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गौहर रज़ा की नज़्मः ‘किसानों को सड़कों पे ले तो आए हो, पर सैलाब तिनकों से रुकते नहीं’

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गौहर रज़ा की नज़्मः ‘किसानों को सड़कों पे ले तो आए हो, पर सैलाब तिनकों से रुकते नहीं’