वीडियो: गुस्से में हैं देश के करोड़ों बेरोजगार, कहीं बेकाबू न हो जाएं हालात, बोले राहुल

राहुल गांधी का कहना है कि देश के करोड़ों बेरोजगारों के सब्र का बांध अब टूटने लगा है, और आशंका है कि कहीं हालात बेकाबू न हो जाएं। नवजीवन से खास बातचीत में राहुल गांधी ने इस समस्या का समाधान भी बताया

user

नवजीवन डेस्क

कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा है कि सरकार तमाम योजनाओँ का तो ढिंढोरा पीटती रहती है, लेकिन बेरोजगारी दूर करने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठा रही है। उन्होंने कहा है कि इस समय देश की सबसे बड़ी समस्या रोजगार है। उन्होंने कहा कि हर रोड करीब 30 हजार युवा नौकरी की तलाश में सामने आते हैं, लेकिन सिर्फ 450 को ही नौकरियां मिल पाती है। इस तरह बेरोजगारों की एक फौज खड़ी हो गयी जो अच्छे दिनों का इंतजार कर रही है। उन्होंने कहा कि इस तरह करीब दस लाख युवा हर महीने बेरोजगारी का सामना कर रहे हैं। जो देश के लिए बेहद खतरनाक है।

राहुल गांधी ने कहा कि बेरोजगारों का गुस्सा अब नजर आने लगा है। यह गुस्सा कृषि क्षेत्र से लेकर फैक्टरियों तक में दिख रहा है। उन्होंने आशंका जताई कि इस गुस्से से हिंसा का खतरा पैदा हो गया है। कुछेक जगहों पर हिंसा देखने को भी मिली है। उन्होंने कहा कि सरकार को इस समस्या को स्वीकार करना चाहिए और हल निकालना चाहिए। राहुल गांधी ने कहा कि ऐसी कोई भी समस्या नहीं है जिसका हल देश न निकाल सकता हो, कोई भारत एक वृहद संभावनाओं वाला देश है।

केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए राहुल गांधी ने कहा कि आज की सरकार के पास फोकस ही नहीं है। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार, स्किल इंडिया, मेक इन इंडिया, स्वच्छ भारत और ऐसी तमाम योजनाओं का ढिंढोरा तो पीटती रहती है, लेकिन रोजगार के मोर्चे पर बुरी तरह नाकाम रही है। उन्होंने कहा कि सरकार को इस तरफ ध्यान देने की जरूरत है, जो कि नहीं हो रहा है।

राहुल गांधी ने कहा कि सरकार ने छोटे और मझोले कारोबार और उद्योग-धंधो को चौपट कर दिया है, क्योंकि उसका ध्यान सिर्फ और सिर्फ बड़े उद्योगों या कार्पोरेट पर है। कांग्रेस उपाध्यक्ष ने कहा कि इसमें कोई बुराई नहीं कि बड़े उद्योगों को सरकार सहयोग करे, लेकिन उसकी कीमत छोटे-उद्योग धंधे या कारोबार नहीं हो सकते। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने सिर्फ छोटे और मझोले उद्योग धंधों की अनदेखी की है, बल्कि उस पर हमला भी किया है, जिससे इस क्षेत्र की कमर टूट गयी है। राहुल ने कहा कि नोटबंदी और जीएसटी इन उद्योग-धंधों के लिए किसी कहर से कम नहीं थे।

उन्होंने कहा कि देश में चारों तरफ हुनर बिखरा पड़ा है। जरूरत है उसे पहचानकर उनकी मदद करने और उन्हें अवसर मुहैया कराने की। राहुल गांधी ने कहा कि देश के छोटे-छोटे शहरों में हुनरमंद भरे पड़े हैं। उनकी क्षमताओं को समझने की जरूरत है और उन्हें सहयोग और मदद देने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि अनौपचारिक क्षेत्र इस देश की अर्थव्यवस्था की रीढ़ साबित होती रही है, और इसे मजबूत करने की जरूरत है न कि उस पर हमला करने की। राहुल गांधी का कहना है कि इस सरकार ने इंस्पेक्टर राज कायम कर रखा है। आयकर विभाग को इतनी ताकत दे दी है कि वह किसी का भी काम-धंधा बंद करा सकता है। इसे सुधारने की जरूरत है।

Google न्यूज़नवजीवन फेसबुक पेज और नवजीवन ट्विटर हैंडल पर जुड़ें

प्रिय पाठकों हमारे टेलीग्राम (Telegram) चैनल से जुड़िए और पल-पल की ताज़ा खबरें पाइए, यहां क्लिक करें @navjivanindia


Published: 06 Oct 2017, 5:16 PM