बिहार एनडीए में चरम पर पहुंची तनातनी, लगातार बयानबाजी के बाद उठी समन्वय समिति की मांग
जेडीयू के वरिष्ठ नेता और राज्य के ऊर्जा मंत्री बिजेंद्र प्रसाद यादव ने कहा कि आरोप-प्रत्यारोप करना विपक्ष का काम है। तमाम मुद्दों पर गठबंधन के अंदर आपस में बात होनी चाहिए। वर्तमान में इसमें कुछ कमी नजर आ रही है, जो अच्छी परंपरा नहीं है।
बिहार में सत्ताधारी गठबंधन राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) में आपसी बयानबाजी के बाद अब समन्वय समिति की मांग जोर पकड़ने लगी है। एनडीए के घटक दल हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (हम) के बाद अब जेडीयू ने भी समन्वय समिति की मांग की है। जेडीयू के वरिष्ठ नेता और राज्य के ऊर्जा मंत्री बिजेंद्र प्रसाद यादव ने कहा कि राज्य में एनडीए में को-ऑर्डिनेशन कमिटी (समन्वय समिति) आवश्यक है।
बिजेंद्र प्रसाद यादव ने कहा कि आरोप-प्रत्यारोप करना विपक्ष का काम है। तमाम मुद्दों पर गठबंधन के अंदर आपस में बात होनी चाहिए। वर्तमान में इसमें कुछ कमी नजर आ रही है, जो अच्छी परंपरा नहीं है। उन्होंने कहा कि को-ऑर्डिनेशन कमिटी रहेगी तो समन्वय ठीक से रहेगा।
हाल के दिनों में विभिन्न मुद्दों पर बीजेपी और जेडीयू के नेता आमने सामने आते रहे हैं, जिस कारण कई बार असमंजस की स्थिति भी पैदा होती रही है। हाल ही के दिनों में पीएफआई पर प्रतिबंध लगाने को लेकर भी बीजेपी मुखर है, जबकि जेडीयू इसे लेकर कानून पर भरोसा रखने की बात कह रही है।
बिजेंद्र प्रसाद यादव कहते हैं कि अगर कोई मामला है तो सत्ताधारी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष या अन्य पदाधिकारियों को मुख्यमंत्री के साथ बैठकर तय करना चाहिए कि क्या हो सकता है। क्योंकि सरकार में उनकी भी हिस्सेदारी है। उन्होंने माना कि पहले बयानबाजी में भी एक मर्यादा थी, बोलने पर नियंत्रण था, अब उसमें कमी आई है।
इससे पहले एनडीए में शामिल 'हम' के प्रमुख और पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी भी एनडीए में समन्वय समिति की मांग कर चुके हैं। इस मामले में हालांकि अब तक बीजेपी कुछ नहीं बोल रही है। बीजेपी के नेता बस इतना कहते हैं एनडीए में कहीं कोई मनमुटाव नहीं है, सरकार ठीक ढंग से चल रही है।
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