कृषि कानून की वापसी के ऐलान के बाद फिलहाल दिल्ली बॉर्डर से हटने के मूड में नहीं किसान, सरकार के सामने रखी ये मांग
मोदी सरकार द्वारा जिस कृषि कानूनों को जबरन संसद से पास किया गया था। उस कानून को खुद आज पीएम को वापस लेने का ऐलान करना पड़ा। किसानों द्वारा लगातार बन रहे दबाव के बीच आज मोदी सरकार को तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने का ऐलान करना पड़ा।
मोदी सरकार द्वारा जिस कृषि कानूनों को जबरन संसद से पास किया गया था। उस कानून को खुद आज पीएम को वापस लेने का ऐलान करना पड़ा। इसके पीछे की सबसे बड़ी वजह किसान आंदोलन ही है। कृषि कानूनों के विरोध में बीते एक साल से दिल्ली के बॉर्डर पर डटे किसानों की मेहनत रंग लाई है। किसानों द्वारा लगातार बन रहे दबाव के बीच आज मोदी सरकार को तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने का ऐलान करना पड़ा।
पीएम के इस ऐलान के साथ ही दिल्ली की सीमाओं का माहौल थोड़ा अलग जरूर हुआ, लेकिन किसान अभी वहां से हटने के मूड में नहीं है। दिल्ली यूपी स्थित गाजीपुर बॉर्डर पर नवजीवन ने जब किसानों से उनकी प्रतिक्रिया जानी तो उनका कहना था कि फैसले का स्वागत है लेकिन बिना MSP गारंटी कानून के यहां से कोई भी नहीं हिलेगा।
किसानों का कहना है कि पीएम इस तरह की बड़ी बड़ी बातें कई बार कर चुके हैं, लेकिन ऐलान भर से काम नहीं चलेगा। सरकार को संसद सत्र में इस कानून को निरस्त करना ही होगा। किसानों ने कहा है कि जब तक हमारी मांगे जैसे एमएसपी कानून, मृतक किसानों को शहीद का दर्दा, किसानों के खिलाफ दर्द मुकदमों को वापस नहीं लिया जाता तब तक हम यहां से नहीं हिलेंगे।
इसके अलावा किसानों की और क्या क्या मांगे थी। इस वीडियो में हम आपको बताते हैं।
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