रही पुलिस को घर के अंदर से ऐसे दो रजिस्टर मिले हैं, जिनमें कई हैरान करने वाली बातें लिखी हैं। ये रजिस्टर घर के अंदर बने एक छोटे से मंदिर के पास से मिले हैं। इनमें नवंबर 2017 से इस साल 25 जून तक एंट्री की गई है। खबरों के मुताबिक, रजिस्टर में हाथ से लिखे कई नोट्स ऐसे हैं, जो इस कांड के पीछे धार्मिक अंधविश्वास के एंगल की तरफ इशारा करते हैं। रजिस्टर में आत्महत्या की पूरी प्रक्रिया दर्ज है। पुलिस सूत्रों के मुताबिक दोनों रजिस्टर के शुरुआती कुछ पन्नों पर इस बात का जिक्र है कि परिवार के किस शख्स को कहां लटकना है और दरवाजे से किस शख्स को लटकना है। रजिस्टर में बाकायदा लिखा गया है कि ‘अगर आप स्टूल का इस्तेमाल करेंगे, आंखें बंद रखेंगे और हाथ बांध लेंगे तो आपको मोक्ष की प्राप्ति होगी।'
बता दें कि रविवार को घर से परिवार की मुखिया 75 साल की नारायणी देवी का शव अलग कमरे में पड़ा मिला था। वहीं, बेटे भवनेस और ललित के अलावा दोनों की पत्नी सविता और टीना और उनके बच्चे निधी, शिवम, मेनका और ध्रुव लोहे के शव जाली से लटके मिले थे। इनके अलावा नारायणी देवी की 57 साल की बेटी प्रतिभा और उनकी बेटी प्रियंका के शव खिड़की से लटके मिले थे। बताया जा रहा है कि भवनेश और ललित के अलावा सभी सदस्यों के हाथ काफी टाइट बंधे थे।
खबरों के मुताबिक, रजिस्टर में कई छोटी-छोटी बातों का भी जिक्र है। रजिस्टर में लिखा है कि ‘कान में रूई डालना है और मोबाइल फोन बंद कर अलग रख देना है। पुलिस जांच के दौरान सभी शवों के कान में रूई मिली थी और सभी के मोबाइल फोन अलग पड़े पाए गए थे।’
परिवार के अत्यधिक धार्मिक होने और हमेशा पूजा-पाठ और धार्मिक कर्मकांडों में डूबे पहने की पड़ोसियों ने भी पुष्टी की है। पड़ोसियों का कहना है कि घर के सबसे छोटे बेटे के गले में चोट लग जाने की वजह स उसकी आवाज चली गई थी। जिसके बाद परिवार आसाराम के संपर्क में आया और कुछ दिनों बाद उसकी आवाज आ गई। तभी से पूरे परिवार का धार्मिक कर्मकांडों में आस्था और विश्वास काफी बढ़ गया था। हालांकि लोगों का कहना है कि यह मामला धार्मिक अंधविश्वास में आत्महत्या का नहीं है। हत्या के बाद इसे आत्महत्या का रंग देने की कोशिश की गई है। परिवार के रिश्तेदार भी इसी तरह की बात कर रहे हैं। प्रियंका के एक मुंहबोले भाई प्रवीण मित्तल ने मोक्ष के लिए अंधविश्वास में डूबकर आत्महत्या की बात को सिरे से खारिज कर दिया है और हत्या की आशंका जताई है।
इस रहस्यमयी हत्याकांड से जुड़ी इन नई जानकारियों के सामने आने के बाद इस बात की आशंका जताई जा रही है कि पूरा परिवार किसी तरह के धार्मिक-आध्यात्मिक अंधविश्वास के चक्कर में फंसा हुआ था। और इन्हीं चक्करों में पड़कर पूरे परिवार ने मोक्ष प्राप्ति क कामना में खुदकुशी कर ली। हालांकि, फोरेंसिक जांच में मिले सुरागों से ये जानकारी सामने आई है कि परिवार के ही कुछ सदस्यों ने पहले अन्य सदस्यों की हत्या की और उसके बाद खुद भी आत्महत्या कर ली। पुलिस भी अभी कुछ बताने की स्थिति में नहीं है।
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Published: 02 Jul 2018, 4:17 PM