रणजी ट्रॉफी: मुंबई ने 93 साल पुराने रिकॉर्ड को किया ध्वस्त, पृथ्वी शॉ की कप्तानी में उत्तराखंड को 725 रनों से दी शिकस्त
इससे पहले साल 1929-30 में न्यू साउथ वेल्स ने क्वींसलैंड को 685 रनों से हराया था और अब 93 साल बाद मुंबई ने ये कीर्तिमान अपने नाम कर लिया है। पृथ्वी शा की कप्तानी में मुंबई ने शानदार प्रदर्शन करते हुए सेमीफाइनल में जगह बना ली है।
रणजी ट्रॉफी में मुंबई ने इतिहास रचते हुए दूसरे क्वार्ट फाइनल में उत्तराखंड पर 725 रनों से विशाल जीत दर्ज की है। जो फर्स्ट क्लास क्रिकेट इतिहास की सबसे बड़ी जीत है। आपको बता दें, मुंबई ने उत्तराखंड को 795 रनों का लक्ष्य दिया था, वहीं उत्तराखंड की टीम महज 69 रनों पर ढेर हो गई। पृथ्वी शा की कप्तानी में मुंबई ने शानदार प्रदर्शन करते हुए सेमीफाइनल में जगह बना ली है।
आपको बता दें, रनों के लिहाजे से देखें तो ये रणजी ट्रॉफी ही नहीं बल्कि फर्स्ट क्लास क्रिकेट इतिहास की सबसे बड़ी जीत है। इससे पहले साल 1929-30 में न्यू साउथ वेल्स ने क्वींसलैंड को 685 रनों से हराया था और अब 93 साल बाद मुंबई ने ये कीर्तिमान अपने नाम कर लिया है।
मुंबई की टीम इस मैच में पूरी तरह से उत्तराखंड पर हावी नजर आई और पहली पारी में इस टीम ने सुवेद पारकर के 252 रन यानी दोहरे शतक और सरफराज खान की 153 रन की पारी के दम पर 8 विकेट पर 647 रन बनाकर पारी की घोषणा कर दी। पहली पारी में शम्स मुलानी ने भी शानदार योगदान दिया और 59 रन बनाए। वहीं उत्तराखंड की टीम पहली पारी में 114 रन पर आल आउट हो गई। पहली पारी में मुंबई की तरफ से शम्स मुलानी ने शानदार 5 विकेट लिए। इस तरह से मुंबई को पहली पारी में 533 रन की बढ़त मिली।
इसके बाद एक बार फिर से मुंबई ने दूसरी पारी में यशस्वी जयसवाल के 130 रन की शतकीय पारी साथ ही कप्तान पृथ्वी शा के 72 रन और आदित्य तारे के 57 रन की पारी के दम पर 3 विकेट पर 261 रन बनाए। इसके बाद मुंबई को कुल 794 रन की बढ़त मिली और उत्तराखंड को जीत के लिए 795 रन का टारगेट मिला। दूसरी पारी में इसके बाद उत्तराखंड की टीम मुंबई की गेंदबाजी के सामने धराशाई हो गई और पूरी टीम 69 रन पर आलआउट हो गई। इस तरह से मुंबई को 725 रन के अंतर से रिकार्ड जीत हासिल हुई।
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