Video: फ्लाइट में BJP सांसद प्रज्ञा ठाकुर की मनमानी पर भड़के यात्री, कहा- शर्म करो
प्रज्ञा ठाकुर ने दिल्ली से भोपाल जाने वाली जेट एयरवेज की फ्लाइट में सीट आवंटन को लेकर हंगामा खड़ा कर दिया। जिसके बाद उड़ान में देरी की वजह से फ्लाइट में बैठे लोग प्रज्ञा पर भड़क गए। एक शख्स ने कहा कि आपको शर्म आनी चाहिए।
मध्य प्रदेश के भोपाल से बीजेपी सांसद प्रज्ञा ठाकुर अक्सर अपने विवादित बयानों को लेकर चर्चा में रहती हैं। हाल ही में दिल्ली से भोपाल के लिए जेट एयरवेज की फ्लाइट में सीट आवंटन को लेकर प्रज्ञा ठकुर की एयरलाइंस के कर्मचारियों के साथ कुछ बहस हुई। इस दौरान फ्लाइट में देरी हुई तो प्रज्ञा ठाकुर फ्लाइट में बैठे दूसरे लोगों के गुस्से का शिकार हो गईं। फ्लाइट में बैठा एक शख्स अचानक उठ कर आया और उड़ान में देरी को लेकर उसका गुस्सा सीधा बीजेपी सांसद पर फूट पड़ा। इस पूरी घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर भी वायरल हो रहा है।
वीडियो में देखा जा सकता है कि प्रज्ञा ठाकुर के साथ में बैठी एक महिला और एक अन्य महिला विमान के कर्मचारियों से बहस कर रही हैं। इस दौरान महिला बार-बार प्लेन की क्रू मेंबर से रूल बुक दिखाने की मांग कर रही है। तभी बीच में प्रज्ञा कह रही है, “अपनी रूल बुक दिखा दीजिये अगर मेरा बनेगा तो मैं बैठूंगी वरना मैं यहां से उतर के चली जाऊंगी।”
तभी पीछे बैठे यात्रियों में से एक कह रहा है कि अगर ये लोग रूल बुक नहीं दिखा पा रहे हैं तो आप एक काम कीजिये। आपका काम हमें परेशान करना नहीं है, आप जनता की प्रतिनिधि हैं। आप अगली फ्लाइट लेके आजाइए। शख्स ने कहा कि आपका कोई हक़ नहीं है फर्स्ट क्लास में चलने का। इसके बाद प्रज्ञा और उनकी सहयोगी के साथ उस शख्स की जमकर बहस हुई।
वीडियो के अंत में शख्स ने कहा, “आपको इतना विनम्र होना चाहिए कि अगर आपकी वजह से एक भी आदमी परेशान हो रहा है तो लीडर होने के नाते आपको तुरंत उतर जाना चाहिए। आपको इतनी शर्म नहीं कि आपकी वजह से 50 लोग परेशान हो रहे हैं।”
वही इस पूरे मामले के बाद बीजेपी सांसद प्रज्ञा ठाकुर ने अपनी प्रतिक्रिया दी है। प्रज्ञा ने एक बयान में कहा, “मैं स्पाइसजेट की फ्लाइट में यात्रा कर रही था। मेरी रीढ़ की हड्डी में तकलीफ है। मुझे सीट 1A आवंटित की गई थी, जिसमें पैर खोलने के लिए ज्यादा जगह होती है। मैंने इसके लिए अतिरिक्त भुगतान भी किया था। मुझे वहां व्हीलचेयर पर लाया गया था।”
प्रज्ञा ने कहा, “एयरहोस्टेस ने मुझे वहां नहीं बैठने के लिए कहा। 2 और लोगों ने मुझे बताया कि यह एक आपातकालीन सीट है। लेकिन वहां कहीं भी यह नहीं लिखा था कि यह एक आपातकालीन सीट है। मैंने उनसे कहा कि अगर यह एक नियम है, तो मुझे रूल बुक दिखाइए। उनके पास रूल बुक भी नहीं थी। कुछ यात्री आए और पूछने लगे कि उड़ान में देरी क्यों हो रही है। लोगों को लगा कि मैं अपने वीआईपी स्टेटस का दिखावा कर रही हूं, लेकिन मैं एक सामान्य यात्री की तरह यात्रा कर रही थी। मैंने अपने पीठ दर्द के साथ यात्रा की, और बाद में भोपाल हवाई अड्डे के निदेशक से इसकी शिकायत की”
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