चुनाव से पहले आरे पर शिवसेना-बीजेपी में रार, उद्धव ने कहा- अपनी सरकार आने पर पेड़ों के कातिलों को नहीं बख्शेंगे
महाराष्ट्र में चुनाव से पहले मुंबई में आरे के जंगलों की कटाई को लेकर राज्य की गठबंधन सरकार में शामिल शिवसेना और बीजेपी आमने-सामने आती दिख रही हैं। इस मुद्दे पर उद्धव ठाकरे का ताजा बयान अपनी ही परंपरागत सहयोगी बीजेपी पर निशाने के तौर पर देखा जा रहा है।
मुंबई के आरे कॉलोनी में मेट्रो प्रोजेक्ट के लिए पेड़ों की कटाई का मुद्दा पूरी तरह से राजनीतिक हो चुका है। ठीक चुनाव से पहले शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने पेड़ों की कटाई को लेकर अपनी ही सहयोगी बीजेपी पर परोक्ष रूप से नाराजगी जताई है। उन्होंने शनिवार को आरे में पेड़ों की कटाई पर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा, “राज्य में आने वाली सरकार हमारी होगी। एक बार सत्ता में आते ही हम आरे के ‘हत्यारों’ से निपटेंगे।”
बता दें कि इसी महीने की 21 तारीख को महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव के लिए मतदान होना है। ऐन मतदान से पहले आरे के जंगलों की कटाई को लेकर राज्य में गठबंधन की सरकार में शामिल शिवसेना और बीजेपी आमने-सामने आती नजर आ रही हैं। चुनाव से पहले आरे के जंगलों की कटाई के मुद्दे पर उद्धव ठाकरे का ताजा बयान अपनी ही परंपरागत सहयोगी बीजेपी पर निशाने के तौर पर देखा जा रहा है।
दरअसल चुनाव से ठीक पहले खड़े हुए इस विवाद को लेकर शिवसेना अलग लाइन लेती नजर आ रही है। उद्धव ठाकरे से पहले उनके बेटे आदित्य ठाकरे ने भी इस मुद्दे पर प्रतिक्रिया दी और आरे कॉलोनी में पेड़ों की कटाई को 'शर्मनाक और घिनौना' करार दिया। केंद्र और राज्य दोनों जगह बीजेपी के साथ सरकार में शामिल शिवसेना के नेता आदित्य ने तो पेड़ों की कटाई कर रहे मुंबई मेट्रो के अधिकारियों को आतंकी शिविर ध्वस्त करने के लिए पीओके भेजने तक की बात कह दी।
आदित्य ठाकरे यहीं नहीं रुके, उन्होंने अपनी पार्टी की तरफ से आरे कॉलोनी में पेड़ों की कटाई का विरोध करने की जानकारी देते हुए कहा कि बहुत से पर्यावरणविदों ने भी पेड़ों की कटाई का विरोध किया है। उन्होंने कहा कि आश्चर्य है कि मुंबई मेट्रो मुंबईकरों के साथ अपराधियों जैसा व्यवहार क्यों कर रही है। आदित्य ठाकरे ने कहा कि मुंबई मेट्रो की ये अहंकारी लड़ाई आरे कॉलोनी को बनाने के उद्देश्य को खत्म कर रही है।
लेकिन इन सब बयानों के पीछे की राजनीति को देखें तो बात साफ हो जाती है कि ठाकरे परिवार के इन बयानों के पीछे आरे के पेड़ों की कटाई से उठा दर्द नहीं, बल्कि बीजेपी के साथ सत्ता संघर्ष में चुनाव से पहले मुंबईकरों के बीच अपनी पैठ बनाना है। क्योंकि सच ये है कि मुंबई की आरे कॉलोनी में में मेट्रो-3 प्रोजेक्ट के लिए कार शेड बनाने की योजना की मंजूरी केंद्र और महाराष्ट्र की सरकार में शिवेसेना के रहते हुए बीएमसी ने दी है, जहां शिवसेना का ही दबदबा है।
बता दें कि बीएमसी की ट्री अथॉरिटी ने 29 अगस्त, 2019 को मेट्रो के कार शेड के लिए आरे कॉलोनी में पेड़ों की कटाई को मंजूरी दी थी। इस निर्माण के लिए यहां के करीब 2600 पेड़ काटे जाने हैं। इतने बड़े पैमाने पर पेड़ों की कटाई के कारण ही इस प्रोजेक्ट का इतने बड़े पैमाने पर विरोध हो रहा है। मेट्रो की इस योजना का आम लोगों से लेकर कई बॉलीवुड हस्तियां भी विरोध कर रही हैं। बीएमसी की मंजूरी के खिलाफ लोगों ने बॉम्बे हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था, लेकिन 4 अक्टूबर को हाईकोर्ट के फैसले से लोगों की उम्मीदों को बड़ा झटका लगा।
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