बिहार चुनाव की घोषणा होते ही नीतीश से मिले पूर्व डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय, जेडीयू में जाना फाइनल, ऐलान बाकी
पटना में जेडीयू सूत्रों का कहना है कि पूर्व डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय का जेडीयू में शामिल होना तय है। सूत्रों का दावा है कि सीएम नीतीश कुमार ने उन्हें बक्सर से विधानसभा का टिकट देने का आश्वासन दिया है। हालांकि जेडीयू का कोई बड़ा नेता अभी पुष्टि नहीं कर रहा है।
चुनाव आयोग द्वारा 25 सितंबर को बिहार विधानसभा चुनाव की तारीखों के ऐलान के बाद राज्य में सियासी हलचल एकदम से तेज हो गई है। चुनावी बिगूल बजते ही राज्य के पूर्व पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) गुप्तेश्वर पांडेय ने शनिवार को बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मुलाकात की। उन्होंने नीतीश कुमार से पटना में जेडीयू कार्यालय में जाकर यह मुलाकात की। इसके बाद उनके जेडीयू में जाने की अटकलें तेज हो गई हैं।
हालांकि गुप्तेश्वर पांडेय अभी भी खुलकर इस मामले में कुछ नहीं बोल रहे हैं। दोपहर में जेडीयू कार्यालय में नीतीश कुमार से मुलााकत के बाद बाहर निकल कर आए गुप्तेश्वर पांडेय ने इस मुलाकात पर पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा, "मैं स्वतंत्र नागरिक हूं। मैं किसी से कभी भी मिल सकता हूं। मेरी नीतीश जी से आज मुलाकात हुई है।"
जेडीयू की सदस्यता ग्रहण करने के फैसले पर उन्होंने कहा कि इस मामले में लेकर कोई बात नहीं हुई है। चुनाव लड़ने के संबंध में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री से राजनीति के संबंध में कोई बात नहीं हुई। उन्हें धन्यवाद देने आया था। उन्होंने कहा कि राजनीति में जाउंगा, तब आप लोगों को बता दूंगा। अभी सेवानिवृत्त हो गया हूं।
लेकिन इस बीच जेडीयू सूत्रों का कहना है कि गुप्तेश्वर पांडेय का जेडीयू की सदस्यता ग्रहण करना तय है। सूत्रों का दावा है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने उन्हें बक्सर से विधानसभा टिकट देने का आश्वासन दिया है। हालांकि जेडीयू का कोई बड़ा नेता इसकी पुष्टि नहीं कर रहा है।
गौरतलब है कि पूर्व डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय ने रिटायरमेंट से 6 महीने पहले एच्छिक सेवानिवृत्ति ले ली है। हालांकि उनके नौकरी से सेवानिवृत्त होकर राजनीति में आने की अटकलें पिछले लंबे समय से चल रही थीं। खासकर जून में बॉलीवुड अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की मौत के बाद से उनकी सक्रियता और बयानबाजी के बाद उनके राजनीति में आने की अटकलें और तेज हो गई थीं। और अंततः चुनाव के ऐलान के ठीक कुछ दिन पहले उन्होंने ऐच्छिक सेवानिवृत्ति का आवेदन दिया और उसे एक दिन में मंजूर कर लिया गया।
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