बुराड़ी कांडः 11 लोगों की रहस्यमयी मौत के मामले में एक तांत्रिक हिरासत में

घर के अंदर मौजूद पूजा स्थल के पास एक डायरी में मिले नोट से धार्मिक अंधविश्वास का संकेत मिलता है। पुलिस को संदेह है कि मौत के पीछे तांत्रिक या साधु की भूमिका हो सकती है।

फोटोः सोशल मीडिया
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आईएएनएस

दिल्ली के बुराड़ी में रविवार को एक परिवार के 11 सदस्यों की हुई रहस्यमयी मौत के मामले में पुलिस ने एक तांत्रिक और उसके सहयोगी को हिरासत में लेकर पूछताछ की है। पुलिस ने बताया कि उसे घटनास्थल, दो मंजिला मकान में पूजा स्थल के पास हाथ से लिखा नोट मिला है, जिससे मौत के पीछे अंधविश्वास और तंत्र-मंत्र की थ्योरी को काफी बल मिलता है।

घर के अंदर पूजा स्थल के पास एक डायरी में मिले नोट से इस बात के स्पष्ट संकेत मिलते हैं। इसमें अध्यामिकता, मोक्ष, रीति-रिवाज और पिछले महीने की कुछ तिथियों का जिक्र है। वहां से पूजा में इस्तेमाल घी और चावल भी बरामद हुई है। पुलिस को संदेह है कि मौत के पीछे तांत्रिक या साधु की भूमिका हो सकती है। एक पुलिस अधिकारी ने कहा, "हमें संदेह है कि परिवार के सदस्यों की मौत किसी अनुष्ठान के चलते हुई है।" अधिकारी ने बताया कि नोट में कुछ निर्देशों का जिक्र है, जिसमें कहा गया है कि "प्रत्येक व्यक्ति को सही तरीके से आंखों पर पट्टी बांध लेनी चाहिए, आंखों में सिर्फ परम स्थान दिखाई दे।"

बता दें कि मृतकों में से एक को छोड़कर बाकी सभी मृतक छत से लटके पाए गए थे। अधिकांश मृतकों की आखों पर पट्टी बंधी थी और हाथ पीछे बंधे हुए थे। सबसे उम्रदराज नरायण देवी (77) का शव फर्श पर पड़ा था, जिसके गले पर निशान पाए गए हैं।

पत्र में आगे लिखा है, "श्रद्धा के साथ सात दिनों तक लगातार बरगद के वृक्ष की पूजा करें। अगर कोई घर आए तो यह कार्य अगले दिन करें। इसके लिए गुरुवार या रविवार का दिन चुनें। अगर बुजुर्ग महिला (नारायण देवी) खड़ी नहीं हो सकती हैं तो वह दूसरे कमरे में लेट सकती हैं। अनुष्ठान के लिए मद्धिम प्रकाश का उपयोग करें। रात 12 बजे से एक बजे के बीच अनुष्ठान करें, ताकि कोई बाधा न पहुंचाए। जब तुम सब उस दौरान फांसी पर लटक जाओगे तो भगवान अचानक प्रकट होंगे और उसी क्षण तुम्हें बचा लेंगे।"

पुलिस अधिकारी ने बताया कि परिवार ने मोक्ष प्राप्त करने के लिए तकरीबन हर निर्देश का पालन किया। बरामद नोट में उसमें यह भी बताया गया था कि परिवार का कोई सदस्य मोबाइल फोन का उपयोग नहीं करेगा। पुलिस को मृतकों के फोन उनके पास से नहीं बल्कि घर में दूसरी जगहों से मिले।

पड़ोसी विवेक कुमार ने बताया कि परिवार में पिछले कुछ सप्ताह से रोज सुबह-शाम दो घंटे अनुष्ठान चलता था। मृतकों में नारायण देवी के दो बेटे भवनेश भाटिया (50), ललित भाटिया (45) और बेटी प्रतिभा (57) और उनकी बेटी प्रियंका (33), जिसकी पिछले महीने ही सगाई हुई थी, के अलावा भवनेश की पत्नी सविता (48) और उनकी तीन संतानें नीतू (25), मोनू (23), ध्रुव (15) और ललित की पत्नी टीना और उनका बेटा शिवम (15) शामिल हैं।

बुराड़ी के संतनगर में रहने वाले भाटिया परिवार के लोग पड़ोस में ही किराने की और प्लाइवुड की दुकान चलाते थे। नारायण देवी का सबसे बड़ा बेटा दिनेश भाटिया राजस्थान के कोटा में रहता है और एक बेटी सुजाता हरियाणा के पानीपत में रहती है।

पड़ोसी विवेक कुमार ने बताया कि परिवार में पिछले कुछ सप्ताह से रोज सुबह-शाम दो घंटे अनुष्ठान चलता था। मृतकों में नारायण देवी के दो बेटे भवनेश भाटिया (50), ललित भाटिया (45) और बेटी प्रतिभा (57) और उनकी बेटी प्रियंका (33), जिसकी पिछले महीने ही सगाई हुई थी, के अलावा भवनेश की पत्नी सविता (48) और उनकी तीन संतानें नीतू (25), मोनू (23), ध्रुव (15) और ललित की पत्नी टीना और उनका बेटा शिवम (15) शामिल हैं।

बुराड़ी के संतनगर में रहने वाले भाटिया परिवार के लोग पड़ोस में ही किराने की और प्लाइवुड की दुकान चलाते थे। नारायण देवी का सबसे बड़ा बेटा दिनेश भाटिया राजस्थान के कोटा में रहता है और एक बेटी सुजाता हरियाणा के पानीपत में रहती है।

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