अभिभावकों द्वारा अपने बच्चों की शिक्षा पर खर्च करने के मामले में भारत 12वें स्थान पर
एक ताजा सर्वे के नतीजों में ये बात सामने आई है कि अभिभावकों द्वारा अपने बच्चों की शिक्षा पर खर्च करने के मामले में भारत विश्व में 12वें स्थान पर है।
एक ताजा सर्वे के नतीजों में ये बात सामने आई है कि अभिभावकों द्वारा अपने बच्चों की शिक्षा पर खर्च करने के मामले में भारत विश्व में 12वें स्थान पर है। इस मामले में हांगकांग सबसे आगे है, जबकि दूसरे स्थान पर यूएई है।
सर्वे के अनुसार, हांगकांग के अभिभावक अपने बच्चों की शिक्षा पर औसतन 130,000 डॉलर सालाना खर्च करते हैं। सूची में दूसरे नंबर पर मौजूद यूएई के अभिभावक अपने बच्चों पर औसतन 99,378 डॉलर सालाना खर्च करते हैं। तीसरे नंबर पर मौजूद सिंगापुर में अभिभावकों के द्वारा अपने बच्चों की शिक्षा पर 70,000 डॉलर सालाना खर्च किया जाता है। इस सूची में अमेरिका चौथे स्थान पर है, जहां के अभिभावक अपने बच्चों की शिक्षा पर औसतन 58,000 डॉलर खर्च करते हैं। इनके बाद इस सूची में ताइवान, चीन, ऑस्ट्रेलिया, मलेशिया, यूके, मेक्सिको, कनाडा, भारत, इंडोनेशिया, मिस्र और फ्रांस का नाम है।
भारत में अभिभावकों द्वारा अपने बच्चों की शिक्षा पर औसतन 18,909 डॉलर सालाना खर्च किया जाता है, जबकि सूची में आखिरी पायदान पर मौजूद फ्रांस के अभिभावक अपने बच्चों पर महज 16,708 डॉलर खर्च करते हैं। इन नतीजों के आधार पर वर्ल्ड इकानॉमिक फोरम की रिपोर्ट कहती है कि फ्रांस के अभिभावक अपने बच्चों के भविष्य को लेकर थोड़े निराशावादी हैं। मिस्र, इंडोनेशिया और भारत का हाल भी इससे कुछ खास अलग नहीं है।
सर्वे में कहा गया है कि 94 प्रतिशत भारतीय अभिभावक बच्चों को स्नातक के बाद भी पढ़ाना चाहते हैं। भारत में 87 प्रतिशत अभिभावक मानते हैं कि बच्चों के लिए परा स्नातक की डिग्री जरूरी है। 59 प्रतिशत भारतीय अभिभावक अपनी कमाई बच्चों की शिक्षा पर खर्च कर रहे हैं। इन खर्चों में स्कूल-कॉलेज की ट्यूशन फी, किताबें, यूनीफॉर्म, ट्रांसपोर्ट और रहने की व्यवस्था पर होने वाला खर्च शामिल है।
एचएसबीसी बैंक द्वारा कराए गए इस सर्वे में ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, चीन, मिस्र, फ्रांस, हांगकांग, भारत, इंडोनेशिया, मलेशिया, मेक्सिको, सिंगापुर, ताइवान, यूएई, यूके और यूएसए के 8481 लोगों से उनकी राय ली गई है।
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Published: 22 Aug 2017, 8:24 PM