इस खास प्रकार की UV लाइट से हो जाएगा कोरोना का खात्मा, वैज्ञानिक का दावा
कोरोना वायरस ने दुनियाभर में कोहराम मचाया हुआ है। इससे बचाव के उपाय के लिए सभी देशों के वैज्ञानिक दिन-रात एक किए हुए हैं। इसी बीच न्यूयॉर्क की कोलंबिया यूनिवर्सिटी के एक साइंटिस्ट ने कहा है कि खास प्रकार के अल्ट्रा वॉयलेट लाइट से कोरोना वायरस को मारा जा सकता है।
कोरोना वायरस ने दुनियाभर में कोहराम मचाया हुआ है। इससे बचाव के उपाय के लिए सभी देशों के वैज्ञानिक दिन-रात एक किए हुए हैं। इसी बीच न्यूयॉर्क की कोलंबिया यूनिवर्सिटी के एक साइंटिस्ट ने कहा है कि खास प्रकार के अल्ट्रा वॉयलेट लाइट से कोरोना वायरस को मारा जा सकता है। सेंटर ऑफ रेडियोलॉजिक रिसर्च के डायरेक्टर डेविड ब्रेनर सालों से UV लाइट के इस्तेमाल को लेकर रिसर्च करते रहे हैं।
डेली मेल अखबार के एक रिपोर्ट के मुताबिक, Germicidal UV लाइट का इस्तेमाल हॉस्पिटल के कमरों और मशीनों को साफ करने के लिए किया जाता रहा है। हालांकि, इंसानों की स्किन को परंपरागत Germicidal UV लाइट से नुकसान का खतरा रहता है। इससे आंखों की बीमारी और स्किन कैंसर हो सकता है।
वहीं, Far-UVC लाइट माइक्रोब्स को मार सकते हैं और ये इंसानों के लिए खतरनाक नहीं होते। Far-UVC लाइट से स्किन सेल क्षतिग्रस्त नहीं होते हैं। अमेरिकी साइंटिस्ट डेविड ब्रेनर कोरोना वायरस का संक्रमण शुरू होने से पहले से ही Far-UVC लाइट के इस्तेमाल पर स्टडी कर रहे थे। वे यह पता लगाने की कोशिश कर रहे थे कि ये लाइट कैसे वातावरण में मौजूद वायरस को मारने में कामयाब हो सकती है।
2018 में 'साइंटिफिक रिपोर्ट्स' में एक स्टडी प्रकाशित की गई थी। डेविड ब्रेनर इसके सह लेखक थे. स्टडी में यह बताया गया था कि Far-UVC लाइट कोरोना जैसे ही वायरस को 95 फीसदी तक खत्म करने में कामयाब रही।
साइंटिस्ट डेविड ब्रेनर इससे पहले दो अन्य कोरोना वायरस पर लाइट के असर की जांच कर चुके हैं। अब उनकी टीम COVID-19 वायरस पर प्रयोग करने वाली है। असल में वायरस पतले मेंम्ब्रेन से कवर होते हैं जो यूवी लाइट की वजह से टूट जाते हैं।
एबीसी न्यूज से डेविड ब्रेनर ने कहा कि हमने देखा है कि Far-UVC light के बहुत कम डोज से ही 99 फीसदी वायरस को मारने में सफलता मिल जाती है। इसलिए ऐसा कोई कारण नहीं है कि इस बार परिणाम अलग आए।
हालांकि, अब तक far-UVC light के इस्तेमाल की मंजूरी नहीं है। लेकिन वैज्ञानिक डेविड ब्रेनर का कहना है कि अगर अनुमति मिले तो वो सार्वजनिक जगहों पर इसका इस्तेमाल कर के वायरस को मार सकते हैं।
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Published: 21 Apr 2020, 5:15 PM