जनता की भावनाओं को समझते ही ‘400 पार’ का नारा भूल गयी BJP: अखिलेश यादव
अखिलेश ने संभल में में कहा कि पहले चरण में पश्चिम से जो हवा चली उसने बीजेपी को पलटने का काम किया, उनकी सरकार को बदलने का काम किया। दूसरे चरण में भी वही दिखा, लोग बीजेपी को स्वीकार नहीं कर रहे। तीसरे चरण में अब आपकी जिम्मेदारी है।
समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने आम चुनाव के तीसरे चरण में बीजेपी को एक भी सीट नहीं मिलने का दावा करते हुए रविवार को कहा कि जनता की भावनाओं को समझ सत्तारूढ़ दल 400 पार का नारा भूल गया है। सपा प्रमुख ने संभल में पार्टी उम्मीदवार जिया-उर-रहमान बर्क के समर्थन में आयोजित चुनावी जनसभा को संबोधित करते हुए कहा, ''बीजेपी ने 400 पार का नारा दिया। जैसे ही दूसरा चरण समाप्त हुआ, (वे) 400 पार का नारा भूल गये।''
सपा प्रमुख ने कहा, ''बीजेपी के लोगों को हवा का रुख पता नहीं था, इसलिए 400 पार कह रहे थे और जब दो चरणों के चुनावों में जनता की भावना समझ गए कि जनता 400 सीटें हराने जा रही है तो बीजेपी अपना नारा भूल गयी।'' उन्होंने कहा, ''पहले चरण में पश्चिम से जो हवा चली उसने बीजेपी को पलटने का काम किया, उनकी सरकार को बदलने का काम किया। दूसरे चरण में भी वही दिखा, लोग बीजेपी को स्वीकार नहीं कर रहे। तीसरे चरण में अब आपकी जिम्मेदारी है।''
अखिलेश यादव ने संभल से अपना रिश्ता जोड़ते हुए कहा, ''इस हिस्से से लेकर हमारे घर (इटावा-मैनपुरी) तक चुनाव है। इस क्षेत्र (संभल) से नेताजी (मुलायम सिंह यादव) भी सांसद रह चुके हैं। यहां से लेकर मैनपुरी तक वोट पड़ने जा रहा है। इस चरण में मैं कह सकता हूं कि बीजेपी का किसी भी लोकसभा में खाता नहीं खुलने वाला।'' सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव 1998 और 1999 में दो बार संभल लोकसभा क्षेत्र से सांसद रह चुके हैं।
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि जब उन सीट की गिनती हो जहां बीजेपी सबसे ज्यादा मतों से हारी हो, तो उनमें संभल संसदीय सीट का भी नाम होना चाहिए। यादव ने कहा, ''यह चुनाव श्रद्धांजलि देने का भी चुनाव है। हम लोगों ने टिकट बहुत लोकप्रिय शफीक-उर- रहमान बर्क साहब को दिया लेकिन वह हमारे बीच नहीं रहे। यह श्रद्धांजलि देने का चुनाव है। वहीं जिंदादिल यादों का भी चुनाव है। वह अपने लोगों के हक अधिकार के लिए हमेशा खड़े रहते थे।''
संभल से सपा सांसद शफीक-उर-रहमान बर्क चुनाव में पार्टी के उम्मीदवार घोषित किये गए थे लेकिन उसी दौरान उनका निधन हो गया था, जिसके बाद उनके बेटे को यहां से टिकट दिया गया। सपा अध्यक्ष ने दावा किया कि यह चुनाव संविधान मंथन का चुनाव है, क्योंकि एक तरफ वो लोग हैं जो संविधान को खत्म करना चाहते हैं और दूसरी ओर विपक्षी दलों का गठबंधन ‘इंडिया’ और समाजवादी लोग हैं, जो संविधान की रक्षा करना चाहते हैं। उन्होंने दावा किया, “एक तरफ संविधान के रक्षक लोग हैं और दूसरी तरफ संविधान के भक्षक लोग हैं।''
अखिलेश ने आरोप लगाया, ''संविधान को समाप्त करने और हमारा-आपका वोट का अधिकार छीनने के लिए भारतीय जनता पार्टी साजिश कर रही है, इसलिए यह चुनाव संविधान को और अपने अधिकार को बचाने का चुनाव है।'' उन्होंने कहा कि जो लोग संविधान बदलने निकले हैं, उनको जनता बदल देगी। यादव ने बीजेपी पर किसानों को अपमानित करने का आरोप लगाते हुए कहा, “समाजवादी-‘इंडिया’ गठबंधन की सरकार किसानों का कर्ज माफ करेगी। किसानों को सुविधाएं देगी। फसलों की एमएसपी की गारंटी देगी।”
सपा प्रमुख ने बीजेपी पर किसानों की तरह नौजवानों को भी धोखा देने का आरोप लगाया और कहा कि सत्तारूढ़ दल ने नौजवानों के लिए हर साल दो करोड़ नौकरी देने का वादा किया था, लेकिन बीजेपी जब से सरकार में आयी है, हर भर्ती परीक्षा के पेपर लीक हो रहे हैं। यादव ने कहा कि बीजेपी सरकार ने सेना में स्थायी भर्ती समाप्त कर ‘अग्निवीर’ योजना लाकर चार साल की नौकरी कर दी। उन्होंने पुलिसकर्मियों को लेकर अंदेशा जाहिर किया कि यह सरकार खाकी वर्दी वालों की भी ‘अग्निवीर’ की तरह ही तीन साल की नौकरी कर देगी।
लोकसभा चुनाव के पहले चरण में 19 अप्रैल को उत्तर प्रदेश में आठ और दूसरे चरण में 26 अप्रैल को आठ सीट पर मतदान हुआ और ये ज्यादातर सीट पश्चिमी उत्तर प्रदेश की हैं। तीसरे चरण में 10 सीट- संभल, हाथरस, आगरा, फतेहपुर सीकरी,फिरोजाबाद, मैनपुरी, एटा, बदायूं, आंवला और बरेली में 7 मई को मतदान होगा। प्रदेश की कुल 80 सीट पर सभी सात चरणों में मतदान प्रस्तावित है।
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