वीडियो: 'ऐसी कौन सी नौकरी, जहां सैलरी से ज्यादा है पेंशन', कांग्रेस ने फिर साधा सेबी प्रमुख पर निशाना
कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने कहा, 'ऐसा कही होता है कि पेंशन शुरू होता है और फिर बंद होता है और फिर चालू हो जाता है. कौन सी ऐसी सैलरी है, जिससे पेंशन ज्यादा होता है।
सेबी प्रमुख माधबी पुरी बुच की सैलरी के मामले में आईसीआईसीआई बैंक की सफाई सामने आने के बाद कांग्रेस पार्टी ने एक बार फिर पलटवार किया है और कहा है कि ऐसी कौन सी नौकरी है, जहां सैलरी से ज्यादा पेंशन मिलती है। कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने कहा कि हमने कल के खुलासे में नरेंद्र मोदी, माधबी पुरी बुच और ICICI बैंक से सवाल पूछे थे। अब इस शतरंज के खेल के एक मोहरे यानी ICICI बैंक का खुलासे पर जवाब आया है। जब माधबी पुरी बुच ICICI से रिटायर हुईं तो.. 2013-14 में उन्हें 71.90 लाख रुपए की ग्रेच्युटी मिली।
2014-15 में उन्हें 5.36 करोड़ रुपए रिटायरमेंट कम्यूटेड पेंशन मिली। लेकिन अगर 2014-15 में माधबी पुरी बुच और ICICI के बीच सेटलमेंट हो गया था और 2015-16 में उन्हें ICICI से कुछ नहीं मिला तो फिर 2016-17 में पेंशन फिर से क्यों शुरू हो गई? अब अगर साल 2007-2008 से 2013-14 तक की माधबी पुरी बुच की औसत सैलरी निकाली जाए, जब वो ICICI में थीं, तो वो करीब 1.30 करोड़ रुपए थी। लेकिन माधबी पुरी बुच की पेंशन का औसत 2.77 करोड़ रुपए है। ऐसी कौन सी नौकरी है, जिसमें पेंशन.. सैलरी से ज्यादा है।
पवन खेड़ा ने आगे कहा कि उम्मीद है कि माधबी पुरी बुच जवाब देंगी कि 2016-17 में तथाकथित पेंशन फिर से क्यों शुरू हो गई थी? ध्यान रहे कि 2016-17 में माधबी पुरी बुच की 2.77 करोड़ रुपए की पेंशन तब फिर से शुरू हुई, जब वो SEBI में Whole time member बन चुकी थीं।
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