133वीं जयंती पर गूगल ने डूडल बना कर डॉक्टर मुथुलक्ष्मी रेड्डी को दिया सम्मान, जानिए कौन थीं ये महिला

डॉ.मुथुलक्ष्मी रेड्डी भारत की पहली महिला विधायक डॉक्टर थीं, जिन्होंने चेन्नई में कैंसर इंस्टिट्यूट की शुरुआत की थी। समाज सेवा और कैंसर जैसी बीमारी के इलाज के लिए कदम उठाने के लिए उन्हें भारत सरकार ने पद्मभूषण से नवाजा था।

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नवजीवन डेस्क

गूगल ने आज डॉ.मुथुलक्ष्मी रेड्डी का डूडल बनाया है। बहुत कम लोग डॉक्टर रेड्डी के नाम से परिचित हैं। आज उनकी 133वीं सालगिरह है। आइये जानते हैं कि कौन हैं डॉक्टर रेड्डी और किस तरह से उन्होंने समाज के विकास में अपना अहम योगदान दिया।

डॉ.मुथुलक्ष्मी रेड्डी भारत की पहली महिला विधायक और पहली महिला डॉक्टर थीं जिन्होंने चेन्नई में अदयार कैसर इंस्टिट्यूट की शुरुआत की थी। मुथुलक्ष्मी ने अपनी युवा अवस्था के दौरान उस समय देश में प्रचलित बाल विवाह के खिलाफ बगावत की और आगे की पढ़ाई जारी रखने के लिए महाराजा कॉलेज में एप्लीकेशन दी।

उस समय महाराजा कॉलेज में सिर्फ लड़कों को ही पढाया जाता था। उनके आवेदन पर कॉलेज के प्रिंसिपल ने भी विरोध किया था। डॉक्टर रेड्डी मद्रास कॉलेज में दाखिला लेने वाली पहली महिला थीं। इसके बाद डॉक्टरी के पढ़ाई करते हुए 1912 में उन्होंने एमबीबीएस की परीक्षा पास की और देश की पहली महिला डॉक्टर बनीं।

साल 1914 में उन्होंने एक डॉक्टर सुंदर रेड्डी से इस शर्त पर शादी की, कि वे उनके साथ बराबरी का व्यवहार करेंगे और उनको अपने सपने को पूरा करने से कभी नहीं रोकेंगे।

इसके अलावा डॉक्टर रेड्डी देश के पहली महिला विधायक भी रहीं। अपने कार्यकाल के दौरान उन्होंने लड़कियों की शिक्षा, बाल विवाह पर रोक और शादी के लिए उम्र की तय सीमा को बढ़वाने पर काम किया।

डॉक्टर रेड्डी के जीवन में एक ऐसा मोड़ आया जिसने उन्हें अन्दर से तोड़ दिया। उनकी बहन की मौत कैंसर की वजह से हो गई, जिसके बाद उन्होंने कैंसर पीड़ित लोगों के इलाज के लिए साल 1956 में एक कैंसर इंस्टिट्यूट की शुरुआत की। यह चेन्नई में स्थित है।

इसी साल उनकी समाज सेवा और कैंसर जैसी बीमारी के इलाज के लिए कदम उठाने के लिए उन्हें भारत सरकार की तरफ से पद्मभूषण से नवाजा गया। इसके 8 साल बाद 1968 में उनका निधन हो गया।

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