बेंगलुरू में 250 किलो सेब की माला से डीके शिवकुमार का स्वागत, समर्थकों के बीच बोले- झुकुंगा नहीं, लड़ता रहूंगा
वरिष्ठ कांग्रेस नेता डीके शिवकुमार का बेंगलुरू में फूलों की माला के साथ 250 किलों सेब की माला पहनाकर समर्थकों ने स्वागत किया। इस दौरान उन्होंने एक बार फिर दोहराया कि वह समर्पण नहीं करेंगे बल्कि इंसाफ के लिए लड़ेते रहेंगे।
कर्नाटक की कांग्रेस के वरिष्ठ नेता डीके शिवकुमार मनी लॉन्ड्रिंग केस में जमानत पर रिहा होने के बाद शनिवार को दिल्ली से बेंगलुरू पहुंचे। उनके पहुंचने की खुशी में एयरपोर्ट पर हजारों समर्थकों का जमावड़ा लग गया था। इस दौरान फूल-मालाओं से उन्हें लादने के बाद खुशी में उत्साहित कार्यकर्ताओं ने 250 किलो सेब की माला पहनाकर उनका स्वागत किया। वजन से काफी भारी इस माला को दो क्रेनों के मदद से उठाकर डीके शिवकुमार को पहनाया गया।
कर्नाटक के प्रभावशाली नेता शिवकुमार के स्वागत में जनता दल-सेक्युलर (जेडीएस) नेता और राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी भी वहां पहुंचे और उनके साथ मौजूद रहे। इस दौरान हवाई अड्डे के बाहर जुटे हजारों कार्यकर्ताओं और समर्थकों ने जमकर पटाखे भी फोड़े। इस दौरान डीके शिवकुमार ने एक बार फिर दोहराया कि वह झुकने वाले नहीं हैं, बल्कि इंसाफ के लिए लड़ते रहेंगे।
साथ ही उन्होंने कहा कि उनके साथ जो कुछ भी हुआ उसने उन्हें कमजोर नहीं किया बल्कि और अधिक ताकत दिया है, जिससे वह और मजबूती के साथ लड़ाई जारी रखेंगे। गौरतलब है कि कर्नाटक के पूर्व मंत्री डीके शिवकुमार को मनी लॉन्ड्रिंग केस में 3 सितंबर को प्रवर्तन निदेशालय ने गिरफ्तार किया था। जिसके बाद से वह दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद थे। निचली अदालत से जमानत नहीं मिलने को उन्होंने हाई कोर्ट में चुनौती दी थी, जहां से बुधवार को 25 लाख रुपए के निजी मुचलके पर उन्हें जमानत दे दी गई।
ट्रायल कोर्ट के जमानत नहीं देने के फैसले के खिलाफ उनकी याचिका पर फैसला देते हुए दिल्ली हाईकोर्ट ने सभी केंद्रीय एजेंसियों की दलीलें खारिज कर दीं। जस्टिस सुरेश कैत शिवकुमार को जमानत देते हुए कहा कि ना तो उनके विदेश भागने की आशंका है और ना ही वह सबूतों के साथ छेड़छाड़ कर सकते हैं, क्योंकि मामले के सारे दस्तावेज जांच एजेंसियों के पास हैं। साथ ही जांच एजेंसियों के पास यह साबित करने के लिए भी कोई सबूत नहीं है कि उन्होंने गवाहों को प्रभावित किया है।
बता दें कि डीके शिवकुमार ने अपने ऊपर लगे आरोपों से इनकार करते हुए इन्हें राजनीतिक प्रतिशोध की भावना से की गई कार्रवाई बताया है। उनका आरोप है कि साल 2017 में गुजरात की राज्यसभा सीटों के चुनाव के दौरान दलबदल से कांग्रेस विधायकों की सुरक्षा करने में खास भूमिका निभाने और कर्नाटक में चुनाव के बाद कांग्रेस-जेडीएस सरकार बनवाने में मुख्य भूमिका निभाने की वजह से राजनीतिक प्रतिशोध की भावना से उनके खिलाफ कार्रवाई की जा रही है।
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