पश्चिम बंगालः सुवेंदु अधिकारी पूरे शीतकालीन सत्र के लिए विधानसभा से निलंबित, सदन में गलत व्यवहार का आरोप

सुवेंदु अधिकारी को सदन के नियमों और प्रोटोकॉल के अनुरूप अस्वीकार्य व्यवहार के आरोप में निलंबित किया गया है। पिछले साल मार्च में भी अधिकारी और चार अन्य बीजेपी विधायकों को सदन से निलंबित किया गया था। हालांकि बाद में फैसला वापस ले लिया गया था।

सुवेंदु अधिकारी पूरे शीतकालीन सत्र के लिए विधानसभा से निलंबित, सदन में गलत व्यवहार का आरोप
सुवेंदु अधिकारी पूरे शीतकालीन सत्र के लिए विधानसभा से निलंबित, सदन में गलत व्यवहार का आरोप
user

नवजीवन डेस्क

पश्चिम बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता (एलओपी) सुवेंदु अधिकारी को कथित बुरे व्यवहार के लिए मंगलवार को सदन से निलंबित कर दिया गया। इसके साथ ही उन पर विधानसभा के मौजूदा शीतकालीन सत्र में भाग लेने पर रोक लगा दी गई है। सुवेंदु अधिकारी को सदन के नियमों और प्रोटोकॉल के अनुरूप अस्वीकार्य व्यवहार के आरोप में निलंबित किया गया है।

आज जब विधानसभा अध्यक्ष बिमान बंद्योपाध्याय ने बीजेपी विधायक शंकर घोष के एक विशेष शब्द को सदन की कार्यवाही से दिन भर के लिए निकाल दिया, तब हंगामा शुरू हुआ। सुवेंदु अधिकारी ने शब्द को हटाने के फैसले का पुरजोर विरोध किया और सदन के पटल पर धरना देना शुरू कर दिया।

विधानसभा अध्यक्ष को सुवेंदु अधिकारी को चेतावनी देते हुए और उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्यवाही से बचने के लिए सदन में अपने आचरण पर ध्यान देने के लिए कहते सुना गया। इसके तुरंत बाद तृणमूल कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने पूरे सत्र के लिए नेता विपक्ष को निलंबित करने की मांग करते हुए विधानसभा के पटल पर एक प्रस्ताव पेश कर दिया।


इसके फौरन बाद विधानसभा अध्यक्ष ने सदन के चल रहे शीतकालीन सत्र के शेष भाग के लिए सुवेंदु अधिकारी को निलंबित करने के निर्णय की घोषणा की। इस पर शेष बीजेपी विधायक विरोध स्वरूप तुरंत सदन से बाहर चले गए और उन्होंने 'संविधान दिवस' पर प्रस्ताव पर चर्चा का बहिष्कार करने के निर्णय की भी घोषणा की।

बाद में मीडिया से बात करते हुए सुवेंदु अधिकारी ने आरोप लगाया कि विपक्षी विधायकों को सदन के भीतर हमेशा उनकी वैध सुरक्षा से वंचित किया जाता है। उन्होंने आगे कहा कि संविधान दिवस के अवसर पर 'स्वीट चर्चा' में हिस्सा लेने का कोई मतलब नहीं है। मैं बार-बार कहता रहा हूं कि सदन में संविधान के प्रावधानों और मानदंडों का नियमित उल्लंघन किया जा रहा है।


यहां बता दें कि यह पहली बार नहीं है कि सुवेंदु अधिकारी को सदन के किसी सत्र में भाग लेने से निलंबित किया गया है। पिछले साल मार्च में सुवेंदु अधिकारी और चार अन्य बीजेपी विधायकों को सदन से निलंबित कर दिया गया था। हालांकि, बाद में कुछ देर बाद ही उनका निलंबन रद्द कर दिया गया था।

Google न्यूज़नवजीवन फेसबुक पेज और नवजीवन ट्विटर हैंडल पर जुड़ें

प्रिय पाठकों हमारे टेलीग्राम (Telegram) चैनल से जुड़िए और पल-पल की ताज़ा खबरें पाइए, यहां क्लिक करें @navjivanindia