ओलंपिक: किसान की बेटी भावना पैदल चाल में ओलंपिक में लेंगी हिस्सा, वित्तीय परेशानी भी नहीं हिला पाई हौसला
भावना फरवरी 2020 में उस वक्त सुर्खियों में आईं जब उन्होंने रांची में नेशनल ओपन पैदल चाल चैंपियनशिप में राष्ट्रीय रिकॉर्ड सेट किया। भावना ने एक घंटे 29 मिनट 34 सेकंड में इवेंट पूरा किया, जो एक घंटे 31 मिनट के क्वालीफाइंग मार्क के भीतर टोक्यो ओलंपिक के लिए क्वालीफाई करने के लिए आवश्यक था।
राजस्थान के किसान परिवार में पैदा हुईं भावना जाट इस महीने होने वाले टोक्यो ओलंपिक में 20 किमी पैदल चाल इवेंट में भारत का प्रतिनिधित्व करेंगी। भावना के लिए यह यात्रा आसान नहीं थी और उन्हें वित्तीय परेशानी सहित कई अन्य दिक्कतों का सामना करना पड़ा।
भावना फरवरी 2020 में उस वक्त सुर्खियों में आईं जब उन्होंने रांची में नेशनल ओपन पैदल चाल चैंपियनशिप में राष्ट्रीय रिकॉर्ड सेट किया। भावना ने एक घंटे 29 मिनट 34 सेकंड में इवेंट पूरा किया, जो एक घंटे 31 मिनट के क्वालीफाइंग मार्क के भीतर टोक्यो ओलंपिक के लिए क्वालीफाई करने के लिए आवश्यक था।
उनकी उपलब्धि उल्लेखनीय रही है क्योंकि वह उस किसान परिवार से ताल्लुक रखती हैं जो आर्थिक रूप से मजबूत नहीं हैं और इसकी वजह से उन्हें अपनी कॉलेज की शिक्षा छोड़नी पड़ी।
इसके अलावा, उन्हें 'प्रतिगामी मानसिकता' से लड़ना पड़ा और ग्रामीणों का सामना करना पड़ा जो खुले तौर पर उनके पिता को घर से बाहर न भेजने के लिए कह रहे थे।
हालांकि, उनके पिता और भाई सहित पूरे परिवार ने भावना का सपना पूरा करने में उनका साथ दिया। भावना की मेहनत ने उन्हें उम्मीद के अनुरुप नतीजे दिए। जब वह गांव के स्कूल में पढ़ती थीं तो उन्होंने राष्ट्रीय इवेंट में रजत पदक जीता था। भावना को उनकी उपलब्धियों के लिए रेलवे की नौकरी मिली। राष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बना चुकीं भावना का अगला लक्ष्य टोक्यो ओलंपिक में पदक जीतना होगा।
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