केरल चुनाव: 'विजयन सरकार के दिन लदे, शानदार जीत दर्ज करेगा यूडीएफ'

तीन बार केरल के मुख्यमंत्री रहे ए.के. एंटनी ने बुधवार को कहा कि राज्य में पिनारायी विजयन के नेतृत्व वाली एलडीएफ सरकार के दिन अब गिनती के रह गए हैं और उनकी कांग्रेस नीत यूडीएफ 6 अप्रैल के विधानसभा चुनाव में शानदार जीत हासिल करेगी।

फोटो : सोशल मीडिया
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आईएएनएस

तीन बार केरल के मुख्यमंत्री रहे ए.के. एंटनी ने बुधवार को कहा कि राज्य में पिनारायी विजयन के नेतृत्व वाली एलडीएफ सरकार के दिन अब गिनती के रह गए हैं और उनकी कांग्रेस नीत यूडीएफ 6 अप्रैल के विधानसभा चुनाव में शानदार जीत हासिल करेगी। दिल्ली में मीडिया को संबोधित करते हुए एंटनी ने कहा कि राज्य में स्थिति अब उस मुकाम पर पहुंच गई है, जहां सभी केरल के शासन में बदलाव चाहते हैं। एंटनी अधिकतम अवधि के लिए देश के रक्षा मंत्री रहे हैं।

उन्होंने कहा, विजयन सरकार के दिन अब केवल गिनती के रह गए हैं। इसमें कोई संदेह नहीं है कि केरल में अब कांग्रेस का मुख्यमंत्री होगा। नाम पर निर्णय चुनावों के बाद किया जाएगा। यूडीएफ के सत्ता में लौटने पर ही प्रदेश में सांप्रदायिक सद्भाव होगा। रविवार को पार्टी के उम्मीदवारों की सूची सामने आने के बाद एंटनी ने पार्टी में अंदरूनी कलह की बात को सिरे से नकार दिया।


उन्होंने कहा, "इस लिस्ट में कांग्रेस के जिन आकांक्षियों का नाम शामिल नहीं हो पाया है, मैं उनकी भावनाओं को समझ सकता हूं। पार्टी आलाकमान कभी हस्तक्षेप नहीं करते हैं और इस बार सूची कई दौर की चर्चाओं और विचार-विमर्श के बाद सामने आई। मुझे अपनी पार्टी के कार्यकर्ताओं पर पूरा भरोसा है, क्योंकि वे वर्तमान सरकार का अंत देखने के लिए प्रतिबद्ध हैं।"

उन्होंने कहा, "क्या आप सभी ने माकपा और भाजपा जैसी कैडर पार्टियों में संघर्ष नहीं देखा। अगर कांग्रेस पार्टी में थोड़ा भी कुछ हुआ तो चारों तरफ हंगामा मच जाता है। हमारी सूची पर एक नजर डालें और इसमें युवाओं की संख्या पर गौर करें..कोई भी पार्टी इतने युवा चेहरों को टिकट देने का दावा नहीं कर सकती।"


केरल की नेमोम ही एक ऐसी सीट है, जहां भाजपा काबिज है। इस हाई-प्रोफाइल सीट के लिए चुनावी लड़ाई पर उन्होंने कहा कि यह एक महत्वपूर्ण चुनाव है और परिणाम बहुत स्पष्ट है कि महान मुख्यमंत्री के. करुणाकरण के पुत्र के. मुरलीधरन, जो कांग्रेस के उम्मीदवार हैं, विजयी होंगे।

बहरहाल, एंटनी ने अपने सहयोगी पी.सी. चाको के कांग्रेस छोड़कर राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी में शामिल होने के निर्णय के बाबत कुछ भी कहने से इनकार कर दिया।

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