वीडियो: राष्ट्रपति से मुलाकात के बाद बोले राहुल गांधी- गलतफहमी में ना रहे सरकार, रद्द करना होगा कृषि कानून

विपक्षी दलों ने कृषि कानूनों पर अपनी चिंताओं से अवगत कराने और इसे वापस लेने की मांग को लेकर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मुलाकात की। मुलाकात के बाद राहुल गांधी ने कहा कि ये कानून रद्द होना चाहिए। सरकार को किसी गलतफहमी में भी नहीं रहना चाहिए।

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पवन नौटियाल @pawanautiyal

केंद्र के तीन नए कृषि कानूनों को वापस लिए जाने की मांग को लेकर किसानों का आंदोलन जारी है। इस बीच विपक्षी दलों ने भी कृषि कानूनों पर अपनी चिंताओं से अवगत कराने और इसे वापस लेने की मांग को लेकर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मुलाकात की।

राष्ट्रपति से मुलाकात के बाद कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा कि ये जो बिल मोदी सरकार द्वारा पास किया गया ये किसान विरोधी है। राहुल गांधी ने कहा की प्रधानमंत्री ने कहा था कि ये बिल किसानों के हित के लिए है। ऐसे में सवाल उठता है कि अगर ये बिल किसानों के हित में है तो वो सड़कों पर क्यों खड़ा है, किसान इतना गुस्सा क्यों है?

राहुल गांधी ने कहा कि किसान इतना गुस्सा इसलिए हैं क्योंकि इन बिलों का लक्ष्य प्रधानमंत्री जी के मित्रों को हिंदुस्तान का एग्रीकल्चर सिस्टम को पकड़ाने का है। किसान इस बात को समझ चुका है। किसानों की शक्ति के सामने कोई खड़ा नहीं हो सकता है। राहुल गांधी ने कहा कि सरकार को इस गलतफहमी में नहीं रहना चाहिए कि किसान हट जाएंगे, डर जाएंगे। हिंदुस्तान का किसान तब तक नहीं डरेंगे नहीं और ना ही हटेंगे जब तक ये बिल रद्द नहीं हो जाता है।

राहुल गांधी ने आगे कहा कि किसान समझौता नहीं करेंगे क्योंकि उनको समझ आ गई है ये बात की अगर वो आज समझौता कर गए तो उनका भारत में कोई भविष्य नहीं रहेगा। राहुल गांधी ने किसानों से कहा कि अगर आप आज खड़े नहीं हुए तो कभी नहीं खड़े हो पाएंगे। राहुल गांधी ने कहा कि हम किसानों के साथ हर समय खड़े हैं क्योंकि किसान ही हिंदुस्तान है।

राष्ट्रपति से मिलने के बाद यह है राहुल गांधी का पूरा बयान:

"किसान ने इस देश की नींव रखी है और वो दिनभर इस देश के लिए काम करता है। ये जो बिल पास किए गए हैं, ये किसान विरोधी बिल हैं। प्रधानमंत्री जी ने कहा था कि ये बिल किसानों के हित के लिए है। सवाल उठता है कि अगर ये बिल किसानो के हित में हैं तो किसान सड़कों पर क्यों खड़ा है? किसान इतना गुस्सा क्यों है, क्योंकि इन बिलों का लक्ष्य़ प्रधानमंत्री जी के मित्रों को हिंदुस्तान का जो एग्रीकल्चरल सिस्टम है, वो पकड़ाने (थमाने) का है और किसान इस बात को बहुत अच्छी तरह समझ गया है।

किसान की शक्ति के सामने कोई नहीं खड़ा हो सकता है और सरकार को गलतफहमी में नहीं होना चाहिए। सरकार को ये नहीं सोचना चाहिए कि किसान हट जाएंगे, डर जाएंगे। हिंदुस्तान का किसान डरेगा नहीं। जब तक ये बिल रद्द नहीं कर दिए जाएंगे, तब तक हटेगा नहीं।

किसानों द्वारा सरकार के प्रस्ताव को ठुकराने के बारे में पूछे गए प्रश्न के उत्तर में श्री राहुल गांधी ने कहा कि सरकार को गलतफहमी में नहीं होना चाहिए। किसान कॉम्प्रोमाइज (समझौता) नहीं करेगा। क्यों नहीं करेंगे, क्योंकि उनको समझ आ गई है बात कि अगर आज वो कॉम्प्रोमाइज कर गए, तो उनका हिंदुस्तान में कोई भविष्य नहीं रहेगा। उनको बहुत क्लियरली ये बात समझ आ गई है कि अगर वो आज (अपने हक़ों के लिए) नहीं खड़े हुए और मैं किसानों से कह रहा हूं अगर आज आप नहीं खड़े हुए तो आप कभी खड़े नहीं हो पाओगे और हम सब आपके साथ हैं। आप बिल्कुल घबराइए मत हम सब आपके साथ खड़े हैं। आपको कोई पीछे नहीं हिला सकता, आप हिंदुस्तान हो।"

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