चंद्रबाबू ने जिन योजनाओं को दिया था एनटीआर का नाम, जगन अब कर रहे हैं उन्हें अपने पिता वाईएसआर के नाम
राज्य में टीडीपी शासन के दौरान योजनाओं के नाम टीडीपी संस्थापक और पूर्व सीएम एन टी रामाराव के नाम पर रखे गए थे। अब जगन मोहन रेड्डी सरकार में नई योजनाओं के साथ ही पुरानी योजनाओं का नाम उनके पिता और पूर्व मुख्यमंत्री वाई एस राजशेखर के नाम पर रखा जा रहा है।
आंध्र प्रदेश में जिस तरह पिछली तेलुगू देशम पार्टी (टीडीपी) सरकार द्वारा लागू लगभग सभी योजनाओं का नाम एनटीआर के नाम पर रखा गया था, उसी तरह वाईएसआरसीपी सरकार द्वारा शुरू की जा रही नई योजनाओं के नाम भी वाईएसआर के नाम पर रखे जा रहे हैं। वाईएस जगन मोहन रेड्डी के नेतृत्व वाली वाईएसआर कांग्रेस पार्टी की सरकार, न केवल टीडीपी सरकार द्वारा शुरू की गई परियोजनाओं की जांच कर रही है, बल्कि कई कल्याणकारी योजनाओं का नाम भी बदल रही है।
टीडीपी शासन के दौरान लागू की गई योजनाओं को टीडीपी के संस्थापक और पूर्व मुख्यमंत्री एन टी रामाराव के नाम पर एनटीआर रखा गया था। वहीं जगन मोहन रेड्डी सरकार द्वारा शुरू योजनाओं को जगन मोहन के पिता और पूर्व मुख्यमंत्री वाई एस राजशेखर रेड्डी के नाम प्रचलित नाम वाईएसआर पर रखा जा रहा है। इसके तहत जून में हुई पहली कैबिनेट बैठक में गरीबों के लिए मुफ्त स्वास्थ्य योजना 'एनटीआर वैद्य सेवा' का नाम बदलकर 'वाईएसआर आरोग्यश्री' कर दिया गया है।
दिलचस्प बात यह है कि साल 2004 और 2009 के बीच अविभाजित आंध्र प्रदेश के कांग्रेस मुख्यमंत्री के रूप में वाईएसआर ने अपनी कई कल्याणकारी योजनाओं का नाम पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी और राजीव गांधी के नाम पर रखा था। सबसे पहले उन्होंने ही पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के नाम पर गरीबों के लिए मुफ्त स्वास्थ्य योजना 'राजीव आरोग्यश्री' योजना की शुरुआत की थी। जिसे बाद में टीडीपी सरकार में बदलकर एनटीआर के नाम पर कर दिया गया और अब उसका नाम फिर से बदलकर वाईएसएआर के नाम पर कर दिया गया है।
इसके अलावा वाईएसआरसीपी सरकार ने सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजना 'एनटीआर भरोसा' का नाम बदलकर 'वाईएसआर पेंशन कनुका' कर दिया है। चुनाव प्रचार के दौरान जगन रेड्डी द्वारा किए गए प्रमुख वादों का नाम भी उनके दिवंगत पिता के एक प्रचलित नाम 'नवरत्नालु' (नौ रत्न) पर रखा गया है। इसके साथ ही 'रायथु बंधु' योजना का नाम वाईएसआर के नाम पर रखा गया है। इस लघु वित्तीय सहायता योजना को टीडीपी शासन के दौरान 'अन्नदाता सुखी भव' कहा जाता था। स्कूलों में बच्चों के नामांकन के लिए पिछली सरकार की 'बदी पिलुस्तोंदी' को 'राजअन्ना बदी माता' के रूप में फिर से शुरू किया गया है। राजअन्ना भी वाईएसआर का एक लोकप्रिय नाम था।
इसके साथ ही वाईएसआरसीपी सरकार ने ‘अन्ना कैंटीनों’ को नए नाम से फिर से खोलने की योजना बनाई है। टीडीपी सरकार ने पिछले साल 200 से अधिक अन्ना कैंटीन खोले थे, जो गरीबों को मात्र 5 रुपये में भोजन उपलब्ध कराती थीं। एनटीआर की याद में कैंटीन का नाम ‘अन्ना’ भी रखा गया था, जिन्हें प्यार से 'अन्ना' (बड़े भाई) कहा जाता था। वहीं अब नई सरकार 'राजअन्ना कैंटींस' के नाम से इस योजना की फिर से शुरुआत करने की योजना बना रही है। राजअन्ना वाईएसआर का ही एक नाम है।
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