कॉमनवेल्थ गेम्स 2022 का हुआ भव्य समापन, भारत ने 61 पदकों और चौथे स्थान के साथ बर्मिंघम को कहा अलविदा
कॉमनवेल्थ गेम्स 2022 का बर्मिंघम में भव्य समापन हो गया। भारत ने 61 मेडल्स जीते। इसमें 23 गोल्ड, 16 सिल्वर और 22 ब्रॉन्ज शामिल हैं। इसके साथ ही भारत मेडल टेबल में चौथे स्थान पर रहा।
बर्मिंघम के अलेक्जेंडर स्टेडियम में कॉमनवेल्थ गेम्स 2022 का भव्य समापन हो गया। 11 दिनों तक चले इस गेम्स में पांच हजार से ज्यादा एथलीटों ने विभिन्न स्पर्धाओं में अपनी दावेदारी पेश की। समापन समारोह के दौरान राष्ट्रमंडल खेलों का झंडा विक्टोरिया के गवर्नर को भेंट किया गया। ऑस्ट्रेलिया के विक्टोरिया में वर्ष 2026 में कॉमनवेल्थ गेम्स का आयोजन होगा। समापन समारोह में अचंत शरत कमल और निकहत जरीन ने भारतीय दल का नेतृत्व किया।
भारत ने राष्ट्रमंडल खेल 2022 में 22 स्वर्ण, 16 रजत और 23 कांस्य समेत 61 पदक जीतकर तालिका में चौथे स्थान के साथ बर्मिंघम को अलविदा कहा। भारत ने 2018 में गोल्ड कोस्ट में 26 स्वर्ण समेत 66 पदक जीतकर तालिका में तीसरा स्थान हासिल किया था। लेकिन इस बार वह उस आंकड़े को पार नहीं कर पाया।
भारत को सर्वाधिक स्वर्ण और सर्वाधिक तमगे कुश्ती से हासिल हुए, जहां देश ने छह स्वर्ण, एक रजत और पांच कांस्य सहित 12 पदक जीते।
भारोत्तोलकों ने भारतीय अभियान की बेहतरीन शुरुआत करते हुए तीन स्वर्ण, तीन रजत और चार कांस्य सहित 10 पदक जीते। संकेत सरगर (पुरुष 55 किग्रा) ने चांदी का तमगा जीतकर बर्मिंघम 2022 में भारत का खाता खोला था।
भारत ने अपने युवा एथलीटों की बदौलत ट्रैक एंड फील्ड में भी कई ऐतिहासिक पदक हासिल किए। तेजस्विनी शंकर (कांस्य) ने जहां ऊंची कूद में भारत को पहला राष्ट्रमंडल पदक दिलाया, वहीं मुरली श्रीशंकर (रजत) 44 साल बाद भारत के लिये लंबी कूद पदक जीतने वाले पुरुष बने।
प्रियंका गोस्वामी (रजत) भारत के लिये 10,000 मीटर पैदल चाल में पदक जीतने वाली पहली महिला बनीं, वहीं संदीप कुमार ने भी 10,000 मीटर पुरुष पैदल चाल में कांसे का तमगा भारत की झोली में डाला।
अविनाश साबले ने पुरुष स्टीपलचेज़ में केन्या का एकछत्र राज समाप्त करते हुए रजत पदक जीता और 8:11.20 मिनट का राष्ट्रीय रिकॉर्ड भी स्थापित किया। एल्डोस पॉल और अब्दुल्ला अबूबकर ने तिहरी कूद में स्वर्ण और रजत जीता।
ऐसा पहली बार हुआ कि राष्ट्रमंडल खेलों के तिहरी कूद आयोजन में भारत ने दो पदक जीते हों। अनु रानी ने महिला जैवलिन थ्रो में कांस्य पदक अपने नाम किया।
मुक्केबाजों ने भी बर्मिंघम में भारत का परचम लहराते हुए सात पदक जीते। निखत जरीन (50 किग्रा), अमित पंघल (51 किग्रा) और नीतू (48 किग्रा) ने स्वर्ण जीते, जबकि जैस्मीन (60 किग्रा), मोहम्मद हुसामुद्दीन (57 किग्रा) और रोहित टोकस (67 किग्रा) ने कांसे के तमगे जीते। सागर अहलावत (92 किग्रा) ने मुक्केबाजी में भारत का एकलौता रजत जीता।
पुसरला वेंकट सिंधु और लक्ष्य सेन जैसे सितारों की बदौलत भारत ने बैडमिंटन में भी छह पदक अपने नाम किए। सिंधु ने महिला एकल में, लक्ष्य ने पुरुष एकल में जबकि सात्विकसाईराज रंकीरेड्डी और चिराग शेट्टी की जोड़ी ने पुरुष युगल में स्वर्ण जीते। इससे पहले भारतीय मिश्रित टीम ने टूर्नामेंट की शुरुआत में चांदी का तमगा जीता था।
इसके अलावा किदांबी श्रीकांत ने पुरुष एकल में और त्रिशा जॉली-गायत्री गोपीचंद की जोड़ी ने महिला युगल में कांस्य पदक जीता।
महिला लॉन बॉल फोर टीम ने इतिहास रचते हुए भारत को इस खेल में पहला राष्ट्रमंडल स्वर्ण दिलाया। पुरुष फोर टीम ने भी लॉन बॉल में चांदी का तमगा हासिल किया।
भारतीय महिला क्रिकेट टीम ने राष्ट्रमंडल खेलों में पहली बार महिला क्रिकेट के आयोजन का स्वागत करते हुए रजत पदक जीता।
पुरुष (रजत) और महिला (कांस्य) टीमों ने हॉकी में भारत का परचम लहराया। इसके अलावा भारत ने टेबल टेनिस (पांच पदक), जूडो (तीन पदक) और स्क्वाश (दो पदक) सहित 13 प्रतिभाओं में पदक जीते।
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