भ्रष्टाचार के सवाल पर भड़के सीएम खट्टर! विधानसभा में कांग्रेस विधायक को कहा नमूना, जमकर हंगामा
हरियाणा विधानसभा में आज बजट सत्र के अंतिम दिन भ्रष्टाचार के सवाल पर मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के बोल बिगड़ गए। खट्टर ने भ्रष्टाचार पर सरकार से सवाल कर रहे फरीदाबाद से कांग्रेस विधायक नीरज शर्मा को नमूना कह दिया।
हरियाणा विधानसभा में आज बजट सत्र के अंतिम दिन भ्रष्टाचार के सवाल पर मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के बोल बिगड़ गए। खट्टर ने भ्रष्टाचार पर सरकार से सवाल कर रहे फरीदाबाद से कांग्रेस विधायक नीरज शर्मा को नमूना कह दिया। जिस पर विपक्ष के विधायक भड़क गए। कांग्रेस के विधायक अपनी सीटों से खड़े हो गए और शर्म करो, शर्म करो के नारे लगाए। भारी हंगामे के बीच खट्टर और पूर्व मुख्यमंत्री भूपिंदर सिंह हुड्डा के बीच जमकर बहस हुई। नीरज शर्मा ने सदन में ही ऐलान कर दिया कि जब तक भ्रष्टाचारियों के खिलाफ कारवाई नहीं होती तब तक ना वह जूते पहनेंगे और न सिले वस्त्र धारण करेंगे।
हरियाणा विधानसभा के बजट सत्र के आखिरी दिन भ्रष्टाचार के सवाल पर मंत्री से लेकर मुख्यमंत्री तक अपना संतुलन खोते नजर आए। हुआ यूं कि फरीदाबाद से कांग्रेस के विधायक नीरज शर्मा ने सरकार से भ्रष्टाचार को लेकर सवाल पूछा था। नीरज शर्मा ने पूछा था कि वर्ष 2014 से लेकर 2021 तक नगर निगम फरीदाबाद में कितने घोटाले उजागर हुए तथा विजिलेंस को कितने मामले सौंपे गए। विजिलेंस जांच का ब्यौरा तथा अधिकारियों के खिलाफ लिए गए एक्शन की डिटेल भी सरकार से उन्होंने मांगी थी। सरकार के जवाब से असंतुष्ट नीरज शर्मा ने कहा कि 26-4-2019 को विजिलेंस ने निगम को 100 करोड़ के घोटाले की चिट्ठी लिखी थी। सांसद किशन पाल गुर्जर की अध्यक्षता में हुई मीटिंग में तारकोल से बनने वाली सड़क को सीमेंट से बनवाने की बात कही गई। निगम कमिशनर ने इसे अप्रूव कर दिया। कांग्रेस विधायक ने आरोप लगाया कि चिट्ठी-चिट्ठी खेल चल रहा है। विजिलेंस को कागज ही नहीं दिए गए। हालत यह है कि नगर निगम में पांच लाख 52 हजार का एस्टीमेट बना, लेकिन इन्हासमेंट एक करोड़ 92 रुपये की हो गई। सतबीर एंड कंपनी 200 करोड़ रुपये खा गई। दो करोड़ का काम 36 करोड़ रुपये का हो गया।
नीरज शर्मा ने सदन में भ्रष्ट अफसरों के खुलकर नाम लिए। उन्होंने कहा कि भ्रष्ट अफसरों के नाम वीरेंद्र, डीआर भास्कर, रवि सिंगला, सोनम गोयल और मोहम्मइ शाइन हैं। 100 करोड़ का ठेका अप्रूव कर दिया गया। जब नीरज शर्मा भ्रष्ट अफसरों के नाम गिना रहे थे तो सदन में सत्ता पक्ष भौचक्का था। कांग्रेस विधायक ने कहा कि मेरी बात गलत हो तो आज ही सदन में इस्तीफा दे दूंगा। इस पर कांग्रेसी विधायकों ने शर्म करो, शर्म करो के नारे लगाए। इस पर स्थानीय निकाय मंत्री कमल गुप्ता जवाब देने की जगह कहते दिखे कि ये समझ रहे हैं कि सामने रैली है और नारे लगा दिए।
इस दौरान विपक्ष के हर आरोप पर सबूत के साथ सदन में बात करने की ताकीद करने वाले स्पीकर ज्ञानचंद गुप्ता भी कुछ कहने की स्थिति में नहीं दिखे। सरकार के जवाब से असंतुष्ट नीरज शर्मा ने इस दौरान ऐलान कर दिया कि जब तक भ्रष्ट्राचारियों के खिलाफ कारवाई नहीं होती तब तक ना जूते धारण कंरूगा और न सिले वस्त्र धारण करूंगा। उन्होंने सरकार से पूछा कि टाइम बता दो कि भ्रष्टाचारियों को सजा कब तक मिलेगी। इस पर मंत्री कमल गुप्ता का जवाब था कि प्रधानमंत्री का मर्डर हो जाता है तो जांच में दस- दस साल लग जाते हैं। इस पर विधायकों ने शेम शेम के नारे लगाए। तब डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला खड़े हुए और कहा कि डिपार्टमेंट के पास जो मामले विचाराधीन हैं, उन्हें 6 महीने में कंपलीट कर देंगे।
नाराज विधायक नीरज शर्मा इसके बाद सिले वस्त्र उतार सामान्य कपड़े पहन आए। इस दौरान मुख्यमंत्री ने आपत्तिजनक बयान देते हुए कहा कि हमें पहले से पता था कि आज यह नमूना देखने को मिलेगा। यह बर्दाश्त नहीं होगा। सीएम के विधायक को नमूना कहने पर कांग्रेस विधायक भड़क गए। सरकार के खिलाफ नारेबाजी होने लगी। हुड्डा और सीएम के बीच भ्रष्टाचार के मुद्दे पर जमकर बहस हुई। हुड्डा ने कहा कि सरकार का रोम रोम भ्रष्टाचार से भरा हुआ है। विधायक को नमूना कहने पर घोर आपत्ति जताई। नीरज शर्मा ने कहा कि आप भ्रष्टाचारियों को पनाह दे रहे हैं। सदन में भारी हंगामे और दबाव में मामले को कवरअप करने के लिए एक दूसरे मसले पर मुख्यमंत्री सीबीआई जांच करवाने की बात कहते दिखे। हमेशा की तरह मुख्यमंत्री यही दोहराते रहे कि हम किसी को बख्शेंगे नहीं।
आश्चर्य की बात यह है कि सरकार ने नीरज शर्मा को दिए अपने जवाब में विजिलेंस जांच में विभिन्न मामलों में आरोपियों में मुख्य अभियंता से लेकर सहायक अभियंता, कार्यकारी अभियंता, जिला नगर योजनाकार, संयुक्त आयुक्त, कार्यकारी अधिकारी, ठेकेदार और प्राइवेट कंपनी तक पर आरोपों का ब्यौरा तो दिया है, लेकिन करोड़ों के भ्रष्टाचार के आरोपों पर एक्शन के नाम पर सिफर है। एक्शन वाले कॉलम में या तो सिफारिश अपेक्षित है लिखा गया है या कार्रवाई की जाएगी लिखा है।
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