खेल: कई विश्व रिकॉर्ड का गवाह बना कानपुर टेस्ट मैच, भारत ने WTC तालिका में शीर्ष पर अपना स्थान भी किया मजबूत
बांग्लादेश के खिलाफ 2-0 की टेस्ट सीरीज जीत ने विश्व टेस्ट चैंपियनशिप (डब्ल्यूटीसी) स्टैंडिंग में भारत की शीर्ष पर स्थिति को और मजबूत कर दिया है, वहीं इस टेस्ट में जीत के साथ ही कई रिकॉर्ड्स भी बने हैं।
भारत ने डब्ल्यूटीसी तालिका में शीर्ष पर अपना स्थान किया मजबूत
बांग्लादेश के खिलाफ 2-0 की टेस्ट सीरीज जीत ने विश्व टेस्ट चैंपियनशिप (डब्ल्यूटीसी) स्टैंडिंग में भारत की शीर्ष पर स्थिति को और मजबूत कर दिया है। कानपुर टेस्ट मैच सात विकेट की जीत के साथ भारत ने अपने अंक प्रतिशत में सुधार करते हुए इसे 74.24 तक पहुंचा दिया, जबकि बांग्लादेश की हार के बाद वह 34.38 प्रतिशत के साथ सातवें स्थान पर है। मेहमान टीम से आगे दक्षिण अफ्रीका और न्यूजीलैंड है, जो क्रमशः पांचवें और छठे स्थान काबिज हैं। ऑस्ट्रेलिया 12 मैचों में आठ जीत के बाद 62.50 अंक प्रतिशत के साथ दूसरे स्थान पर है। जबकि श्रीलंका (तीसरे), इंग्लैंड (चौथे) स्थान पर 55.56 और 42.19 अंक प्रतिशत के साथ हैं।
बांग्लादेश के खिलाफ टीम इंडिया ने टेस्ट सीरीज क्लीन स्वीप की। विश्व टेस्ट चैंपियनशिप में भारत नंबर 1 पर बरकरार है और उसकी स्थिति और मजबूत हो गई है। भारत पिछले 12 साल से घर में टेस्ट सीरीज नहीं हारा है और यह टीम की लगातार 18वीं सीरीज जीत है।
भारत बनाम बांग्लादेश: कई विश्व रिकॉर्ड का गवाह बना कानपुर टेस्ट मैच
बांग्लादेश के खिलाफ टीम इंडिया ने टेस्ट सीरीज क्लीन स्वीप की। कानपुर टेस्ट तीन दिन बारिश से प्रभावित रहा लेकिन यहां पानी के साथ रिकार्डों की भी बारिश हुई। चलिए एक नजर उन आंकड़ों पर डालते हैं।
भारतीय टीम ने अपनी पारी के दौरान 50,100,150, 200 और 250 रन रिकॉर्ड तेज गति से बनाए। यानि टेस्ट क्रिकेट में कभी भी इतनी तेज गति से यह रन नहीं बने थे। भारतीय टीम का बल्लेबाजी रन रेट 8.2 था, जो किसी भी अन्य टेस्ट पारी में सर्वाधिक था। रोहित और यशस्वी ने 19 गेंदों में 50 रनों की पार्टनरशिप की, जो किसी भी रेड बॉल में सबसे तेज है। भारतीय ऑफ स्पिनर रविचंद्रन अश्विन ने बांग्लादेश के खिलाफ टेस्ट सीरीज में अपने विजयी आलराउंड प्रदर्शन की बदौलत प्लेयर ऑफ द सीरीज का खिताब जीतकर श्रीलंका के ऑफ स्पिनर मुथैया मुरलीधरन के विश्व रिकॉर्ड की बराबरी कर ली है।
कानपुर टेस्ट की पहली पारी में दो और दूसरी पारी में तीन विकेट लेने वाले अश्विन ने इस सीरीज में कुल 114 रन बनाये और 11 विकेट लिए जिसकी बदौलत उन्हें प्लेयर ऑफ द सीरीज का पुरस्कार मिला जो उनके करियर में 11वीं बार था। मुरलीधरन ने भी अपने करियर में 11 प्लेयर ऑफ द सीरीज पुरस्कार हासिल किये थे। रविंद्र जडेजा टेस्ट क्रिकेट में 300 विकेट लेने और तीन हजार रन बनाने वाले तीसरे भारतीय खिलाड़ी बने हैं। जडेजा से पहले कपिल देव और रविचंद्रन अश्विन यह कारनामा कर चुके हैं। भारतीय टीम के स्टार बल्लेबाज विराट कोहली बांग्लादेश के खिलाफ दूसरे टेस्ट मैच की पहली पारी के दौरान महान बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर के एक बड़े रिकॉर्ड को पीछे छोड़ते हुए सबसे तेज 27 हजार अंतर्राष्ट्रीय रन बनाने वाले बल्लेबाज बन गए हैं।
कोहली ने शाकिब को अपना बल्ला तोहफे में दिया
भारत के सुपर स्टार बल्लेबाज विराट कोहली ने बांग्लादेश के खिलाफ मंगलवार को यहां दो टेस्ट की श्रृंखला में घरेलू टीम के क्लीन स्वीप के बाद मेहमान टीम के जल्द ही संन्यास लेने वाले ऑलराउंडर शाकिब अल हसन को अपने हस्ताक्षर वाला बल्ला तोहफे में दिया यहां विदेशी सरजमीं पर अपना अंतिम टेस्ट खेलने वाले शाकिब पहले की स्पष्ट कर चुके हैं कि वह दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ घरेलू श्रृंखला में तब तक नहीं खेलेंगे जब तक कि बांग्लादेश की मौजूदा कार्यवाहक सरकार उनके देश से बाहर जाने में किसी तरह की रुकावट नहीं आने का आश्वासन नहीं देती।
दूसरे टेस्ट मैच में भारत के सात विकेट से जीत दर्ज करने के बाद कोहली बांग्लादेश की टीम की ओर बढ़े और बांग्लादेश के महानतम क्रिकेटर को अपना बल्ला सौंपा। दोनों को एक-दूसरे का अभिवादन करते और हंसते हुए देखा गया जबकि शाकिब ने बल्ले से ‘शैडो ड्राइविंग’ की शाकिब भारत में एक लोकप्रिय क्रिकेटर हैं जिन्होंने 71 आईपीएल मैच खेले हैं। वह मुख्य रूप से कोलकाता नाइट राइडर्स के लिए और कुछ मैच सनराइजर्स हैदराबाद के लिए खेले।
शाकिब पर बांग्लादेश में हत्या का आरोप है जो उस समय लगाया गया था जब देश में नागरिक अशांति फैली थी जिसके कारण पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना को पद छोड़ना पड़ा। शाकिब हसीना की पार्टी आवामी लीग से संसद सदस्य थे बांग्लादेश की मौजूदा सरकार शाकिब को विदाई मुकाबला देने को लेकर उत्सुक नहीं है और बांग्लादेश क्रिकेट बोर्ड के मौजूदा अध्यक्ष फारुख अहमद का कहना है कि उनका संगठन कोई सुरक्षा एजेंसी नहीं है।
ऐसी स्थिति में कानपुर टेस्ट शाकिब का 71वां और आखिरी टेस्ट मैच हो सकता है। माना जा रहा है कि अगले साल चैंपियंस ट्रॉफी के बाद वह अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से पूरी तरह से संन्यास ले लेंगे। शाकिब फिलहाल अमेरिका में रहते हैं।
अश्विन ने मुरलीधरन के विश्व रिकॉर्ड की बराबरी की
भारतीय ऑफ स्पिनर रविचंद्रन अश्विन ने बांग्लादेश के खिलाफ टेस्ट सीरीज में अपने विजयी आलराउंड प्रदर्शन की बदौलत प्लेयर ऑफ द सीरीज का खिताब जीतकर श्रीलंका के ऑफ स्पिनर मुथैया मुरलीधरन के विश्व रिकॉर्ड की बराबरी कर ली है।
कानपुर टेस्ट की पहली पारी में दो और दूसरी पारी में तीन विकेट लेने वाले अश्विन ने इस सीरीज में कुल 114 रन बनाये और 11 विकेट लिए जिसकी बदौलत उन्हें प्लेयर ऑफ द सीरीज का पुरस्कार मिला जो उनके करियर में 11वीं बार था। मुरलीधरन ने भी अपने करियर में 11 प्लेयर ऑफ द सीरीज पुरस्कार हासिल किये थे।
टेस्ट क्रिकेट में सबसे ज़्यादा प्लेयर ऑफ़ द सीरीज़ अवार्ड
11 - मुथैया मुरलीधरन
11 - रविचंद्रन अश्विन
9 - जैक्स कैलिस
8 - सर रिचर्ड हैडली
8 - इमरान खान
8 - शेन वॉर्न
हम जोखिम लेने के लिए तैयार थे : रोहित
भारतीय कप्तान रोहित शर्मा ने बांग्लादेश के खिलाफ कानपुर में दूसरा टेस्ट सात विकेट से जीतने और सीरीज को 2-0 से क्लीन स्वीप करने के बाद मंगलवार को कहा कि टीम जीत के लिए कोई भी जोखिम उठाने को तैयार थी। रोहित ने मैच के बाद कहा,''हम सभी आगे बढ़ते रहते हैं। जाहिर है कि किसी न किसी स्तर पर हमें अलग-अलग लोगों के साथ काम करना शुरू करना पड़ा। जब राहुल भाई ने कहा कि वह यहां नहीं रह सकते - हमने शानदार समय बिताया लेकिन जीवन आगे बढ़ता रहता है। हम सभी को आगे बढ़ना है।'' कप्तान ने कहा,''कोच गौतम गंभीर, मैंने उनके साथ खेला है और जानता हूं कि वह किस तरह की मानसिकता के साथ आते हैं और खिलाड़ियों को खेलने की अनुमति देते हैं। शुरुआती दिन लेकिन यह एक अच्छी शुरुआत रही है। हमें इस बारे में बहुत सोचना था कि खेल को कैसे आगे बढ़ाया जा सकता है। एक बार जब हमने ढाई दिन खो दिए, जब हम चौथे दिन आए तो हम उन्हें जितनी जल्दी हो सके आउट करना चाहते थे और देखना चाहते थे कि हम बल्ले से क्या कर सकते हैं।''
रोहित ने कहा,''सब कुछ इस बात पर निर्भर करता था कि वे कितने रन बनाते हैं। जब वे 230 रन पर आउट हो गए, तो यह हमारे द्वारा बनाए गए रनों के बारे में नहीं था, बल्कि उन ओवरों के बारे में था जिन्हें हम उन्हें फेंकना चाहते थे। इसका मतलब था कि हमें रन रेट बढ़ाने की कोशिश करनी थी और जितना संभव हो सके उतने रन बनाने थे।'' उन्होंने कहा,'' पिच में गेंदबाजों के लिए बहुत कुछ नहीं था। उस पिच पर खेल को बेहतर बनाना गेंदबाजों का शानदार प्रयास था। और फिर बल्लेबाज़ों ने इस मानसिकता के साथ जल्दी से जल्दी रन बनाने की सोची। यह एक जोखिम था जिसे हम लेने के लिए तैयार थे क्योंकि जब आप इस तरह से बल्लेबाज़ी करने की कोशिश करते हैं, तो आप कम स्कोर पर आउट हो सकते हैं। लेकिन हम इसके लिए तैयार थे, भले ही हम 100-150 रन पर आउट हो जाएं।''
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