लोकतंत्र के पन्ने: गाजियाबाद सीट पर बीजेपी और कांग्रेस में रही है कांटे की टक्कर, जानिए क्या है इस लोकसभा का इतिहास
गाजियाबाद लोकसभा सीट पर 11 अप्रैल को मतदान कराया जाएगा। दिल्ली से नजदीक होने की वजह से यह सीट हमेशा से ही चर्चा में रहा है। इस लोकसभा सीट पर छह बार बीजेपी और पांच बार कांग्रेस ने कब्जा जमाया है। गाजियाबाद सीट पर इस बार 25 लाख से ज्यादा मतदाता अपने मतों का इस्तेमाल करेंगे।
तारीखों के ऐलान के साथ ही सभी पार्टियां चुनावी तैयारियों में जोर शोर लग गई हैं। पहले चरण के लिए 18 मार्च को अधिसूचना जारी होने के साथ ही नामांकन की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। 25 मार्च तक नामांकन दाखिल किए जाएंगे। 26 मार्च को नामांकन पत्रों की जांच होगी। 28 मार्च तक नाम वापस लिए जाएंगे और 11 अप्रैल को प्रथम चरण के लिए वोट डाले जाएंगे।
राजधानी दिल्ली से सटे गाजियाबाद में भी 11 अप्रैल को मतदान कराया जाएगा। दिल्ली से नजदीक होने की वजह से यह सीट हमेशा से ही चर्चा में रहा है। इस लोकसभा सीट पर छह बार बीजेपी और पांच बार कांग्रेस का कब्जा रहा है। गाजियाबाद सीट पर इस बार 25 लाख से ज्यादा मतदाता अपने मतों का इस्तेमाल करेंगे। इस लोकसभा क्षेत्र में लोनी, साहिबबाद, गाजियाबाद और मुरादनगर चार विधानसभाएं हैं। इन चारो विधानसभा सीट पर बीजेपी का कब्जा है।
गाजियाबद पहले हापुड़ लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत आता था। यहां पहली बार 1957 में लोकसभा चुनाव कराया गया। कांग्रेस के कृष्णचंद शर्मा यहां के पहले सांसद बने। 1962 लोकसभा चुनाव में भी कांग्रेस प्रत्याशी कमला चौधरी को जीत मिली। तो वहीं 1967 लोकसभा चुनाव में निर्दलीय प्रत्याशी प्रकाशवीर शास्त्री चुनाव जीतने में कामयाब रहे। 1971 में एकबार फिर से यहां कांग्रेस को सफलता मिली। पार्टी के प्रत्याशी बीपी मौर्य चुनाव जीतकर लोकसभा पहुंचे। 1977 के लोकसभा चुनाव में भारतीय लोकलद के कुंवर महमूद अली को गाजियाबाद के लोगों ने चुनकर संसद में भेजा। तो वहीं 1980 के लोकसभा चुनाव में अनवर अहमद जनता पार्टी सेक्युलर की टिकट पर चुनाव जीतने में कामयाब रहे। 1984 में कांग्रेस के केएनसिह और 1989 में जनता दल के केसी त्यागी चुनाव जीतने में सफल रहे। इसके बाद 1991 से 1999 तक लगातार चार बार बीजेपी की टिकट पर डॉ. रमेश चंद तोमर चुनाव जीतकर लोकसभा पहुंचे। तो वहीं 2004 के लोकसभा चुनाव में सुरेंद्र प्रकाश गोयल कांग्रेस के टिकट पर जीत हासिल करने में कामयाब रहे।
2009 में लोकसभा क्षेत्र के परिसीमन के बाद गाजियाबाद लोकसभा सीट अस्तित्व में आया। परिसीमन के बाद हापुड़ का अधिकांश क्षेत्र मेरठ लोकसभा क्षेत्र से जोड़ दिया गया। जबकि लोनी विधानसभा को मिलाकर गाजियाबाद लोकसभा सीट का गठन किया गया। 2009 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने यहां से अपने वरिष्ठ नेता और तत्कालीन राष्ट्रीय अध्यक्ष राजनाथ सिंह को उतारा। राजनाथ सिंह कांग्रेस के सुरेंद्र प्रकाश गोयल को 90 हजार वोटों से हराकर चुनाव जीते। 2014 के लोकसभा चुनाव में राजनाथ सिंह लखनऊ से चुनाव लड़े। जबकि गाजियाबाद से बीजेपी ने सेना से रिटायर्ड जनरल वीके सिंह को टिकट दिया। वीके सिंह कांग्रेस के राज बब्बर को हराकर चुनाव जीतने में कामयाब रहे।
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