वीडियो: CAA विरोध में युवा क्रांतिकारी शायर आमिर अज़ीम की वायरल नज़्म - ‘सब याद रखा जाएगा, सबकुछ याद रखा जाएगा’

देशभर में नागरिकता संशोधन कानून को लेकर विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। इस दौरान एक युवा क्रांतिकारी शायर आमिर अज़ीम की नज़्म ‘सब याद रखा जाएगा...’ बेहद लोकप्रिय हो रही है। यह वीडियो हमने जामिया वर्ल्ड नाम के यूट्यूब पेज से ली है

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नवजीवन डेस्क

आमिर अज़ीज़ की नज्म..

सब याद रखा जाएगा, सबकुछ याद रखा जाएगा

तुम्हारी लाठियों और गोलियों से जो कत्ल हुए हैं

मेरे यार सब, उनकी याद में दिलों को बरबाद रखा जाएगा

सब याद रखा जाएगा

तुम स्याहियों से झूठ लिखोगे हमें मालूम है

हो हमारे खून से ही हो सही, सच लिखा जाएगा

सब याद रखा जाएगा

मोबाइल, इंटरनेट, टेलीफोन भरी दोपहर में बंद करके

सर्द अंधेरी रात में पूरे शहर को नज़रबंद करके

हथौड़ियां लेकर दफअतन मेरे घर में घुस आना

मेरा सर बदन, मेरी मुख्तसिर सी जिंदगी को तोड़ जाना

मेरे लख्ते जिगर को बीच चौराहे पर मारकर

यूं बेअंदाज़ सड़क पर खड़े होकर झुंड में तुम्हारा मुस्कुराना

सब याद रखा जाएगा, सबकुछ याद रखा जाएगा

दिन में मीठी-मीठी बातें करना सामने से

सब ठीक है हर जुबान में तुतलाना

रात होते ही हक मांग रहे लोगों पर लाठियां चलाना

गोलियां चलाना

हमीं पे हमला करके, हमीं को हमलावर बताना

सब याद रखा जाएगा, सबकुछ याद रखा जाएगा

यह भी याद रखा जाएगा कि किस-किस तरह से तुमने

वतन को तोड़ने की साजिशें कीं

यह भी याद रखा जाएगा कि किस-किस तरह से हमने

वतन को जोड़ने की ख्वाहिशें कीं

जब कभी भी जिक्र आएगा जहां में दौर-ए-बुज़दिली का

तुम्हारा नाम याद रखा जाएगा

जब कभी भी जिक्र आएगा जहां में तौर-ए-बुज़दिली का

हमारा नाम याद रखा जाएगा

हमारा नाम याद रखा जाएगा कि कुछ लोग थे

जिनके इरादे टूटे नहीं थे लोहे की हथौड़ियों से

कुछ लोग थे जिनके जमीर बिके नहीं थे

इज़ारेदारों की कौड़ियों से

कुछ लोग थे जो टिके रहे थे

तूफान-ए-नूह के गुज़र जाने के बाद तक

कुछ लोग थे जो जिंदा रहे थे

अपनी मौत की खबर आने के बाद तक

भले भूल जाए पलक आंखों को मूंदना

भले भूल जाए ज़मीं अपनी धुरी पे घूमना

हमारे कटे परों की परवाज़ को

हमारे फटे गलों की आवाज़ को

याद रखा जाएगा, सबकुछ याद रखा जाएगा

तुम रात लिखो, हम चांद लिखेंगे

तुम जेल में डालो, हम दीवार फांद लिखेंगे

तुम एफआईआर लिखो, हम हैं तैयार लिखेंगे

तुम हमें कत्ल कर दो, हम बनके भूत लिखेंगे

तुम्हारे कत्ल के सारे सबूत लिखेंगे

तुम अदालतों से चुटकुले लिखो

हम दीवारों पे इंसाफ लिखेंगे

बहरे भी सुनलें, इतनी जोर से बोलेंगे

अंधे भी पढ़ लें इतना साफ लिखेंगे

तुम काला कमल लिखो, हम लाल गुलाब लिखेंगे

तुम जमीं पे जुल्म लिख दो, आसमान पे इंकलाब लिखा जाएगा

सब याद रखा जाएगा, सबकुछ याद रखा जाएगा

ताकि तुम्हारे नाम पर लानतें भेजी जा सकें

ताकि तुम्हारे मुजस्समों पर कालिखें पोती जा सकें

तुम्हारे नाम तुम्हारे मुजस्समों को आबाद रखा जाएगा

सब याद रखा जाएगा, सबकुछ याद रखा जाएगा

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