राज्य की बड़ी आबादी को मुख्यधारा में लाने के लिए लिया आरक्षण बढ़ाने का फैसलाः भूपेश बघेल

छत्तीसगढ़ में आरक्षण की सीमा बढ़ाने के अपने फैसले पर सीएम भूपेश बघेल ने कहा कि राज्य की अधिकतम आबादी ओबीसी, अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति की है और उन्हें मुख्यधारा में लाने और उनके विकास के लिए आरक्षण सीमा बढ़ाने का फैसला लिया गया है।

फोटोः सोशल मीडिया
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आईएएनएस

प्रदेश में आरक्षण की सीमा को बढ़ाकर 72 प्रतिशत करने के अपनी सरकार के फैसले पर छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का कहना है कि राज्य की अधिकतम आबादी ओबीसी, अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति वर्ग की है। उन्हें मुख्यधारा में लाने और उनके विकास के लिए उनकी सरकार ने आरक्षण सीमा बढ़ाने का फैसला किया है। सीएम भूपेश बघेल ने 15 अगस्त को राज्य में आरक्षण की सीमा बढ़ाते हुए ओबीसी समुदाय के आरक्षण को 14 फीसदी से बढ़ाकर 27 फीसदी करने और एससी समुदाय का आरक्षण एक फीसदी बढ़ाने का ऐलान किया था, जिससे राज्य में आरक्षण की सीमा बढ़कर 72 प्रतिशत हो गई है।

सोनिया गांधी को कांग्रेस का अंतरिम अध्यक्ष बनाए जाने के फैसले पर भूपेश बघेल ने कहा कि आम लोगों और कांग्रेस कार्यकर्ताओं को नेहरू-गांधी परिवार पर भरोसा है, इसीलिए सोनिया गांधी को पार्टी का अंतरिम अध्यक्ष बनाया गया है। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी ने ऐलान किया था कि अगर लोकसभा चुनाव में पार्टी की हार होती है तो वह पार्टी का नेतृत्व नहीं करेंगे, और उन्होंने अपना वादा निभाया है। भूपेश बघेल ने कहा, "पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं ने उन्हें मनाने की कोशिश की, लेकिन वह अपने फैसले पर कायम रहे।"

इस सवाल पर कि क्या सोनिया गांधी को अंतरिम अध्यक्ष बनाए जाने से वंशवाद की संस्कृति के विचार को फिर से बढ़ावा नहीं मिला है? बघेल ने कहा, "लोगों को नेहरू-गांधी परिवार पर भरोसा है। दूसरे लोग जो ऐसी बातें कह रहे हैं, उसका कोई मतलब नहीं है। सच्चाई यह है कि कांग्रेस नेताओं और कार्यकर्ताओं का गांधी परिवार पर अधिक भरोसा और निष्ठा है और इसीलिए 10 अगस्त को सोनिया गांधी को अंतरिम अध्यक्ष बनाया गया।"

सोनिया गांधी को अंतरिम अध्यक्ष बनाए जाने का समर्थन करते हुए उन्होंने कहा, "राहुल गांधी चाहते थे कि गांधी परिवार के बाहर का कोई व्यक्ति पार्टी का नेतृत्व करे, लेकिन देश भर से आवाज राहुल गांधी के लिए थी। लेकिन उन्होंने फिर भी अध्यक्ष पद पर रहने से इनकार कर दिया, तो सोनिया गांधी से एक बार फिर यह पद संभालने का अनुरोध किया गया, जिसे उन्होंने पार्टी के कई नेताओं द्वारा अनुरोध करने के बाद स्वीकार किया।"


गांधी परिवार द्वारा देश की आजादी और विकास में दिए गए योगदान को रेखांकित करते हुए उन्होंने कहा, "उनके द्वारा किए गए बलिदानों को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है। गांधी परिवार ने कठिन परिस्थितियों में पार्टी का नेतृत्व किया है, चाहे वह स्वतंत्रता आंदोलन रहा हो या आजादी के बाद देश निर्माण का कठिन दौर हो।"

सोनिया गांधी के राजनीतिक कौशल को याद करते हुए भूपेश बघेल ने कहा, "उन्होंने राजनीति में आने से मना कर दिया था, जिसके बाद (सीताराम) केसरीजी को पार्टी अध्यक्ष बनाया गया। लेकिन बाद में कांग्रेस नेताओं और कार्यकर्ताओं के आग्रह पर वह राजनीति में शामिल हुईं। जब पार्टी ने नेतृत्व को लेकर कई मुद्दों का सामना किया, उनके नेतृत्व में कांग्रेस ने केंद्र में दो बार और कई राज्यों में सरकारें बनाई।" छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री ने कहा, "यह गांधी परिवार के साथ लोगों का अटूट रिश्ता है और यह भरोसा कभी खत्म नहीं होगा।"

जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 और 35ए को निरस्त करने के बीजेपी सरकार के फैसले पर पार्टी में मतभेदों पर उन्होंने कहा, "अनुच्छेद 370 और 35ए के मुद्दों पर, सरकार को विपक्ष और सभी हितधारकों को भरोसे में लेना चाहिए था, जो उन्होंने नहीं किया। उन्होंने अचानक राज्यसभा में प्रस्ताव लाकर सभी को चौंका दिया। जब ऐसी चीजें होती हैं, तो अलग-अलग आवाजें उठती हैं। लेकिन कांग्रेस कार्यकारिणी की बैठक में इसी मुद्दे पर उन्हीं नेताओं की आवाज एक थी।"

छत्तीसगढ़ सीएम ने घाटी में प्रतिबंध और वहां के नेताओं की गिरफ्तारी और नजरबंदी का जिक्र करते हुए कहा, "अचानक से फैसला लेने के कारण मतभेद उभर कर सामने आए। इसके अलावा, जिन लोगों के लिए निर्णय लिया गया, वे पूरी तरह से जारी प्रतिबंधों कीवजह से इससे अनजान थे। जिस तरह से यह सब किया गया, वह असंवैधानिक है।”

चीन के सहयोग से पाकिस्तान के इस मुद्दे को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में उठाने और इसका अंतर्राष्ट्रीयकरण करने की कोशिश पर बघेल ने कहा, "भारत सरकार को यह तय करना होगा कि वह उठाए गए कदम के लिए अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर अपना बचाव करने की योजना कैसे बनाएगी।"

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