Under-19 Asia Cup: फाइनल मैच में बांग्लादेश को 6 रनों से हराकर टीम इंडिया ने 7वीं बार अपने नाम किया खिताब
भारत ने सातवीं बार अंडर-19 एशिया कप का खिताब अपने नाम किया है। वह 1989, 2003, 2012, 2013-14, 2016, 2018 में भी यह खिताब जीत चुकी है। खास बात यह है कि भारत ने बीते चार साल में तीसरी बार चैम्पियन बनने का गौरव हासिल किया है।
करण लाल (37), कप्तान ध्रूव जोरेल (33) और गेंदबाज अर्थव अंकोलेकर (5 विकेट) के जोरदार संघर्ष के दम पर मौजूदा विजेता भारत ने रविवार को आर. प्रेमदासा स्टेडियम में खेले गए कम स्कोर वाले रोमांचक फाइनल मैच में बांग्लादेश को छह रनों से हरा अंडर-19 एशिया कप का खिताब अपने नाम कर लिया है। भारतीय टीम पहले बल्लेबाजी करते हुए 32.4 ओवरों में सिर्फ 106 रनों पर ही आउट हो गई। आसान से लक्ष्य का पीछा करने उतरी बांग्लादेश 33 ओवरों में सिर्फ 101 रनों पर ऑल आउट हो गई।
भारत ने सातवीं बार अंडर-19 एशिया कप का खिताब अपने नाम किया है। वह 1989, 2003, 2012, 2013-14, 2016, 2018 में भी यह खिताब जीत चुकी है। खास बात यह है कि भारत ने बीते चार साल में तीसरी बार चैम्पियन बनने का गौरव हासिल किया है।
78 रनों पर अपने आठ विकेट खोने वाली बांग्लादेश को अंत में तनजीम हसन शाकिब (12) और रकिबुल हसन (नाबाद 11) ने जीत के करीब लगभग पहुंचा ही दिया था। बांग्लादेश को जब लगने लगा कि वह जीत हासिल कर लेगी तभी अर्थव ने तनजीम और फिर दो गेंद बाद शाहहीन आलम को आउट कर उसकी उम्मीदों पर पानी फेर दिया।
इससे पहले, बांग्लादेश शुरुआत से ही लगातार विकेट खोती रही। तीन रनों के कुल स्कोर पर उसने पहला विकेट तनजीद हसन (0) के रूप में खोया। यहां से जो विकेट गिरने का सिलसिला शुरू हुआ वो चलता रहा। कप्तान अकबर अली ने बांग्लादेश के लिए सबसे ज्यादा 23 रन बनाए। उनके अलावा मृत्युंजय चौधरी ने 21 रनों का योगदान दिया।
भारत के लिए मैन ऑफ द मैच चुने गए अर्थव के अलावा आकाश सिंह ने तीन विकेट अपने नाम किए। सुशांत मिश्रा और विद्याधर पाटिल को एक-एक विकेट मिला।
भारत की युवा टीम भी अच्छी शुरुआत नहीं कर पाई। तीन के कुल स्कोर पर टीम ने अर्जुन आजाद का विकेट खो दिया। आठ रनों पर इंडिया अंडर-19 ने तीन विकेट खो दिए थे। 53 के कुल स्कोर पर भारत को दो लगातार झटके लगे। शाश्वत रावत (19) और वरुण लवांडे (0) पवेलियन लौट लिए। अर्थव भी दो रन बनाकर 61 के कुल स्कोर पर आउट हो गए। एक रन बाद कप्तान ध्रूव भी पवेलियन लौट लिए।
यहां से करण ने अकेले लड़ते हुए टीम को 100 के पार पहुंचाया। वह टीम के आखिरी विकेट के तौर पर आउट हुए।
(आईएएनएस इनपुट के साथ)
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