कोरोना वायरस का कहर, खाली स्टेडियम में कराए जाएंगे IPL के मैच!
खेल मंत्रालय ने भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) सहित अन्य राष्ट्रीय महासंघों को साफ तौर पर कहा कि कोरोनोवायरस के खतरों के बीच अगर देश में किसी भी टूर्नामेंट का आयोजन किया जाता है तो, उसे बंद दरवाजों के बीच आयोजित करना होगा।
खेल मंत्रालय ने भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) सहित अन्य राष्ट्रीय महासंघों को साफ तौर पर कहा कि कोरोनोवायरस के खतरों के बीच अगर देश में किसी भी टूर्नामेंट का आयोजन किया जाता है तो, उसे बंद दरवाजों के बीच आयोजित करना होगा।
सरकार के इस फैसले के बाद अब यह साफ है कि बीसीसीआई अगर इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) का आयोजन करता है, तो उसे इस टूर्नामेंट को दर्शकों के बिना ही आयोजित करना होगा और ऐसे में यह टूर्नामेंट अब बंद दरवाजों के बीच खेला जा सकता है।
खेल सचिव राधे श्याम जुलानिया ने आईएएनएस से बातचीत में साफ कर दिया है कि अगर कोई खेल है, जिसे टाला नहीं जा सकता है तो उसे बंद दरवाजों के बीच आयोजित करना चाहिए और यह सुनिश्चित करना चाहिए कि इसमें दर्शक ना आए।
खेल सचिव ने कहा, "बीसीसीआई सहित सभी राष्ट्रीय संघों से कहा गया है कि वे स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी दिशा-निदेशरें और सलाह का पालन करें। हमने उन्हें किसी भी सार्वजनिक सभा से बचने के लिए भी कहा है और अगर कोई खेल टूर्नामेंट का आयोजन होना है, तो उसे बंद दरवाजों के बीच लोगों के बिना आयोजित किया जाना चाहिए।"
उन्होंने कहा, "यह राज्य सरकार के ऊपर है जिसे दर्शकों का प्रबंधन करना है और उनके पास इसे रोकने के लिए महामारी रोग अधिनियम (1897 की महामारी अधिनियम) के तहत शक्ति प्राप्त है। यदि इसे (टूर्नामेंट को) टाला नहीं जा सकता है तो इसे दर्शकों के बिना ही बंद दरवाजों के बीच आयोजित करना चाहिए।"
सरकार के इस निर्देश के अब यह साफ है कि बीसीसीआई अगर आईपीएल का आयोजन करता है, तो उसे इसे बंद दरवाजों के बीच कराना होगा।
इस मामले में जब बीसीसीआई अधिकारी से संपर्क किया गया तो उन्होंने कहा कि उन्हें भी सरकार के फैसले का पालन करने की जरूरत है।
अधिकारी ने आईएएनएस से कहा, " बीसीसीआई खेल, अपने खिलाड़ियों, प्रशंसकों और लीग के हित में सर्वश्रेष्ठ संभव कदम उठाएगा। परिस्थितियां तेजी से बदल रही है और बोर्ड का वास्तव में इस स्थिति पर नियंत्रण नहीं है। आईपीएल कार्यकारी परिषद की मुंबई में शनिवार को बैठक होनी है। उस बैठक में परिषद को केंद्र सरकार द्वारा दिए गए निर्देशों को ध्यान में रखते हुए एक फैसला करना है।"
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