वीडियो: अंतरराष्ट्रीय अदालत में पाक चित, कुलभूषण जाधव की फांसी पर रोक, जानिए कब होगी रिहाई?
बुधवार को कुलभूषण जाधव मामले पर अंतरराष्ट्रीय अदालत ने अपना फैसला सुना दिया। कोर्ट ने अंतिम फैसला सुनाते हुए पाकिस्तानी सैन्य कोर्ट द्वारा दिए फांसी की सजा पर रोक लगा दी। कोर्ट ने 16 जजों के पैनल ने 15-1 से भारत के पक्ष में फैसला सुनाया। कोर्ट ने कहा कि जाधव को कॉन्सुलर एक्सेस की सुविधा भी दी जाए।
बुधवार को कुलभूषण जाधव मामले पर अंतरराष्ट्रीय अदालत ने अपना फैसला सुना दिया। कोर्ट ने अंतिम फैसला सुनाते हुए पाकिस्तानी सैन्य कोर्ट द्वारा दिए फांसी की सजा पर रोक लगा दी। कोर्ट ने 16 जजों के पैनल ने 15-1 से भारत के पक्ष में फैसला सुनाया। कोर्ट ने कहा कि जाधव को कॉन्सुलर एक्सेस की सुविधा भी दी जाए।
इसके बाद सबसे बड़ा सवाल यह है कि आगे क्या? क्या कुलभूषण जाधव की रिहाई होगी? अंतरराष्ट्रीय अदालत में मुंह की खाने के बाद पाकिस्तान का जाधव पर क्या रुख होगा? ऐसे कई सवालों के जवाब भविष्य के गर्भ में हैं, लेकिन कुछ स्थितियां जो बन रही हैं, वो कुलभूषण जाधव के लिए राहत भरी है।
आइए जानते हैं कि आगे इस मामले पर क्या हो सकता है, क्या संभावनाएं हैं।
अंतरराष्ट्रीय अदालत के फैसले में जाधव की सजा की समीक्षा और उस पर पुनर्विचार करने को कहा गया है। कोर्ट ने पाकिस्तान से जाधव को कॉन्सुलर एक्सेस देने को कहा है। ऐसे में अब पाकिस्तान को उन्हें कॉन्सुलर एक्सेस देना ही पड़ेगा।
अगर भारत को लगता है कि कोर्ट के निर्देश के बाद भी पाकिस्तान इस मामले की निष्पक्ष सुनवाई नहीं करता है तो भारत एक बार फिर से अंतरराष्ट्रीय अदालत का दरवाजा खटखटा सकता है। अंतरराष्ट्रीय अदालत में भारत के वकील हरीश सॉल्वे का भी यही कहना है।
सॉल्वे के अनुसार, अगर पाकिस्तान सैन्य कोर्ट में ही दोबारा जांच कराता है तो इसकी इजाजत नहीं दी जा सकती। ऐसे में बाहरी वकील का प्रवेश नहीं होगा, जो कि न्याय के सिद्धांतों के विपरीत होगा।
इस मामले की सुनवाई फिलहाल पाक के सैन्य कोर्ट में चल रही है, लेकिन कोर्ट के आदेश के बाद पाकिस्तान मामले को आम अदालत में ले जा सकता है। ऐसी स्थिति में भारत जाधव को कानूनी मदद मुहैया कराएगा। पाकिस्तान जाधव की रिहाई नहीं करता तो भारत, संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का रुख कर सकता है।
पाकिस्तान को अंतरराष्ट्रीय अदालत का फैसला मानना ही पड़ेगा। इसके खिलाफ अपील कठिन है। हालांकि अमेरिका जैसे देश आईसीजे के फैसले से किनारा कर चुके हैं, लेकिन पाकिस्तान के लिए ऐसा कर पाना मुश्किल होगा। क्योंकि पाकिस्तान सुरक्षा परिषद का स्थाई सदस्य नहीं है।
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