बिहार: नहाय-खाय के साथ आज से छठ पूजा शुरू, व्रती रखेंगी 36 घंटे का निर्जला उपवास
पटना की सड़कों और बाजारों में भी रौनक है। दउरा, सूप, नारियल, ईख समेत फलों की बिक्री के लिए दुकानों में भीड लगी है। लोग दुकानों में घी, गुड़, गेहूं और अरवा चावल की खरीदारी कर रहे हैं।
बिहार की राजधानी पटना समेत पूरे राज्य में शुक्रवार को ’नहाय-खाय’ के अनुष्ठान के साथ चार दिवसीय लोक आस्था और सूर्य उपासना का महापर्व छठ प्रारंभ हो गया। पटना में गंगा तटों सहित विभिन्न जलाशयों पर सुबह से ही छठव्रतियों की भीड़ उमड़ने लगी। पहले दिन छठ व्रत करने वाले पुरूषों और महिलाओं ने स्नान करने के बाद अरवा चावल, चने की दाल और लौकी (कद्दू) की सब्जी का प्रसाद ग्रहण किया। छठ को लेकर चहुंओर छठ के गीत गूंज रहे हैं।
व्रतियों द्वारा गाए जा रहे छठ गीत से पूरा माहौल भक्तिमय हो गया है। पटना की सड़कों और बाजारों में भी रौनक है। दउरा, सूप, नारियल, ईख समेत फलों की बिक्री के लिए दुकानों में भीड लगी है। लोग दुकानों में घी, गुड़, गेहूं और अरवा चावल की खरीदारी कर रहे हैं।
परिवार की समृद्धि और कष्टों के निराकरण के लिए इस महापर्व के दूसरे दिन शनिवार को छठव्रती दिन भर बिना जलग्रहण किए उपवास रखने के बाद सूर्यास्त होने पर ’खरना’ का अनुष्ठान करेंगे। उसके बाद दूध और गुड़ से खीर का प्रसाद बनाकर उसे सिर्फ एक बार खाएंगे तथा जब तक चांद नजर आएगा, तब तक ही जल ग्रहण कर सकेंगे और उसके बाद से उनका करीब 36 घंटे का निराहार व्रत शुरू हो जाएगा।
पर्व के तीसरे दिन रविवार को छठव्रती विभिन्न जलाषयों में पहुंचकर अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य अर्पित करेंगे। पर्व के चौथे और अंतिम दिन सोमवार को उदीयमान सूर्य के अर्घ्य देने के बाद ही व्रतधारियों का व्रत समाप्त हो जाएगा।
इसके बाद व्रतधारी फिर अन्न-जल ग्रहण कर ’पारण’ करेंगे। छठ को लेकर पटना में सुरक्षा के पुख्ता प्रबंध किए गए हैं। पटना के सभी घाटों को दंडाधिकारियों और चिकित्सकों की प्रतिनियुक्ति की गई है।
आईएएनएस के इनपुट के साथ
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