बिहारः नीतीश कैबिनेट के विस्तार पर NDA में बवाल, घटक दलों के साथ बीजेपी-जेडीयू में भी नाराजगी
दो दिन पहले नीतीश कैबिनेट के विस्तार में 17 नए मंत्री सरकार में शामिल किये गए, जिसके बाद एनडीए गठबंधन में शामिल मुकेश सहनी ने नाराजगी जाहिर की, फिर एनडीए की सबसे बड़ी पार्टी बीजेपी से विरोध के स्वर उठे और अब जेडीयू के एक विधायक ने भी नाराजगी जाहिर कर दी है।
बिहार में पिछले साल नवंबर में विधानसभा चुनाव के बाद बनी नीतीश सरकार में पहली बार हुए मंत्रिमंडल विस्तार के बाद 'नाराजगी' के स्वर घटक दलों के साथ-साथ भारतीय जनता पार्टी और जनता दल (युनाइटेड) में भी उभरने लगे हैं। ऐसे में तय माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में इस नाराजगी के कई नए रूप सामने आएंगे।
बिहार में बीते मंगलवार को मंत्रिमंडल विस्तार में 17 नए मंत्रियों को पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई गई थी। इसके बाद एनडीए की धुरी और बिहार में गठबंधन की सबसे बड़ी पार्टी बीजेपी से भी विरोध के स्वर उठने लगे। दरअसल पटना के बाढ़ से विधायक और वरिष्ठ नेता ज्ञानेंद्र सिंह ज्ञानु ने नाराजगी जताते हुए सवर्णों की उपेक्षा और दागियों को मंत्रिमंडल में शामिल करने तक का आरोप लगा दिया।
इसके बाद से ही कयास लगाए जाने लगे थे कि जेडीयू में भी देर-सबेर नाराजगी उभर कर सामने आएगी। आज जेडीयू के एक विधायक ने भी नाराजगी जाहिर कर ही दी। गोपालपुर विधानसभा से जेडीयू के विधायक नरेंद्र कुमार नीरज उर्फ गोपाल मंडल मंत्रिमंडल में जगह नहीं मिलने से नाराज हैं। मंडल ने बताया कि आलाकमान से आश्वासन मिला था कि उन्हें मंत्री बनाया जाएगा।
हालांकि, उन्होंने सीधे तौर पर नाराजगी की बात से इनकार किया, लेकिन कहा, "मैं मंत्री पद नहीं मिलने पर आश्चर्यचकित हूं। पूरे बिहार में जाति का सबसे मजबूत नेता हूं। मेरी दावेदारी अन्य सभी विधायकों से ज्यादा मजबूत है। मंत्री बनने को लेकर आश्वस्त था।" हालांकि उन्होंने आगे यह भी जोड़ा कि "मुझमें ही कोई कमी रह गई होगी, तभी तो नहीं बनाया।" उन्होंने बताया कि वे शीघ्र ही जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष आरसीपी सिंह और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मिलेंगे।
इससे पहले सरकार में मंत्री और एनडीए में शामिल विकासशील इनसान पार्टी के प्रमुख मुकेश सहनी ने उपेक्षा का आरोप लगाते हुए नाराजगी जाहिर करते हुए बयान दिए थे और इस मामले को लेकर बीजेपी के पूर्व अध्यक्ष और गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात करने की बात कही थी। इसी तरह के बयान जीतनराम मांझी की ओर से भी आए थे। लेकिन ये नारजगी अब छोटे घटक दलों तक ही सीमित नहीं रही है।
इधर, बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल ने गुरुवार को कहा कि सभी लोगों को मंत्री बनने की इच्छा होती है, लेकिन कुछ ही लोग मंत्री बनते हैं। विधायक ज्ञानु की नाराजगी के संबंध में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि यह परिवार का मामला है, इसे ज्यादा तूल देने की जरूरत नहीं है। मिलकर सबकुछ ठीक कर लिया जाएगा।
बहरहाल, इस नाराजगी को लेकर विपक्ष वेट और वॉच की स्थिति में है। विपक्ष के नेता अभी इस मसले पर ज्यादा कुछ भी खुलकर नहीं बोल रहे हैं।
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