जब पिता के दबाव में आकर सेना में भर्ती हुए थे संगीतकार खय्याम, जानिए उनके जीवन से जुड़ी कुछ खास बातें
खय्याम का रुझान बचपन से ही सिनेमा के तरफ था। लेकिन मुस्लिम परिवार में पैदा होने की वजह से उनके इस हुनर को कभी नहीं सराहा गया। पाबंदियों के बावजूद छुप-छुपकर फिल्में देखने की वजह से उनके पिता ने उन्हें घर से बाहर निकाल दिया था।
भारतीय सिनेमा में अपने संगीत का जादू चलाने वाले म्यूजिक डायरेक्टर मोहम्मद जहूर खय्याम का सोमवार देर रात को निधन हो गया। खय्याम ने ‘उमराव जान', 'बाज़ार', और 'त्रिशूल' जैसी फिल्मों में संगीत देकर फिल्मी दुनिया में अपने हुनर का लोहा मनवाया था। आज इस वीडियो के माध्यम से हम आपको उनके जीवन से जुड़े कुछ अहम किस्सों के बारे में बताएंगे।
‘उमराव जान', 'बाज़ार', और 'त्रिशूल' जैसी फिल्मों में दिया संगीत
18 फरवरी 1970 को जालंधर के रोहान गांव में हुआ जन्म
बचपन से ही था सिनेमा की तरफ रुझान
फिल्में देखने की वजह से घरवालों ने निकाल दिया था बाहर
दिल्ली आकर ली संगीत की शिक्षा
पिता के दबाव में आकर सेना में होना पड़ा भर्ती
3 महीने बाद सेना की नौकरी छोड़ मुंबई जाकर हुस्नलाल भगत के सहायक बने
फिल्म हीर रांझा में दिया पहली बार संगीत
फिल्म ‘शोला और शबनम' ने दिलाई ख़ास पहचान
साल 2007 में संगीत नाटक एकेडमी अवॉर्ड और 2011 में पद्म भूषण मिला
‘उमराव जान’ के लिए फिल्मफेयर और नेशनल अवॉर्ड मिला
28 जुलाई को कुर्सी से गिरने के बाद अस्पताल में कराया गया था भर्ती
खय्याम और उनकी पत्नी एक ही समय पर आईसीयू में थे
19 अगस्त की रात दुनिया को कहा अलविदा
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