यूपीः बीजेपी से कार्यकर्ताओं का असंतोष आया सामने, लगातार चुनावी मोड में रहने के बावजूद सम्मान नहीं मिलने से नाराज
बीजेपी के कार्यकर्ता इस बात से निराश हैं कि लगातार चुनावी सरगर्मी में जी-जान से जुटे होने के बावजूद उन्हें पार्टी ने उचित पुरस्कार नहीं दिया। जब चुनाव आते हैं तो दलबदलू व बाहरी लोग टिकट लेकर भाग जाते हैं और कार्यकर्ता बस काम शुरू करने की प्रतीक्षा करता है।
उत्तर प्रदेश में लगातार सियासी सरगर्मी से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के कार्यकर्ता पर अब चुनावी थकान छा गई है। भाजपा कार्यकता पिछले एक दशक से एक के बाद एक चुनाव के लिए काम कर रहे हैं जबकि उन्हें कोई उचित पुरस्कार या फिर उपयुक्त सम्मान नहीं मिला।
बीजेपी के एक कार्यकर्ता ने कहा कि हमने 2013 में 2014 के लोकसभा चुनाव के लिए काम करना शुरू किया और फिर 2017 के विधानसभा चुनावों की तैयारी में जुट गए। बिना किसी ब्रेक का इंतजार किए हमने 2019 के लोकसभा चुनाव की तैयारी शुरू कर दी और पूरे जी जान से पार्टी को जीतवाया।
कार्यकर्ता ने कहा कि लॉकडाउन ने हमें एक छोटा सा ब्रेक दिया लेकिन पार्टी ने वर्चुअल इंटरेक्शन शुरू कर दिया और हमें व्यस्त रखा गया। फिर विधान परिषद चुनाव और फिर पंचायत चुनाव और 2022 विधानसभा चुनाव आए। अब हम लोकसभा उपचुनाव और अगले महीने होने वाले विधान परिषद और राज्यसभा चुनावों में व्यस्त हैं।
बीजेपी से कार्यकर्ता जिस बात से निराश हैं, वह यह है कि उन्हें अभी तक पार्टी के नेताओं द्वारा उचित पुरस्कार नहीं दिया गया है। जौनपुर के एक पार्टी कार्यकर्ता ने कहा, जब चुनाव आते हैं तो दलबदलू और बाहरी लोग टिकट लेकर भाग जाते हैं और प्रतिबद्ध कार्यकर्ता फिर से काम शुरू करने की प्रतीक्षा करते है।
बीजेपी कार्यकर्ताओं की शिकायत है कि जब पार्टी के नए सदस्य मंत्री बनते हैं, तो वह कार्यकर्ताओं पर ध्यान नहीं देते। पार्टी कार्यकर्ता ने कहा, हम घर-घर जाते हैं, मतदाताओं से जुड़ते हैं और यहां तक कि कई बार मतदाताओं के गुस्से का भी सामना करते हैं, लेकिन हम उनकी मदद करने की स्थिति में नहीं होते।
लखनऊ में पार्टी के एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने कहा, "हम जानते हैं कि अभी भी पार्टी के कार्यकतार्ओं और सरकार में बैठे लोगों के बीच संपर्क की कमी है, लेकिन हम एक ऐसी प्रणाली बनाने की कोशिश कर रहे हैं जहां दोनों के बीच संचार का एक माध्यम हो। मंत्रियों को पार्टी कार्यकतार्ओं से बातचीत करने और उनकी बात सुनने के लिए कहा गया है।
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