जन्मदिन विशेष: ये हैं ‘कैप्टन कूल’ धोनी की वो शानदार परियां, जिन्हें भूल पाना है मुश्किल
बल्लेबाजी के अलावा विकेट के पीछे रह कर भी धोनी ने कई कमाल किये हैं। धोनी की गिनती उन विकेट कीपरों में की जाती है, जो पलक झपकते ही स्टंप करके बल्लेबाज को पवेलियन जाने पर मजबूर कर देते हैं।
भारतीय टीम के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी आज अपना 38वां जन्मदिन मना रहे हैं। धोनी अपनी कप्तानी में टीम को तीन बड़े अंतर्राष्ट्रीय खिताब जिताने वाले दुनिया के एकमात्र कप्तान हैं। अपने करियर की शुरुआत से ही बेहतरीन प्रदर्शन करने के बाद धोनी सबसे पहले शीर्ष पर पहुंचे थे। धोनी ने महज 42 मैच खेलकर सर्वश्रेष्ठ ऑल राउंडर के तौर पर आईसीसी रैंकिंग में टॉप पर जगह बनायी थी। क्रिकेट के इतिहास में कई बार ऐसे मौके आए हैं, जब धोनी ने अपनी बल्ले से कमाल दिखाया है। अपनी आतिशी पारियों और खेल की रणनीतियों के बल पर धोनी ने दुनिया भर के क्रिकेट फैंस के दिल में एक अलग जगह बनाई।
आज हम आपको धोनी के करियर से जुड़ी उन परियों के बारे में बताएंगे जिन्हें भुला पाना आसान नहीं है। आइए जानते हैं कि कौन सी हैं धोनी की वो पारियां।
2005 पाकिस्तान के खिलाफ (विशाखापट्टनम)
आपने करियर का पांचवां मैच खेलते हुए महेंद्र सिंह धोनी ने विशाखापट्टनम में पाकिस्तान के खिलाफ कमाल की बल्लेबाजी की थी। इस मैच में अपने प्रदर्शन के बाद धोनी रातों रात स्टार बन गए। पाकिस्तानी गेंदबाजों की धुलाई करते हुए धोनी ने इस पारी में 15 चौके और 4 छक्कों की मदद से 148 रन बनाए थे। यह उस वक्त भारत के लिए किसी भी खिलाड़ी द्वारा पाकिस्तान के खिलाफ खेली गई सबसे बड़ी पारी थी।
2005 श्रीलंका के खिलाफ (जयपुर)
31 अक्टूबर 2005 को जयपुर के सवाई मानसिंह स्टेडियम में श्रीलंका के खिलाफ धोनी ने एक और जबरदस्त पारी खेली थी। इस पारी में धोनी ने चौकों और चक्कों की बरसात करते हुए लंकाई गेंदबाजों की हालत खराब कर दी थी। इस मैच में धोनी ने 183 रनों की पारी खेली थी। 6 छक्कों के साथ वह धोनी के बल्ले से निकली सबसे बड़ी पारी थी।
वर्ल्ड कप 2011 (मुंबई)
साल 2011 के वनडे वर्ल्ड कप का फाइनल मुकाबला कोई भी भारतीय क्रिकेट फैन कैसे भूल सकता है। इस मैच में धोनी टीम इंडिया की जीत के हीरो बने थे। 100 रन से पहले ही सचिन, सहवाग और विराट जैसे खिलाड़ियों के आउट होने के बाद धोनी ने युवराज से पहले बल्लेबाजी करने का निर्णय लिया। इसके बाद उन्होंने 91 रन की पारी खेलकर टीम इंडिया को एक शानदार व यादगार छक्के के साथ विश्व चैंपियन बनाया।
2012 पाकिस्तान के खिलाफ (चेन्नई)
साल 2012 में धोनी ने पाकिस्तान के खिलाफ 113 रनों की नाबाद पारी खेली थी। इस मैच के शुरुआत में टीम इंडिया की हालत ये थी कि महज 29 रनों पर टीम के पांच विकेट गिर चुके थे। ऐसे में धोनी ने छठे नंबर पर आकर टीम को 6 विकेट पर 227 रन के स्कोर तक पहुंचाया। इस पारी में धोनी ने पाकिस्तानी गेंदबाजों की हालत खराब की हुई थी। हालांकि 7 चौकों और 3 छक्कों के साथ बड़ी पारी के बावजूद भारत ये मैच जीत नहीं सका था, लेकिन धोनी की आतिशी पारी इसतिहास में दर्ज हो गई।
बल्लेबाजी के अलावा विकेट के पीछे रह कर भी धोनी ने कई कमाल किये हैं। धोनी की गिनती उन विकेट कीपरों में की जाती है, जो पलक झपकते ही स्टंप करके बल्लेबाज को पवेलियन जाने पर मजबूर कर देते हैं। साल 2006 में धोनी के खेल से प्रभावित होकर खुद पाकिस्तान के राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ ने उनकी तरफ की थी। आईसीसी क्रिकेट के अलावा आईपीएल में भी धोनी ने कमाल का प्रदर्शन किया है।
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