घोषणापत्र पर पीएम मोदी की अमर्यादित टिप्पणी के खिलाफ चुनाव आयोग पहुंची कांग्रेस, कार्रवाई की मांग की
सलमान खुर्शीद ने आगे कहा कि हम इस टिप्पणी से बेहद दुखी हैं और हम समझते हैं कि प्रधानमंत्री को ऐसी बात कहने का कोई अधिकार नहीं है। हमने इस मामले को चुनाव आयोग के सामने रखा और उनसे विशेष आग्रह किया है कि वे इसे गंभीरता से लें और इस पर तत्काल कार्रवाई करें।
कांग्रेस के घोषणापत्र पर पीएम मोदी की अमर्यादित टिप्पणी के खिलाफ वरिष्ठ नेता सलमान खुर्शीद के नेतृत्व में पार्टी के एक प्रतिनिधिमंडल ने सोमवार को दिल्ली में चुनाव आयोग के कार्यालय पहुंचकर शिकायत दर्ज कराई। कांग्रेस प्रतिनिधिमंडल ने पार्टी के घोषणापत्र को लेकर पीएम मोदी की मुस्लिम लीग वाली टिप्पणी सहित कई मुद्दों पर आयोग से शिकायत की और कार्रवाई की मांग की। इस प्रतिनिधिमंडल में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री सलमान खुर्शीद, राष्ट्रीय प्रवक्ता पवन खेड़ा समेत कई नेता शामिल थे।
चुनाव आयोग को शिकायत देने के बाद खुर्शीद ने कहा, "प्रधानमंत्री ने अपने भाषणों में जो कहा, उससे हमें बहुत दुख हुआ। उन्होंने हमारे घोषणापत्र के बारे में जो कहा है वह झूठ का पुलिंदा है। आप किसी अन्य दल के घोषणापत्र पर असहमति रख सकते हैं। आप उस पर बहस कर सकते हैं, उसका विश्लेषण कर सकते हैं। लेकिन एक राष्ट्रीय स्तर की पार्टी जो राष्ट्रीय आंदोलन में शामिल रही है, उसके घोषणापत्र के बारे में ऐसा कहना और झूठ कहना बिल्कुल जायज नहीं है।
सलमान खुर्शीद ने आगे कहा कि हम इस टिप्पणी से बेहद दुखी हैं और हम समझते हैं कि प्रधानमंत्री को ऐसी बात कहने का कोई अधिकार नहीं है। हमने इस मामले को चुनाव आयोग के सामने रखा और उनसे विशेष आग्रह किया है कि वे इसे गंभीरता से लें और इस पर तत्काल कार्रवाई करें।
वहीं, कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने कहा कि हमने कई मुद्दे उठाए। प्रधानमंत्री ने जिस तरह से हमारे घोषणापत्र को मुस्लिम लीग का बताया हमने उस पर कड़ी आपत्ति दर्ज कराई है। विश्वविद्यालयों में प्रधानमंत्री के जो होर्डिंग्स लगे हैं, उस पर भी हमने अपनी बात रखी है। बीजेपी के त्रिवेंद्रम के उम्मीदवार राजीव चंद्रशेखर के हलफनामे के विषय में भी हमने अपनी बात रखी है। हलफनामे में कई त्रुटियां हैं। जानबूझकर गलतियां की गई हैं।
पवन खेड़ा ने कहा, जिन यूट्यूब चैनल को सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय बिना बताए बंद कर रही है। यह उनके अधिकार क्षेत्र में नहीं है। चूंकि चुनाव घोषित किए जा चुके हैं। चुनाव आयोग को इसकी सिफारिश करनी चाहिए। मंत्रालय अभी कार्यवाहक सरकार का है। उसके पास यह अधिकार नहीं है कि वह अभिव्यक्ति की आजादी पर इस तरह की पाबंदियां लगाए।
गौरतलब है कि प्रधानमंत्री मोदी ने उत्तर प्रदेश के सहारनपुर में चुनावी सभा में कहा था कि कांग्रेस के घोषणापत्र में वही सोच झलकती है, जो आजादी के आंदोलन के समय मुस्लिम लीग में थी। कांग्रेस के घोषणा पत्र में पूरी तरह मुस्लिम लीग की छाप है और इसका जो कुछ हिस्सा बचा रह गया, उसमें वामपंथी पूरी तरह हावी हो चुके हैं। कांग्रेस इसमें दूर-दूर तक दिखाई नहीं देती है।
पीएम की टिप्पणी पर पलटवार करते हुए कांग्रेस ने बीजेपी पर बांटने की राजनीति करने का आरोप लगाया था और दावा किया था कि प्रधानमंत्री ध्यान भटकाने की रणनीति अपना रहे हैं। कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा था, प्रधानमंत्री को अपना इतिहास नहीं मालूम है, क्योंकि कोई और नहीं बल्कि मुखर्जी ही थे जो उस समय हिंदू महासभा के अध्यक्ष थे और मुस्लिम लीग के साथ बंगाल में गठबंधन सरकार का हिस्सा थे। उन्होंने कहा कि हिंदू महासभा सिंध और उत्तर-पश्चिम सीमांत प्रांत में मुस्लिम लीग के साथ गठबंधन में भी थी। रमेश ने कहा कि कांग्रेस बांटने की राजनीति में भरोसा नहीं करती है।
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