नफरत को हराकर प्रेम और त्याग से 21वीं सदी का भारत निर्माण था राजीव गांधी का सपना
आज राजीव गांधी की 75वीं जयंती है। बतौर प्रधानमंत्री वह भारत को दुनिया की उच्च तकनीकों से पूर्ण करना चाहते थे। भारत की एकता बनाए रखने के अलावा उनका प्रमुख उद्देश्य था- इक्कीसवीं सदी के भारत का निर्माण। पेश हैं उनके जीवन काल के हर दशक की कुछ झलकियां।
पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की आज 75वीं जयंती है। बतौर प्रधानमंत्री वह भारत को दुनिया की उच्च तकनीकों से पूर्ण करना चाहते थे। भारत की एकता बनाए रखने के अलावा उनका प्रमुख उद्देश्य था- इक्कीसवीं सदी के भारत का निर्माण। पेश हैं उनके जीवन काल के हर दशक की कुछ झलकियां..
20 अगस्त 1944 : फिरोज गांधी और इंदिरा गांधी के घर 20 अगस्त 1944 को राजीव गांधी का जन्म हुआ।
1962 : वेल्हम ब्वायज़ और दून स्कूल के बाद राजीव गांधी ने ट्रिनिटी कॉलेज, कैंब्रिज में इंजीनियरिंग की पढ़ाई की
1966 : 1966 में उन्हें लंदन के इंपीरियल कॉलेज में दाखिला मिल गया। इसी साल उनकी मां इंदिरा गांधी प्रधानमंत्री बनीं।
1968 : लंदन में कॉलेज के दिनों में ही वे सोनिया गांधी से मिले। 1968 में दोनों का विवाह हो गया।
1970 : 1970 में बेटी प्रियंका और 1972 में बेटे राहुल का जन्म हुआ।
1980 : 1980 में छोटे भाई संजय गांधी की मौत के बाद राजीव सक्रिय राजनीति में आ गए।
1981 : राजीव गांधी ने 1981 में अमेठी से लोकसभा चुनाव लड़ा और शरद यादव को हराकर सांसद बने
1982 : एशियाई खेलों की आयोजन समिति में राजीव को शामिल किया गया और उन्होंने सफलतापूर्वक इन खेलों का आयोजन कराया।
1984 : 31 अक्टूबर 1984 को उनकी मां और देश की प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या हो गयी।
1984 : मां की मौत के बाद उन्होंने प्रधानमंत्री के तौर पर देश की बागडोर संभाली। उन्हें कांग्रेस पार्टी का अध्यक्ष भी चुना गया।
1986 : अपने शासनकाल में राजीव गांधी ने देश में आईटी और टेलीकॉम क्षेत्र में क्रांति लाने का काम किया।
1986 : उन्होंने 1986 में महानगर टेलीफोन निगम की स्थापना की।
1987 : 1987 में उन्होंने एलटीटीई और श्रीलंकाई सेना के बीच जारी गृहयुद्ध में मदद के लिए आईपीकेएफ को श्रीलंका भेजा। इस कदम से श्रीलंका के राजनीतिक दल और एलटीटीई नाराज हो गए।
1989 : 1989 के चुनावों में कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी के तौर पर उभरी। लेकिन बहुमत हासिल नहीं कर पायी।
1989 : राजीव गांधी ने प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया। राजीव गांधी विपक्ष के नेता चुने गए।
21 मई, 1991 : एक महिला सुसाइड बॉम्बर ने तमिलनाडु के श्रीपेरुंबदुर में एक चुनावी सभा के दौरान उनकी हत्या कर दी।
21 मई 1991 : महिला सुसाइड बॉम्बर उनके पैर छूने के लिए झुकी और अपनी कमर में बंधे आरडीएक्स विस्फोटक की बेल्ट का बटन दबा दिया।
1991 : राजीव गांधी को 1991 में मृत्यु उपरांत देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न से सम्मानित किया गया।
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