विपक्ष के संसद बहिष्कार का सरकार ने उठाया फायदा, बिना अवरोध राज्यसभा से कई विधेयक पारित कराए
राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष गुलाम नबी आजाद ने कहा कि जब तक विपक्ष की मांगें पूरी नहीं होंगी, सत्र का बहिष्कार करेंगे। उन्होंने कहा कि जब तक 8 सांसदों का निलंबन वापस नहीं होता और कृषि विधेयकों पर हमारी मांगें नहीं मानी जातीं, विपक्ष सत्र का बहिष्कार करेगा।
कृषि विधेयक और 8 राज्यसभा सांसदों के निलंबन के विरोध में विपक्ष द्वारा संसद के मानसून सत्र के बहिष्कार का लाभ उठाते हुए सरकार ने राज्यसभा से धड़ाधड़ कई विधेयक बिना किसी अवरोध के पारित करा लिया। सरकार को इन विधेयकों को पारित कराने में कोई कठिनाई नहीं हुई और सभी विधेयक बिना किसी रोकटोक के ध्वनिमत से पारित कर दिए गए।
इन पारित विधेयकों में विवादास्पद आवश्यक वस्तु (संशोधन) विधेयक-2020 भी शामिल है।इससे पहले सरकार ने भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी कानून (संशोधन) विधेयक- 2020 पारित कराया। इनके अलावा राष्ट्रीय फोरेंसिक विज्ञान विश्वविद्यालय और राष्ट्रीय रक्षा विश्वविद्यालय स्थापित करने के लिए गृह मंत्रालय द्वारा प्रस्तावित दो विधेयक भी ध्वनि मत से पारित किए गए। साथ ही उच्च सदन में कंपनीज संशोधन विधेयक-2020 और बैंकिंग रेगुलेशन संशोधन विधेयक-2020 भी पारित किए गए।
इससे पहले दिन में विपक्ष ने फैसला किया कि जब तक उनकी मांगें नहीं मानी जाएंगी, तब तक राज्यसभा के मानसून सत्र की शेष अवधि का वह बहिष्कार करेंगे। राज्यसभा के आठ निलंबित सदस्यों ने मंगलवार को विपक्षी नेताओं द्वारा मानसून सत्र के बहिष्कार में शामिल होने के अनुरोध के बाद अपना दिन भर का विरोध-प्रदर्शन समाप्त कर दिया था।
कांग्रेस के निलंबित सांसदों में से एक सैयद नासिर हुसैन ने कहा, "हमने अपना विरोध खत्म कर दिया है, लेकिन सत्र के बहिष्कार में शामिल होंगे।" निलंबित किए गए उनके सहयोगी राजीव सातव, ने कहा कि उनका विरोध संसद से सड़क तक जाएगा। विपक्षी सांसदों का कहना है कि अगर नए कृषि विधेयकों पर उनकी तीन मांगें केंद्र सरकार द्वारा पूरी नहीं की जाती हैं तो वह संयुक्त रूप से सत्र का बहिष्कार करेंगे।
वहीं राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस सांसद गुलाम नबी आजाद ने कहा कि जब तक विपक्ष की मांगें पूरी नहीं होंगी, वो सत्र का बहिष्कार करेंगे। उन्होंने मंगलवार को कहा, "जब तक हमारे सांसदों के बहिष्कार को वापस नहीं लिया जाता और किसान के विधेयकों से संबंधित हमारी मांगों को नहीं माना जाता, विपक्ष सत्र का बहिष्कार करेगा।"
किसानों से जुड़ी मांगों को सामने रखते हुए गुलाम नबी आजाद ने कहा, "सरकार एक और विधेयक लेकर आए, जिसके तहत कोई भी प्राइवेट प्लेयर एमएसपी से नीचे खरीद न कर सके, एमएसपी को स्वामीनाथन कमीशन द्वारा सुझाए गए फॉर्मूले के आधार पर तय किया जाए, एफसीआई जैसी सरकारी एजेंसियां एमएसपी से नीचे खरीद न करें।" आजाद ने कहा कि विवाद का मूल कारण समन्वय की कमी और समय की कमी है। वहीं पूरे विवाद पर राज्यसभा में हंगामे के बीच कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने सत्र के बहिष्कार के सात कारण गिनाए।
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Published: 23 Sep 2020, 12:00 AM