पेरिस ओलंपिक: आत्मविश्वास बढ़ाने के लिये अपने गोलों की क्लिप देखता हूं -हॉकी खिलाड़ी सुखजीत

सुखजीत भारतीय टीम में शामिल उन पांच खिलाड़ियों (अभिषेक, राजकुमार पाल, जरमनप्रीत सिंह, संजय) में से हैं जिनके लिये पेरिस उनका पहला ओलंपिक होगा।

फोटो: सोशल मीडिया
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नवजीवन डेस्क

दो साल पहले भारतीय हॉकी टीम में पदार्पण करने वाले फॉरवर्ड सुखजीत सिंह पेरिस में ओलंपिक में पदार्पण को लेकर कतई नर्वस नहीं है और आत्मविश्वास बढाने के लिये अपने अंतरराष्ट्रीय गोलों की क्लिप देखते रहते हैं। सुखजीत भारतीय टीम में शामिल उन पांच खिलाड़ियों (अभिषेक, राजकुमार पाल, जरमनप्रीत सिंह, संजय) में से हैं जिनके लिये पेरिस उनका पहला ओलंपिक होगा। टोक्यो ओलंपिक की कांस्य पदक विजेता भारतीय टीम 27 जुलाई को न्यूजीलैंड के खिलाफ अपने अभियान का आगाज करेगी।

पंजाब के तरण तारण में जन्मे सुखजीत ने रवानगी से पहले पीटीआई को दिये इंटरव्यू में कहा ,मैने 2022 में भारतीय टीम में पदार्पण किया और एफआईएच प्रो लीग में स्पेन के खिलाफ पदार्पण मैच में ही गोल किया था । अब तक का सफर अच्छा रहा है और हर मैच में सर्वश्रेष्ठ करने की ही कोशिश रहती है।

अब तक 70 अंतरराष्ट्रीय मैचों में 22 गोल कर चुके सुखजीत ने कहा कि वह ओलंपिक के दबाव का सामना करने के लिये शारीरिक और मानसिक रूप से पूरी तरह से तैयार हैं। उन्होंने कहा ,मुझे दबाव बिल्कुल नहीं लग रहा। हमने बड़े टूर्नामेंट खेले हैं तो दबाव का सामना करना बखूबी आता है। अपनी तैयारियों के दम पर बड़ी टीमों के खिलाफ अच्छा खेलने का यकीन ह।

भारत के पूल में मौजूदा चैम्पियन बेल्जियम, 2016 चैम्पियन अर्जेंटीना और विश्व कप विजेता आस्ट्रेलिया जैसे दिग्गज हैं । एफआईएच डेटा हब के आंकड़ों के अनुसार भारत ने पिछले दस साल में आस्ट्रेलिया के खिलाफ 48 मैचों में से आठ जीते, 33 गंवाये और सात ड्रॉ रहे हैं । वहीं बेल्जियम के खिलाफ 30 मैचों में से आठ जीते, 16 गंवाये और छह ड्रॉ खेले हैं । सुखजीत ने अपने पदार्पण टूर्नामेंट प्रो लीग में छह गोल किये थे। इसके बाद भारत में हुए 2023 विश्व कप में तीन गोल दागे । वह हांगझोउ में एशियाई खेलों में स्वर्ण पदक जीतने वाली भारतीय टीम का भी हिस्सा थे।

ओलंपिक के लिये मानसिक तैयारियों के बारे में पूछने पर उन्होंने कहा, मैंने जिन मैचों में गोल किये , मैं बड़े मैचों से पहले अपनी क्लिप देखता हूं । इससे मेरा आत्मविश्वास बढता है और मैं अगले मैच में और अच्छा करने की कोशिश करता हूं । मुझे अपना पिछला प्रदर्शन ही मानसिक तौर पर और मजबूत बनाता है । उन्होंने कहा, इसके अलावा एशियाई खेलों में सेमीफाइनल या फाइनल से पहले और एशियाई चैम्पियंस ट्रॉफी के दौरान भी खेल मनोवैज्ञानिक से बात करने से काफी फायदा मिला है । वे बताते हैं कि कैसे दबाव का सामना करना है । उनसे मिले टिप्स काफी काम आते हैं।

सुखजीत को उनके पिता अजित सिंह ने पहली बार हॉकी स्टिक थमाई जब वह छह वर्ष के थे। पंजाब पुलिस के पूर्व हॉकी खिलाड़ी अजित भारतीय टीम के लिये नहीं खेल सके लेकिन उन्होंने यह सपना अपने बेटे के लिये देखा। सुखजीत ने कहा ,मेरे पापा पंजाब पुलिस भी हॉकी खेलते थे और उनका सपना था कि जो मैं नहीं कर सका, वो मेरा बेटा कर दिखाये । उनके सहयोग से ही मैं इस मुकाम पर हूं । उनके लिये और मेरे पूरे परिवार के लिये वह गर्व का पल होगा जब मैं पेरिस में मैदान पर उतरूंगा।

सीनियर खिलाड़ियों से प्रेरणा लेने वाले 27 वर्ष के इस खिलाड़ी ने कहा ,हमारी टीम में सीनियर खिलाड़ियों श्री भाई (पी आर श्रीजेश ) , मनप्रीत , हरमनप्रीत के पास काफी अनुभव हैं । वे हमें अपने अनुभवों के बारे में बताते हैं और अच्छे प्रदर्शन के लिये प्रेरित करते हैं । हमें कोई दिक्कत होती है तो उनसे बात कर लेते हैं । ओलंपिक खेलगांव में किन खिलाड़ियों से मिलने को लेकर बेताब हैं, यह पूछने पर उन्होंने कहा कि फिलहाल फोकस अपनी तैयारी पर ही है। उन्होंने कहा ,खेलगांव में आस्ट्रेलियाई हॉकी टीम के फॉरवर्ड ब्लेक ग्रोवर्स से मुलाकात होगी जिनके खिलाफ हम काफी मैच भी खेल चुके हैं। लेकिन फोकस अपनी तैयारी पर है , खेलगांव पर नहीं। खाली समय में पंजाबी गाने सुनने के शौकीन सुखजीत ने कहा ,टीम में युवा और अनुभवी खिलाड़ियों का अच्छा तालमेल है और हमें यकीन है कि टोक्यो से शुरू हुआ सिलसिला पेरिस में और आगे बढेगा।

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