बंगाल उपचुनाव: शत्रुघ्न सिन्हा ने आसनसोल में रचा इतिहास, बालीगंज में बाबुल सुप्रियो की शानदार जीत
पश्चिम बंगाल की आसनसोल लोकसभा और बालीगंज विधानसभा, दोनों सीटों पर हुए उपचुनाव के परिणाम शनिवार को घोषित हुए, जिसमें तृणमूल कांग्रेस के उम्मीदवारों ने जीत हासिल की। इस लोकसभा क्षेत्र के निर्माण के बाद से आसनसोल से तृणमूल उम्मीदवार की यह पहली जीत है।
पश्चिम बंगाल की आसनसोल लोकसभा और बालीगंज विधानसभा, दोनों सीटों पर हुए उपचुनाव के परिणाम शनिवार को घोषित हुए, जिसमें तृणमूल कांग्रेस के उम्मीदवारों ने जीत हासिल की। इस लोकसभा क्षेत्र के निर्माण के बाद से आसनसोल से तृणमूल उम्मीदवार की यह पहली जीत है।
हालांकि चुनाव आयोग द्वारा दोनों निर्वाचन क्षेत्रों के लिए जीत का अंतिम अंतर घोषित किया जाना बाकी है, लेकिन मतगणना केंद्रों से उपलब्ध आंकड़ों ने दोनों निर्वाचन क्षेत्रों में तृणमूल की जीत की पुष्टि की।
बालीगंज विधानसभा उपचुनाव में तृणमूल उम्मीदवार और गायक से राजनेता बने बाबुल सुप्रियो ने अपनी निकटतम प्रतिद्वंद्वी, मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी की सायरा शाह हलीम को लगभग 20,000 मतों से हराया।
आसनसोल लोकसभा उपचुनाव में तृणमूल उम्मीदवार और अभिनेता से राजनेता बने शत्रुघ्न सिन्हा ने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी, भाजपा के अग्निमित्र पॉल को 2.97 लाख से अधिक मतों के अंतर से हराया।
हालांकि, बल्लीगंज में तृणमूल की जीत का अंतर इस बार 2021 की तुलना में काफी कम रहा। तृणमूल उम्मीदवार और राज्य के पूर्व मंत्री दिवंगत सुब्रत मुखर्जी ने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी, भाजपा के लोकनाथ चटर्जी को 75,359 मतों के बड़े अंतर से हराया था।
मुखर्जी का पिछले साल नवंबर में निधन हो गया था, जिस कारण बालीगंज में उपचुनाव जरूरी हो गया था।
बल्लीगंज विधानसभा क्षेत्र के सात नगरपालिका वार्डो में से दो अल्पसंख्यक बहुल वार्डो - 64 और 65 में सायरा शाह हलीम, बाबुल सुप्रियो से आगे रहीं। बालीगंज में बीजेपी की कीया घोष तीसरे और कांग्रेस के कमरुज्जमा चौधरी तीसरे स्थान पर रहे। आसनसोल में माकपा के पार्थ मुखर्जी और कांग्रेस के प्रसेनजीत पतितुंडी क्रमश: तीसरे और चौथे स्थान पर रहे।
साल 2019 के लोकसभा चुनावों में सुप्रियो ने भाजपा उम्मीदवार के रूप में आसनसोल से तृणमूल उम्मीदवार और अभिनेत्री से नेता बनी मुनमुन सेन को 1,97,637 मतों के बड़े अंतर से हराया था। हालांकि, 2021 के पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनावों के बाद सुप्रियो तृणमूल में शामिल हो गए और आसनसोल के सांसद के रूप में भी इस्तीफा दे दिया, जिस कारण उपचुनाव जरूरी हो गया था।
आईएएनएस के इनपुट के साथ
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