कुश्ती संघ भंग होने पर बृजभूषण सिंह की आई पहली प्रतिक्रिया, जानें क्या कहा?
कुश्ती संघ भंग होने पर बृजभूषण शरण सिंह ने कहा कि मैं कोई विवाद खड़ा नहीं करना चाहते, लेकिन भारतीय कुश्ती जगत में ताजा घटनाक्रम से उनका कोई लेना-देना नहीं है।
भारतीय कुश्ती संघ के भंग होने पर WFI के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह ने प्रतिक्रिया दी है। बृजभूषण शरण सिंह ने कहा कि उन्होंने खेल से नाता तोड़ लिया है और खेल मंत्रालय द्वारा नवनिर्वाचित संस्था को निलंबित किए जाने से उनका कोई लेना-देना नहीं है।
उन्होंने कहा कि मैं कोई विवाद खड़ा नहीं करना चाहते, लेकिन भारतीय कुश्ती जगत में ताजा घटनाक्रम से उनका कोई लेना-देना नहीं है। बृजभूषण सिंह ने रविवार को नई दिल्ली में एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, "मैंने पहलवानों के लिए 12 साल काम किया है। समय बताएगा कि मैंने न्याय किया है या नहीं। मैं कुश्ती से पूरी तरह सेवानिवृत्त हो चुका हूं। मैंने कुश्ती से नाता तोड़ लिया है। अब फैसले और सरकार से बातचीत फेडरेशन के चुने हुए लोग करेंगे।"
खेल मंत्रालय कुश्ती संघ को किया भंग
खेल मंत्रालय ने रविवार को संजय सिंह की अगुवाई वाली नई डब्ल्यूएफआई संस्था को राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं के आयोजन की 'जल्दबाजी' में की गई घोषणा के कारण निलंबित कर दिया। मंत्रालय ने एक पत्र जारी कर कहा, “भारतीय कुश्ती महासंघ के नवनिर्वाचित अध्यक्ष संजय कुमार सिंह जो 21 दिसंबर को अध्यक्ष चुने गए थे, उन्होंने घोषणा की थी कि कुश्ती के लिए अंडर-15 और अंडर-20 राष्ट्रीय प्रतियोगिताएं नंदिनी नगर, गोंडा (यूपी) में इस साल के अंत से पहले होंगी। यह घोषणा जल्दबाजी में की गई है, उन पहलवानों को पर्याप्त सूचना दिए बिना, जिन्हें उक्त राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में भाग लेना है और डब्ल्यूएफआई के संविधान के प्रावधानों का पालन किए बिना है।"
इस साल की शुरुआत में, शीर्ष भारतीय पहलवान बजरंग पुनिया, साक्षी मलिक और विनेश फोगाट के साथ-साथ अन्य पहलवानों ने बृज भूषण सिंह के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करते हुए आरोप लगाया था कि उन्होंने कई युवा जूनियर पहलवानों को परेशान किया था। बृजभूषण को उनके पद से बर्खास्त कर दिया गया और संजय सिंह को नया अध्यक्ष चुना गया।
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