सर्वेः बंगाल में रहेगी ममता सरकार, तमिलनाडु में DMK करेगी वापसी, नहीं खिलेगा बीजेपी का कमल
पश्चिम बंगाल में सत्तारूढ़ ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली तृणमूल कांग्रेस एक बार फिर अपना किला बरकरार रखती दिख रही है। वहीं तमिलनाडु में डीएमके वापसी करने जा रही है।आईएएनएस सी-वोटर सर्वे के अनुसार इन दोनों राज्यों में बीजेपी का कमल खिलता नहीं दिख रहा है।
पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में पिछली बार की अपेक्षा इस बार कुछ नुकसान के साथ ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली तृणमूल कांग्रेस के फिर से सत्ता में आने का अनुमान है, जबकि बीजेपी का इस राज्य में सत्ता हासिल करने का ख्वाब टूटता दिख रहा है। इसके साथ ही, देश के दक्षिणी राज्य तमिलनाडु में द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (डीएमके) सत्तारूढ़ ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (एआईडीएमके) को हराते हुए बहुमत के आंकड़े को आसानी से पार करती दिख रही है। ये नतीजे कई राज्यों के आगामी विधानसभा चुनाव से पहले आईएएनएस सी-वोटर जनमत सर्वेक्षण में सामने आए हैं।
इस सर्वेक्षण में सामने आया कि सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) राज्य में साधारण बहुमत के साथ जीतने की राह पर दिखाई दे रही है। हालांकि, इस बार मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है, जो लगभग एक चौथाई हिस्सा खोती नजर आ रही हैं, लेकिन एक साधारण बहुमत से जीत सुनिश्चित दिख रही है।
सर्वे के अनुसार 294 सदस्यीय पश्चिम बंगाल विधानसभा में टीएमसी के 154 सीटों पर जीत हासिल करने का अनुमान है, जो कि 2016 में मिली 211 सीटों के मुकाबले 53 कम है। वहीं, इस चुनाव में पूरा जोर लगा रही बीजेपी सरकार बनाती नहीं दिखाई दे रही है। हालांकि, वह पिछले बार की तीन सीटों के मुकाबले आगामी विधानसभा चुनाव में 102 सीटें जीत सकती है। भगवा पार्टी राज्य में अपने पिछले प्रदर्शन से ऐतिहासिक रूप से 99 सीटें अधिक जीत सकती है।
इसी तरह तमिलनाडु में डीएमके-कांग्रेस गठबंधन बड़ा लाभ उठाता दिख रहा है और विधानसभा चुनाव जीतने के लिए तैयार है। 234 सीटों वाली विधानसभा में गठबंधन के दो तिहाई बहुमत के साथ 162 सीटों पर जीत हासिल करने का अनुमान है। वहीं बंगाल की तरह यहां भी बीजेपी सत्ता से बेहद दूर दिखाई दे रही है। हालांकि पुद्दुचेरी में एआईडीएमके को बढ़त मिल सकती है।
इसी तरह केरल में भी मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन की अगुवाई वाली एलडीएफ 85 सीटों के साथ सत्ता में वापसी करती दिखाई दे रही है। हालांकि, लेफ्ट के नेतृत्व वाली एलडीएफ को 2016 में 140 सदस्यों वाली विधानसभा में मिली 91 सीटों की अपेक्षा इस बार छह सीटें कम मिल सकती हैं। सीएम विजयन 46.7 प्रतिशत से अधिक मतों के साथ बेहद लोकप्रिय बने हुए हैं। वहीं कांग्रेस के नेतृत्व वाली यूडीएफ को पिछले चुनाव में 47 सीटों की अपेक्षा इस बार छह सीटों की बढ़त के साथ 53 सीटें मिलने की उम्मीद है।
इस सर्वे में केवल असम में बीजेपी सरकार में आती दिख रही है। सर्वे के अनुसार मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल के नेतृत्व वाली सत्तारूढ़ बीजेपी एक और कार्यकाल के लिए वापस आ रही है, वहीं केरल में एलडीएफ भी एंटी इंकम्बेंसी को परास्त करने में सफल रहती दिखाई दे रही है। सर्वे के अनुसार, 126 सीटों वाली असम विधानसभा में एनडीए फिलहाल 77 सीटों के साथ सत्ता में आता दिखा रहा है। हालांकि, गठबंधन को 2016 में मिली 86 सीटों के मुकाबले 9 सीटें कम मिलने की संभावना है। वहीं यूपीए को पिछली बार की 26 सीटों से 14 सीटों की बढ़त के साथ 40 सीटें मिलने की उम्मीद है।
इस सर्वेक्षण में कुल 45 हजार लोगों से बातचीत की गई। इसमें असम में 5000 से अधिक लोगों से बात की गई। वहीं केरल में 6000 से अधिक, पुदुचेरी में 1000 से अधिक, तमिलनाडु में 15000 और पश्चिम बंगाल में 18000 लोगों से बातचीत की गई।
(आईएएनएस के इनपुट के साथ)
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