Paris Olympics: हॉकी में भारतीय टीम की ऐतिहासिक जीत, ओलंपिक में 52 साल बाद ऑस्ट्रेलिया को हराया

भारतीय डिफेंस ने आखिरी पांच मिनट जबरदस्त संयम का प्रदर्शन करते हुए ऑस्ट्रेलिया के नामचीन स्ट्राइकरों को कोई मौका नहीं दिया। और इसके साथ ही यह मुकाबला भारतीय हॉकी के सुनहरे इतिहास में दर्ज हो गया।

भारतीय हॉकी टीम ने ओलंपिक में 52 साल बाद आस्ट्रेलिया को हराया
भारतीय हॉकी टीम ने ओलंपिक में 52 साल बाद आस्ट्रेलिया को हराया
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नवजीवन डेस्क

कप्तान हरमनप्रीत सिंह के दो गोल और पी आर श्रीजेश की अद्भुत गोल कीपिंग के दम पर भारत ने 52 साल बाद ओलंपिक में ऑस्ट्रेलिया को हराते हुए आखिरी ग्रुप मैच में इस दिग्गज प्रतिद्वंद्वी पर 3-2 से जीत दर्ज की।

भारत ने आखिरी बार पुरूष हॉकी में ओलंपिक में ऑस्ट्रेलिया को 1972 म्युनिख खेलों में हराया था । वहीं सिडनी ओलंपिक 2000 में ऑस्ट्रेलिया से 2 -2 से ग्रुप मैच ड्रॉ रहा था। आस्ट्रेलिया ने टोक्यो ओलंपिक 2021 में ग्रुप मैच में भारत पर 7-1 से जीत दर्ज की थी।

टोक्यो ऑस्ट्रेलिया के कांस्य पदक विजेता भारत के लिए जहां श्रीजेश ने सही मायने में ‘दीवार’ की तरह काम करते हुए असंख्य गोल बचाये तो हर मैच में गोल करते आये हरमनप्रीत ने उस सिलसिले को बरकरार रखा। वहीं पहली बार ओलंपिक खेल रहे डिफेंडर जरमनप्रीत सिंह और फॉरवर्ड अभिषेक ने विरोधी के रसूख से विचलित हुए बिना बेखौफ हॉकी खेली।

भारत के लिये अभिषेक ने 12वें, हरमनप्रीत ने 13वें और 32वें मिनट में गोल किए। ऑस्ट्रेलिया के लिये क्रेग थॉमस ने 25वें और ब्लैक गोवर्स ने 55वें मिनट में गोल दागा ।


इस जीत से भारतीय हॉकी प्रेमियों के उन जख्मों पर मरहम जरूर लगा होगा जो दिल्ली राष्ट्रमंडल खेल 2010 के फाइनल में 8-0 और बर्मिंघम राष्ट्रमंडल खेल फाइनल में 7-0 से मिली हार के बाद मिले थे । इस मैच से पहले ओलंपिक में भारत ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 11 मैचों में से सिर्फ तीन ( 1960 रोम क्वार्टर फाइनल, 1964 तोक्यो सेमीफाइनल और 1972 म्युनिख ग्रुप मैच ) मैच जीते थे जबकि ऑस्ट्रेलिया ने छह जीते और दो ड्रॉ खेले थे ।

भारतीय टीम पूल चरण में तीन जीत , एक ड्रॉ और एक हार के साथ बेल्जियम के बाद दूसरे स्थान पर रही और क्वार्टर फाइनल में उसका सामना पूल ए की तीसरे नंबर की टीम से होगा ।

भारतीय टीम ने पहले क्वार्टर से ही काफी आक्रामक खेल दिखाते हुए शुरुआती 15 मिनट में 2-0 की बढ़त बना ली।

भारत को पांचवें मिनट में ही गोल करने का मौका मिला जब जरमनप्रीत ने बायें फ्लैंक से सुखजीत को गेंद सौंपी लेकिन वह उसे पकड़ नहीं पाये। आस्ट्रेलिया को 11वें मिनट में पहला पेनल्टी कॉर्नर मिला जिस पर जेरेमी हैवर्ड का शॉट बाहर से निकल गया।

इसके अगले मिनट भारत ने जवाबी हमला बोला और बेल्जियम के खिलाफ पिछले मैच में गोल करने वाले अभिषेक ने तूफानी शॉट पर गेंद सीधे गोल के भीतर डाल दी। आस्ट्रेलिया के गोलकीपर एंड्रयू चार्टर को समझने का समय ही नहीं मिला ।

भारत ने अगले मिनट पर मिले पेनल्टी कॉर्नर पर हरमनप्रीत के शानदार गोल से बढत दुगुनी कर ली। हरमनप्रीत का पेरिस ओलंपिक में यह पांचवां गोल था। पहले क्वार्टर में भारत 2-0 से आगे था।

दूसरे क्वार्टर में आस्ट्रेलियाई टीम ने आक्रामक तेवरों के साथ वापसी की और चौथे ही मिनट में पेनल्टी कॉर्नर बनाया । इस पर गोवर्स ब्लैक के शॉट को श्रीजेश ने बड़ी चतुराई से बचाया। अगले ही पल एक और पेनल्टी कॉर्नर पर भी यही कहानी रही लेकिन शॉट शार्प लाचलान का था।


आस्ट्रेलिया के लिये पहला गोल 25वें मिनट में क्रेग थॉमस ने पेनल्टी कॉर्नर पर किया। भारत को अगले मिनट पेनल्टी कॉर्नर मिला लेकिन हरमनप्रीत गोल नहीं कर सके।

तीसरे क्वार्टर में भारत को दूसरे ही मिनट में पेनल्टी कॉर्नर मिला लेकिन हरमनप्रीत का शॉट बचा लिया गया । भारतीय टीम ने वीडियो रेफरल लिया जिसके बाद भारत को पेनल्टी स्ट्रोक दिया गया और भारतीय कप्तान ने टूर्नामेंट का अपना छठा गोल करके भारत को 3-1 से बढत दिला दी।

भारतीय फॉरवर्ड पंक्ति ने अभिषेक की अगुवाई में हमले बोलने का सिलसिला जारी रखा और दूसरी ओर आस्ट्रेलियाई टीम अपने कमजोर पेनल्टी कॉर्नर से जूझती रही। आस्ट्रेलिया को 45वें मिनट में मिला पेनल्टी कॉर्नर भी बेकार गया।

आखिरी पंद्रह मिनट में आस्ट्रेलिया ने वापसी की भरसक कोशिशें की लेकिन भारत ने 51वें मिनट में पेनल्टी कॉर्नर बनाया। हरमनप्रीत इस पर हालांकि गोल नहीं कर सके। दो मिनट बार भारत को फिर पेनल्टी कॉर्नर मिला जिस पर अमित रोहिदास की फ्लिक को ऑस्ट्रेलिया डिफेंडर ने बचा लिया।

भारत के लिये इसी मिनट अभिषेक ने गोल कर दिया था लेकिन ऑस्ट्रेलिया के वीडियो रेफरल पर उसे अमान्य कर दिया गया । ऑस्ट्रेलिया को 55वें मिनट में पेनल्टी स्ट्रोक मिला जिस पर गोवर्स ने गोल करके आखिरी पांच मिनट के खेल को रोमांचक बना दिया।

भारतीय डिफेंस ने आखिरी पांच मिनट जबरदस्त संयम का प्रदर्शन करते हुए ऑस्ट्रेलिया के नामचीन स्ट्राइकरों को कोई मौका नहीं दिया। और इसके साथ ही यह मुकाबला भारतीय हॉकी के सुनहरे इतिहास में दर्ज हो गया।

पीटीआई के इनपुट के साथ

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