खेल: CWG से निशानेबाजी को हटाए जाने पर गगन नारंग निराश और डेविड वार्नर टेस्ट क्रिकेट में वापसी के लिए तैयार

निशानेबाज गगन नारंग ने ग्लासगो में 2026 में होने वाले सीडब्ल्यूजी से निशानेबाजी को बाहर किए जाने पर अपनी 'निराशा' व्यक्त की है और डेविड वार्नर टेस्ट क्रिकेट में वापसी के लिए तैयार है।

फोटो: सोशल मीडिया
फोटो: सोशल मीडिया
user

नवजीवन डेस्क

कॉमनवेल्थ गेम्स से निशानेबाजी को हटाए जाने पर निराश हैं गगन नारंग

भारतीय राष्ट्रीय राइफल संघ (एनआरएआई) और ओलंपिक पदक विजेता निशानेबाज गगन नारंग ने ग्लासगो में 2026 में होने वाले कॉमनवेल्थ गेम्स (सीडब्ल्यूजी) से निशानेबाजी को बाहर किए जाने पर अपनी 'निराशा' व्यक्त की है। निशानेबाजी ने 1996 के कॉमनवेल्थ गेम्स में अपनी शुरुआत की थी और 1970 तथा बर्मिंघम में हुए पिछले संस्करण को छोड़कर यह हमेशा इसका हिस्सा रहा। निशानेबाजी उन खेलों में शामिल है, जिसमें भारत के नाम अधिक पदक हैं। भारत ने अब तक इन खेलों में निशानेबाजी में 135 पदक जीते हैं। इसमें 63 स्वर्ण, 44 रजत और 28 कांस्य पदक शामिल हैं।

एनआरएआई ने एक बयान में कहा, "यह निराशाजनक है कि निशानेबाजी को कॉमनवेल्थ गेम्स में शामिल नहीं किया गया है। यह कॉमनवेल्थ गेम्स से बहुत अलग होगा, क्योंकि कई लोकप्रिय ओलंपिक खेलों को इसमें शामिल नहीं किया गया है, जो खेलों का एक कमजोर संस्करण होगा।''"हम केवल उन लोगों को शुभकामनाएं दे सकते हैं जो इसमें भाग लेंगे। भारत सरकार, खेल मंत्रालय और आईओए ने उन खेलों को शामिल करने के लिए हर संभव प्रयास किया, जिनमें भारत पारंपरिक रूप से मजबूत है।" 2012 लंदन ओलंपिक के कांस्य पदक विजेता निशानेबाज गगन नारंग ने कहा कि इस फैसले से निशानेबाजों को निराशा होगी, जो हर चार साल में होने वाले इस आयोजन की तैयारी कर रहे थे। उन्होंने एक्स पर लिखा, "मैं काफी निराश हूं कि निशानेबाजी ग्लासगो में होने वाले कॉमनवेल्थ गेम्स का हिस्सा नहीं है। हमारा खेल 2018 से बाहर है और जब विक्टोरिया को इसकी मेजबानी करनी थी, तब निशानेबाजी को इसमें शामिल किया गया था और अब इसे हटा दिया गया है।

डेविड वार्नर टेस्ट क्रिकेट में वापसी के लिए तैयार, भारत के खिलाफ ऑस्ट्रेलिया का ओपनिंग स्लॉट भरने की पेशकश की

ऑस्ट्रेलिया के पूर्व सलामी बल्लेबाज डेविड वार्नर ने खुलासा किया है कि अगर ऑस्ट्रेलिया उन्हें भारत के खिलाफ आगामी सीरीज के लिए बल्लेबाजी क्रम में शीर्ष स्थान भरने के लिए बुलाता है तो वह टेस्ट क्रिकेट से अपने संन्यास को वापस लेने के लिए तैयार हैं। 112 टेस्ट के शानदार करियर के बाद इस साल की शुरुआत में टेस्ट क्रिकेट से संन्यास लेने वाले वार्नर ने कहा कि वह अपनी तत्परता साबित करने के लिए न्यू साउथ वेल्स के अगले शेफील्ड शील्ड मैच में खेलने के लिए भी तैयार हैं। वार्नर ने स्पष्ट किया कि उनका प्रस्ताव गंभीर है। उन्होंने इस बात से इनकार किया कि उनकी टिप्पणी मजाक में की गई थी। वार्नर ने कोड स्पोर्ट्स से कहा, "मैं हमेशा उपलब्ध रहता हूं, बस फोन उठाना है। मैं हमेशा गंभीर रहता हूं। ईमानदारी से कहूं तो, अगर उन्हें वास्तव में इस सीरीज के लिए मेरी जरूरत है, तो मैं अगला शील्ड मैच खेलने और वहां जाकर खेलने के लिए बहुत खुश हूं।"

37 वर्षीय वार्नर, जिन्हें ऑस्ट्रेलिया के सबसे महान सलामी बल्लेबाजों में से एक माना जाता है, ने पिछले साल गर्मियों में 8,786 रन और 26 शतक बनाने के बाद संन्यास ले लिया था, जिसमें उनके करियर की सर्वश्रेष्ठ 335 रन की नाबाद पारी भी शामिल है। हालांकि, कैमरून ग्रीन जैसे प्रमुख खिलाड़ियों के चोटिल होने और स्टीव स्मिथ के थोड़े समय के लिए ओपनिंग करने के बाद चौथे नंबर पर लौटने के साथ, वार्नर का मानना ​​है कि ऑस्ट्रेलिया को अपने ओपनिंग विकल्पों पर फिर से विचार करना पड़ सकता है। वार्नर ने कहा, "मैंने खेल खत्म करने के लिए सही कारणों से संन्यास लिया था, और मैं खेल खत्म करना चाहता था। लेकिन अगर उन्हें किसी की सख्त जरूरत है तो मैं तैयार हूं। मैं इससे पीछे नहीं हटने वाला हूं।" उन्होंने कहा कि उन्होंने ऑस्ट्रेलिया के मुख्य कोच एंड्रयू मैकडोनाल्ड और मुख्य चयनकर्ता जॉर्ज बेली दोनों को इस स्थिति के बारे में संदेश भेजा था।

इंग्लैंड ने रावलपिंडी टेस्ट के लिए स्पिन तिकड़ी को चुना

इंग्लैंड ने पाकिस्तान के खिलाफ रावलपिंडी में होने वाले तीसरे और निर्णायक टेस्ट के लिए एक मजबूत स्पिन आक्रमण को उतारने का फैसला किया है, जिसमें जैक लीच और शोएब बशीर के साथ 19 वर्षीय रेहान अहमद भी शामिल है। इंग्लैंड के बल्लेबाज हैरी ब्रूक के अनुसार, यह निर्णय इसलिए लिया गया है क्योंकि पाकिस्तान में स्थानीय ग्राउंड स्टाफ ने जानबूझकर स्पिन की अनुकूल पिच को तैयार किया है। मैच से पहले बोलते हुए ब्रूक ने पिच को लेकर अपनी बात रखी। उन्होंने कहा, "मुझे लगता है कि परिस्थितियां थोड़ी अलग होंगी। पिछली बार हमने यहां बहुत सपाट पिच पर खेला था। इस पर बल्लेबाजी करना बहुत बढ़िया था और हमने अच्छी गति से रन बनाए थे। यह मैच शायद थोड़ा अलग होगा। हो सकता है कि यह पहले ही अपना मिजाज बदल ले।" रेहान अहमद, जिन्होंने दो साल पहले कराची में पांच विकेट लेकर पाकिस्तान में अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर धूम मचाई थी, फरवरी के बाद से इंग्लैंड के लिए अपना पहला मैच खेलने के लिए तैयार हैं। उस सीरीज में उनके प्रदर्शन ने इंग्लैंड के लिए ऐतिहासिक 3-0 की जीत सुनिश्चित की थी।

इन असफलताओं के बावजूद, इंग्लैंड रेहान की क्षमता को विकसित करने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने अपने खेल, खासकर अपनी बल्लेबाजी पर काम करना जारी रखा है, इस गर्मी में काउंटी चैंपियनशिप में चार अर्धशतक दर्ज किए हैं। रेहान इंग्लैंड के निचले क्रम को मजबूत करेंगे, नंबर 9 पर बल्लेबाजी करेंगे, क्योंकि टीम रावलपिंडी में स्पिन की अनुकूल परिस्थितियों का फायदा उठाने की कोशिश करेगी। तीसरे टेस्ट के लिए इंग्लैंड की प्लेइंग-11 : जैक क्रॉली, बेन डकेट, ओली पोप, जो रूट, हैरी ब्रूक, बेन स्टोक्स (कप्तान), जेमी स्मिथ (विकेटकीपर), गस एटकिंसन, रेहान अहमद, जैक लीच, शोएब बशीर।

यह उसकी निजी राय है, मैं उससे सहमत नहीं हूं : साक्षी के दावों पर बोली विनेश

स्टार पहलवान और कांग्रेस विधायक विनेश फोगाट ने मंगलवार को साक्षी मलिक के उन दावों पर असहमति जताई कि एशियाई खेलों के ट्रायल से छूट लेने के उनके और बजरंग पूनिया के फैसले से बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ उनका प्रदर्शन कमजोर पड़ा । ओलंपिक कांस्य पदक विजेता साक्षी ने अपनी किताब ‘ विटनेस’ में दावा किया है कि विनेश और बजरंग के फैसले से उनका आंदोलन ‘स्वार्थपूर्ण’ लगने लगा । विनेश ने पीटीआई वीडियो से कहा ,‘‘ यह उसकी निजी राय है । मैं इससे सहमत नहीं हूं । जब तक मैं कमजोर नहीं हूं, लड़ाई कमजोर नहीं हो सकती । यह मेरा मानना है । जब तक साक्षी, विनेश और बजरंग जिंदा है, यह लड़ाई कमजोर नहीं हो सकती ।’’ उन्होंने कहा ,‘‘जिन्हें जीतना है , उन्हें कभी कमजोर नहीं होना चाहिये । उन्हें हमेशा मैदान पर डटकर लड़ना चाहिये । इसके लिये कठोर होना और चुनौतियों का सामना करना जरूरी है । हम लड़ाई के लिये तैयार हैं ।’’

साक्षी ने किताब में बताया कि जब बजरंग और विनेश के करीबी लोगों ने उनके दिमाग में लालच भरना शुरू किया तो उनके विरोध प्रदर्शन में दरार आने लगी। इन तीनों ने भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के पूर्व प्रमुख बृजभूषण पर अपने कार्यकाल के दौरान महिला पहलवानों के साथ यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था और मामला दिल्ली की अदालत में चल रहा है। डब्ल्यूएफआई के निलंबन के बाद तदर्थ समिति ने कुश्ती का कामकाज देखना शुरू किया जिसने बजरंग और विनेश को 2023 एशियाई खेलों के ट्रायल्स में छूट दी लेकिन साक्षी ने अपने साथियों के सुझाव के बावजूद ऐसा नहीं करने का फैसला किया। अंत में साक्षी एशियाई खेलों में हिस्सा नहीं ले सकीं लेकिन विनेश खेलों से पहले चोटिल हो गईं और बजरंग पदक जीतने में असफल रहे।

Google न्यूज़नवजीवन फेसबुक पेज और नवजीवन ट्विटर हैंडल पर जुड़ें

प्रिय पाठकों हमारे टेलीग्राम (Telegram) चैनल से जुड़िए और पल-पल की ताज़ा खबरें पाइए, यहां क्लिक करें @navjivanindia